दिल्ली के जहाँगीरपुरी में बुलडोजर चलने पर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया हुई है। किसी ने इसे 'बुलडोजर की राजनीति' क़रार दिया तो किसी ने कहा कि लोकतंत्र पर हमला है। किसी ने आरोप लगाया कि क्या अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश की भी परवाह नहीं है?
इस तरह के आरोप इसलिए लगे कि जब उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने कार्रवाई शुरू की तो इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने उस कार्रवाई पर स्टे दे दिया और यथास्थिति बनाए रखने के लिए कहा। लेकिन मीडिया में रिपोर्टें आती रहीं कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी बुलडोजर से कार्रवाई जारी रखी गयी।
अदालत के आदेश के बाद भी कार्रवाई जारी रहने पर याचिकाकर्ताओं के वकील दुष्यंत दवे ने सीजेआई के सामने फिर से इस मामले को रखा। सीजेआई ने सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री से कहा कि वह संबंधित अफसरों तक अदालत के इस आदेश को पहुंचाएं। इस तरह कुछ ही देर में अदालत ने दो बार इस मामले में निर्देश जारी किया। तब जाकर जहाँगीरपुरी में कार्रवाई रुकी।
लेकिन तब तक सोशल मीडिया पर इस घटनाक्रम को लेकर तीखी प्रतिक्रिया हुई।
पत्रकार रोहिणी सिंह ने मौक़े की लाइव रिपोर्टिंग के एक वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा, 'एमसीडी को सुप्रीम कोर्ट की परवाह नहीं है। महापौर अब सुप्रीम कोर्ट जजों को उनकी हैसियत दिखा रहे हैं! नया भारत।'
विनोद कापड़ी ने एक भवन के बाहरी हिस्से को बुलडोजर से ध्वस्त करने वाले वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा, 'ये नरेंद्र मोदी और अमित शाह का अहंकार है, जो भारत के सर्वोच्च न्यायालय की भी अवमानना कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट को अपना मान सम्मान बचाना है तो इन दोनों के ख़िलाफ़ अवमानना की कार्रवाई करनी चाहिए और ऐसा कड़ा संदेश देना चाहिए कि कई सदियों तक कोई अहंकारी प्रधानमंत्री ऐसा ना कर सके।'
यूथ कांग्रेस नेता श्रीनिवास बीवी ने ट्वीट किया है, 'बुलडोजर, भारत और लोकतंत्र...क्योंकि सत्ता की 'बुलडोजर' पर 'बुजदिल' सवार है!'
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया है, 'चीन ने हमारी सीमा में दो गाँव बसा लिए लेकिन बुलडोज़र तो दूर इनकी हिम्मत नहीं उसके बारे में दो शब्द भी बोल सकें। बुलडोजर सिर्फ जाति धर्म देख कर ही चलायेंगे या राष्ट्र की एकता,अखंडता व संविधान की भी चिंता करेंगे?...'
रिटायर्ड आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने राहत इंदौरी के शब्द 'लगेगी आग तो आएंगे घर कई जद में, यहां पे सिर्फ हमारा मकान थोड़ी है' को ट्वीट करते हुए लिखा है- 'झा जी पान भंडार' वाले भी न बच पाए?
अनमोल प्रीतम ने एक वीडियो साझा करते हुए लिखा है कि 'जहाँगीरपुरी में मसजिद पर बुलडोजर चला, लेकिन मंदिर को छोड़ दिया।'
सुप्रिया श्रीनेट ने ट्वीट किया है कि सुप्रीम कोर्ट की भी नहीं मान रहे हैं अहंकारी। उन्होंने अरविंद केजरीवाल की चुप्पी और मुख्यधारा के मीडिया पर भी सवाल उठाए हैं।
श्याममीरा सिंह ने लिखा है कि बुलोज़र को रोकने के लिए सीपीएम नेता वृंदा करात खड़ी हो गईं, ये काम दूसरे नेता भी करें तो कितनों के घर बच जाएँ।
बता दें कि मंगलवार को दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने उत्तरी एमसीडी के मेयर को पत्र लिखकर अवैध निर्माणों को चिन्हित करने और उन्हें गिराने की मांग की थी। उत्तरी एमसीडी की ओर से उत्तर पश्चिम जिले के डीसीपी को पत्र लिखकर अतिक्रमण हटाने के अभियान के लिए 400 पुलिसकर्मियों की तैनाती करने की मांग की गई थी। इसमें महिला पुलिस कर्मचारियों की भी मांग की गई थी।
कार्रवाई उस जहांगीरपुरी में की गई जहाँ बीते गुरुवार को हनुमान जयंती के मौक़े पर निकाले गए जुलूस के दौरान हिंसा हुई थी।