कोलोराडो कोर्ट ने मंगलवार को पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को उनके समर्थकों द्वारा यूएस कैपिटल पर 6 जनवरी, 2021 को किए गए हमले में उनकी भूमिका के लिए अगले साल राज्य के राष्ट्रपति चुनाव में भाग लेने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया। यह फैसला ऐतिहासिक है। अमेरिकी संविधान में शायद ही कभी इस्तेमाल किए जाने वाले इस प्रावधान के तहत व्हाइट हाउस के लिए किसी को अयोग्य माना गया है।यानी संविधान के इस प्रावधान का पहली बार किसी शख्स के खिलाफ इस्तेमाल हो रहा है। हालांकि इस फैसले को यूएस सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात ट्रंप के वकीलों ने कही है। यूएस सुप्रीम कोर्ट के 6 जजों में 3 की नियुक्ति ट्रम्प के शासनकाल में हुई थी। लेकिन बड़ा सवाल है कि एक राज्य की कोर्ट के इस फैसले के बाद ट्रम्प अगला चुनाव लड़ पाएंगे।
अदालत ने निष्कर्ष निकाला कि अमेरिकी संविधान 2024 में रिपब्लिकन नामांकन के लिए सबसे आगे रहने वाले उम्मीदवार को अमेरिकी सरकार के खिलाफ हिंसा भड़काने में उसकी भूमिका के कारण चुनाव लड़ने से रोकता है।
यह फैसला सिर्फ कोलोराडो राज्य के 5 मार्च के रिपब्लिकन प्राइमरी पर लागू होता है, लेकिन इसका निष्कर्ष संभवतः 5 नवंबर 2024 को आम चुनाव के लिए ट्रम्प की स्थिति को भी प्रभावित करेगा। डेमोक्रेट के लिए यह राज्य चुनाव के नजरिए से सुरक्षित माना जाता है। जिसका अर्थ है कि राष्ट्रपति जो बाइडेन अगर अगला चुनाव लड़ेंगे तो उन्हें यहां कोई दिक्कत नहीं आएगी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट में जब यह मामला जाएगा तो ट्रम्प को चुनाव के योग्य ठहराने के लिए उनके वकील पूरा जोर लगा देंगे।
ट्रम्प की टीम ने अदालत के फैसले को "त्रुटिपूर्ण" और "अलोकतांत्रिक" बताया और कहा कि इसके खिलाफ अपील की जाएगी। ट्रम्प अभियान के एक प्रवक्ता ने कहा, "कोलोराडो कोर्ट ने आज (मंगलवार) रात पूरी तरह से त्रुटिपूर्ण निर्णय जारी किया और हम बहुत जल्द सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करेंगे और इस बेहद अलोकतांत्रिक फैसले पर रोक लगाने के लिए अनुरोध करेंगे।"
ट्रम्प के अभियान ने लाखों मतदाताओं को राष्ट्रपति पद के लिए उनकी पसंदीदा पसंद से वंचित करने के प्रयास के रूप में 14वें संशोधन की चुनौतियों की निंदा की है।
यह फैसला तमाम वकालत समूहों और ट्रम्प विरोधी मतदाताओं की जीत है, जिन्होंने 14वें संशोधन की धारा 3 के तहत ट्रम्प की उम्मीदवारी के लिए कई समान कानूनी चुनौतियां खड़ी की हैं। जो गृह युद्ध के बाद अधिसूचित किया गया था।
ट्रम्प के एक वकील ने तर्क दिया कि कैपिटल में दंगा इतना गंभीर नहीं था कि उसे विद्रोह माना जाए और उस दिन वाशिंगटन में अपने समर्थकों के लिए ट्रम्प की टिप्पणी उनके स्वतंत्र भाषण के अधिकार द्वारा संरक्षित थी। वकील ने तर्क दिया कि अदालतों के पास ट्रम्प को मतपत्र से हटाने का आदेश देने का अधिकार नहीं है।
अधिवक्ताओं ने आशा व्यक्त की है कि इस मामले का इस्तेमाल व्यापक अयोग्यता प्रयास को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा। इसलिए इस मुद्दे को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखा जाएगा। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के 6 जजों में से तीन की नियुक्ति ट्रम्प के कार्यकाल में हुई थी।
कोलोराडो अदालत ने साफ किया है कि इस फैसले पर अपील 4 जनवरी, 2024 के बाद ही हो सकती है।
एनजीओ क्रू के अध्यक्ष नूह बुकबाइंडर ने कहा- "अदालत का आज का फैसला इस बात की पुष्टि करता है: डोनाल्ड ट्रम्प एक विद्रोही हैं, जिन्होंने कैपिटल पर 6 जनवरी के हमले में अपनी भूमिका के आधार पर 14 वें संशोधन की धारा 3 के तहत खुद को पद से अयोग्य घोषित कर दिया था। यह न केवल ऐतिहासिक और उचित है, बल्कि हमारे देश में लोकतंत्र के भविष्य की रक्षा के लिए आवश्यक है।"