यूएस राष्ट्रपति ट्रम्प ने अपने दूसरे कार्यकाल में रूस-यूक्रेन युद्ध रुकवाने की पहल शुरू कर दी है। ट्रम्प ने बुधवार को पुतिन के साथ एक “लंबी” फ़ोन कॉल पर बात की। इस कॉल को काफी उत्साहजनक बताया गया। जिससे यूक्रेन-रूस युद्ध खत्म करने के लिए अमेरिका की ओर से बातचीत की शुरुआत का संकेत है। ट्रम्प ने पदभार संभालने के बाद से ही इस युद्ध का कूटनीतिक समाधान खोजने को तरजीह दी है।
ट्रम्प ने इस बातचीत में युद्ध को रोकने और दोनों देशों के बीच शांति स्थापित करने के लिए एक राजनयिक समाधान की जरूरत पर जोर दिया। ट्रम्प ने कहा कि यूक्रेन और रूस के बीच चल रहा संघर्ष न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक बड़ा संकट है। उन्होंने इस युद्ध को जल्द से जल्द समाप्त करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी सहयोग की अपील की। ट्रम्प ने यह भी कहा कि अमेरिका इस प्रक्रिया में एक मध्यस्थ की भूमिका निभाने को तैयार है।
ट्रम्प ने इस कॉल को अमेरिका और रूस के बीच भविष्य के सहयोग के लिए आधारशिला बताते हुए कहा कि चर्चा में ऊर्जा, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और अमेरिकी डॉलर से लेकर मिडिल ईस्ट जियो पॉलिटिक्स तक कई विषय शामिल थे।
ट्रम्प ने अपने इस लक्ष्य को शुरू से अपने सलाहकारों के सामने स्पष्ट कर दिया था। सोशल मीडिया पोस्ट में ट्रम्प ने कहा, "हम सभी ने अपने-अपने देशों की ताकत और एक साथ काम करने से हमें मिलने वाले बड़े लाभ के बारे में बात की है।" उन्होंने कहा कि दोनों नेता (ट्रम्प-पुतिन) संघर्ष को रोकने और इससे होने वाली मानवीय नुकसान के महत्व पर सहमत थे। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य "रूस-यूक्रेन के साथ युद्ध में होने वाली लाखों मौतों को रोकना" है।
यूक्रेन और रूस के बीच तनाव फरवरी 2014 से बढ़ना शुरू हुआ, जब रूस ने क्रीमिया पर कब्जा कर लिया और यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में अलगाववादी समूहों को समर्थन देना शुरू किया। फरवरी 2022 में, रूस ने यूक्रेन पर पूर्ण पैमाने पर आक्रमण शुरू कर दिया, जिसके बाद से यह युद्ध जारी है। इस युद्ध में हज़ारों लोग मारे गए हैं, लाखों लोग बेघर हुए हैं, और यूक्रेन के बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, इस युद्ध ने ग्लोबल अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है, विशेष रूप से ऊर्जा और खाद्य आपूर्ति पर पूरी दुनिया में असर पड़ा। इसमें तेल आपूर्ति प्रमुख है। यूरोपीय देशों ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं, जिससे ग्लोबल तनाव और बढ़ गया है।
ट्रम्प की यह पहल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गई है। कुछ देशों ने इस पहल का स्वागत किया है, जबकि कुछ ने इसे संदेह की नज़र से देखा है। यूक्रेन ने अब तक किसी भी ऐसे समझौते का विरोध किया है जो उसकी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को कमज़ोर करे। दूसरी ओर, रूस ने भी यूक्रेन पर अपनी मांगों को लेकर कोई ढील नहीं दी है।
क्या यूक्रेन-रूस युद्ध अब रुक सकता हैः यूक्रेन और रूस के बीच चल रहा युद्ध फरवरी 2022 से जारी है और इसने दोनों देशों को भारी नुकसान पहुंचाया है। लाखों लोग बेघर हुए हैं, और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तनाव बढ़ गया है। हालांकि, ट्रम्प की यह पहल एक सकारात्मक कदम मानी जा रही है, लेकिन युद्ध को रोकना इतना आसान नहीं है।
दोनों पक्षों (यूक्रेन-रूस) के बीच सीधी बातचीत होना मुश्किल लग रहा है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय दबाव और राजनयिक प्रयासों के माध्यम से युद्ध को रोका जा सकता है। ट्रम्प की पहल इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है, लेकिन इसके लिए दोनों देशों को समझौते के लिए तैयार होना होगा। अगर अमेरिका और अन्य प्रमुख देश मिलकर एक संतुलित समाधान की दिशा में काम करें, तो युद्ध को रोका जा सकता है। हालांकि, यह प्रक्रिया समय लेने वाली हो सकती है और इसमें कई चुनौतियां भी हैं।
युद्ध को रोकने के लिए सबसे पहले एक संघर्ष विराम की आवश्यकता होगी। इसके लिए दोनों पक्षों को अपनी सैन्य गतिविधियों को रोकना होगा। यूक्रेन और रूस के बीच सीधी बातचीत होनी चाहिए। यही सबसे कारगर हल है। इस प्रक्रिया में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। अमेरिका, यूरोपीय संघ, और अन्य प्रमुख देशों को मिलकर दोनों पक्षों पर दबाव बनाना होगा ताकि वे शांति प्रक्रिया में सहयोग करें। युद्ध प्रभावित क्षेत्रों में दूसरे देशों द्वारा मानवीय सहायता पहुंचाना भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इससे लोगों का विश्वास बहाल करने में मदद मिलेगी। यूक्रेन-रूस युद्ध रुकना असंभव नहीं है।
(रिपोर्ट और संपादनः यूसुफ किरमानी)