ट्रंप 'झूठ' बोलने लगे. चैनलों ने लाइव रोक दिया

08:53 am Nov 07, 2020 | अमित कुमार सिंह - सत्य हिन्दी

क्या किसी देश के राष्ट्रपति या राष्ट्र प्रमुख का भाषण टीवी चैनल बीच में ही रोक सकते हैं और यदि वह दुनिया के सबसे ताक़तवर देश अमेरिका का प्रमुख हो तो क्या इसकी कल्पना भी की जा सकती है! वह भी ऐसे वक़्त में जब कहा जा रहा है कि यह अमेरिकी इतिहास में सबसे अहम चुनाव है। यह कोरी कल्पना नहीं सचाई है। वह भी 'झूठ' के ख़िलाफ़! ट्रंप के 'झूठ' के ख़िलाफ़! डोनल्ड ट्रंप भाषण दे रहे थे और कई अमेरिकी टीवी चैनलों ने बीच में ही उनके प्रसारण को रोक दिया। इस तरह का क़दम शायद ही किसी देश का मीडिया उठा पाए!

दरअसल, मामला यह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप अमेरिकी चुनाव नतीजों पर प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर रहे थे। अभी तक जो भी चुनावी रूझान आए हैं उनमें ट्रंप काफ़ी पिछड़ गए हैं और कहा जा रहा है कि उनके विरोधी जो बाइडन चुनाव जीतने की ओर अग्रसर हैं। इसी को लेकर वह गुरुवार रात ह्वाइट हाउस से प्रेस को संबोधित कर रहे थे और उनके इस संबोधन का तमाम चैनल लाइव प्रसारण दिखा रहे थे। इसी दौरान ट्रंप ने चुनाव को लेकर ऐसी बातें कहीं जिनकी आधिकारिक तौर पर कहीं पुष्टि नहीं की गई है। 

ट्रम्प ने अपने संबोधन में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर कई निराधार दावे किए। इसी दौरान उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि 'यदि आप वैध वोटों की गिनती करें तो मैं आसानी से जीत गया। यदि आप अवैध वोटों की गिनती करते हैं तो वे हमसे चुनाव चुरा रहे हैं।' ट्रंप इसके बाद भी बोलना जारी रखते हैं। इसके बाद वह कहते हैं कि वह फ़्लोरिडा, इंडियाना, ओहायो सहित कई महत्वपूर्ण राज्यों के चुनाव जीत चुके हैं। 

ट्रंप चुनाव पर यह सब बोल रहे थे इसी बीच कई चैनलों ने उनके लाइव प्रसारण बंद कर दिए और उनके 'झूठ' को लेकर टिप्पणी भी की।

ट्विटर पर लोगों ने लाइव कवरेज के दौरान ट्रंप के भाषण को रोके जाने की वीडियो क्लिप को ट्वीट भी किया है। लॉरेन पीकॉफ़ नाम के ट्विटर यूज़र ने एमएसएनबीसी न्यूज़ चैनल की एक वीडियो क्लिप को ट्वीट करते हुए लिखा है, 'यही वह क्षण है जब एमएसएनबीसी ने मंच पर राष्ट्रपति के भाषण को रोक दिया।' 

एमएसएनबीसी के इस वीडियो में सुना जा सकता है कि ट्रंप के भाषण को सिर्फ़ रोका ही नहीं गया बल्कि सख़्त टिप्पणी भी की गई। 

एमएसएनबीसी के एंकर ब्रायन विलियम्स ने कहा, 'बहरहाल, यहाँ हम फिर से न केवल संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति को बाधित कर रहे हैं, बल्कि संयुक्त राज्य के राष्ट्रपति को सही बताने की असामान्य स्थिति में हैं।' एंकर इसमें यह भी कहते हैं कि हम अभी तक यह नहीं जानते हैं कि कोई 'अवैध वोट' है और 'ट्रंप की जीत' हुई है। इसके बाद वह अपने प्रमुख संवाददाता से बात करते हैं। संवादाता साफ़-साफ़ कहते हैं कि ट्रंप 'ग़लत' बोल रहे हैं।

वीडियो में चर्चा देखिए, क्या जीत गए जो बाइडन

दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित अख़बारों में से एक न्यूयॉर्क टाइम्स ने भी ऐसी ही रिपोर्ट दी है। इसने लिखा है कि एबीसी, सीबीसी और एनबीसी नेटवर्कों ने ह्वाइट हाउस में राष्ट्रपति की प्रेस कॉन्फ़्रेंस के भाषण को बीच में ही काट दिया। इसके साथ ही उन नेटवर्कों ने सही तथ्यों की भी जानकारी दी है।

रिपोर्ट के अनुसार, 'एनबीसी नाइटली न्यूज़ के एंकर लेस्टर होल्ट ने कहा,

हमें यहाँ रुकना पड़ रहा है क्योंकि राष्ट्रपति ने कई झूठे बयान दिए हैं, जिसमें यह धारणा भी शामिल है कि फर्जी मतदान हुआ है। ...इसका कोई सबूत नहीं है।


लेस्टर होल्ट, एंकर, एनबीसी नाइटली न्यूज़'

एबीसी चैनल पर एंकर डेविड मुईर ने प्रसारण को रोक दिया और दर्शकों से कहा, 'यहाँ तथ्य की जाँच करने के लिए बहुत कुछ है।' सीबीएस संवाददाता नैन्सी कॉर्डेस ने ट्रम्प के कई आधारहीन बयानों पर लगभग 90 सेकंड तक रिपोर्टिंग की।

बता दें कि रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनल्ड ट्रंप ने गुरुवार की रात एक बार फिर ज़ोर देकर कहा है कि वोटों की गिनती रोक देनी चाहिए। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि इस 'धोखाधड़ी को रोका जाना चाहिए।' इसके साथ ही ट्रंप ने पेनसिलविनिया के अटॉर्नी जनरल को पद से हट जाने को कहा। उन्होंने कहा कि यह मांग बढ़ रही है कि अटॉर्नी जनरल पद से हट जाएँ।

बता दें कि पेनसिलविनिया में वोटों की गिनती में जब ट्रंप आगे थे तब वह नहीं चाहते थे कि आगे की गिनती हो। उन्होंने माँग की थी कि पोस्टल बैलट की गिनती न हो, वे जीत चुके हैं। 

ट्रंप पर लगातार झूठ बोलते रहने के आरोप लगते रहे हैं। हाल ही में ट्रंप की बहन मैरीन ट्रम्प बैरी ने ही डोनल्ड ट्रंप को झूठा क़रार दिया था। उन्होंने कहा था एक ऐसा ‘झूठा’ शख़्स जिसका 'कोई प्रिंसिपल' नहीं है यानी आचार व्यवहार नहीं है।

ये ऑडियो रिकॉर्डिंग 2018 और 2019 की थी। इस ऑडियो को मैरीन की भतीजी मैरी एल ट्रम्प ने चोरी-छिपे रिकॉर्ड किया था। इन ऑडियो रिकॉर्डिंग को अमेरिका के प्रतिष्ठित अख़बार वाशिंगटन पोस्ट ने इसी साल अगस्त महीने में अपनी वेबसाइट पर पोस्ट किया था और इस पर ख़बर भी प्रकाशित की थी। 

2017 तक ही 10 हज़ार 'झूठ' बोल चुके थे

वैसे, 'वाशिंगटन पोस्ट' और ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ट्रंप के झूठ पर कई ख़बरें छाप चुके हैं। जून, 2017 में ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने ट्रंप के झूठ और ग़लत तथ्यों की एक सूची छापी थी। अख़बार ने लिखा था कि अमेरिका के इतिहास में ऐसा कोई भी राष्ट्रपति नहीं पैदा हुआ है जिसने झूठ बोलने में इतना वक़्त गँवाया हो। अमेरिका के तमाम मीडिया हाउसों ने राष्ट्रपति बनने के बाद से ट्रंप के दस हज़ार से ज़्यादा झूठों का संकलन किया है। इस तरह कल्पना की जा सकती है कि 2017 के बाद इन तीन सालों में ट्रंप ने कितने 'झूठ' बोले होंगे।

अमेरिका में मीडिया हर रोज़ कोई न कोई पत्रकारिता की नई मिसाल पेश करता रहा है। क्या भारत सहित दूसरे देशों में कभी ऐसा हो सकता है!