मॉस्को के एक कॉन्सर्ट हॉल में हथियारबंद लोगों द्वारा की गई गोलीबारी में 115 से अधिक लोग मारे गए और लगभग 115 अन्य घायल हो गए। मरने वालों की शुरुआती संख्या 40 थी। लेकिन बाद में यह संख्या बढ़ गई। रूस की जांच एजेंसी ने कहा है कि हमले में करीब 150 लोग घायल हुए हैं। इनमें बच्चे भी हैं। मरने वालों की तादाद बढ़ सकती है।
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इस मामले में 4 बंदूकधारियों समेत 11 लोग गिरफ्तार किये जा चुके हैं। रूसी सुरक्षा एजेंसी ने कहा कि इस हमले के तार यूक्रेन से जुड़ रहे हैं। अभी जांच जारी है।
खबरों में कहा गया है कि अज्ञात बंदूकधारियों ने शुक्रवार देर रात क्रास्नोगोर्स्क के क्रोकस सिटी हॉल में धावा बोला और रॉक कंसर्ट में शामिल होने आए लोगों पर गोलियां चला दीं। हमले के दौरान इमारत में आग लगा दी गई। मौके पर कमांडो यूनिट और नेशनल गार्ड ने हमले का जवाब दिया लेकिन आतंकी भाग निकले।
जांचकर्ताओं ने शनिवार को कहा कि शवों का मिलना जारी रखा है और चेतावनी दी है कि मरने वालों की संख्या और भी बढ़ सकती है। जांच समिति की प्रवक्ता स्वेतलाना पेट्रेंको ने कहा कि फोरेंसिक विशेषज्ञ मौके पर साक्ष्य जमा कर रहे हैं और सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को देखा जा रहा है।
सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो के अनुसार, हमलावर कम से कम पांच बंदूकधारी थे। उन्होंने सुरक्षा गार्डों की हत्या कर दी और लॉबी में लोगों पर अंधाधुंध गोलीबारी की। हमलावरों के एक समूह को संगीत सभागार में कॉन्सर्ट में आए लोगों को गोली मारते हुए फिल्माया गया था।
गोलियों से बचने के लिए करोड़ों लोग हॉल में सीटों के पीछे छिप गए या बेसमेंट या छत के एग्जिट वाले रास्ते की ओर भाग गए। आधी रात के तुरंत बाद, आपातकालीन मंत्रालय ने कहा कि आग पर काबू पा लिया गया है। रूस की जांच एजेंसी ने गोलीबारी के मद्देनजर किसी गिरफ्तारी की सूचना नहीं दी है। हालांकि अपुष्ट खबरों में एक बंदूकधारी को गिरफ्तार किए जाने की सूचना है। कई क्रोकस कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया है।
इस महीने की शुरुआत में, अमेरिका ने रूस में अपने नागरिकों को चेतावनी जारी कर सार्वजनिक स्थानों और सामूहिक समारोहों से बचने का आग्रह किया था। दूतावास ने दावा किया कि "चरमपंथी" गुट मॉस्को में हमले की योजना बना रहे हैं। कई अन्य दूतावासों ने भी इसी तरह का अलर्ट जारी किया था। लेकिन शुक्रवार के हमले को लेकर कोई चेतावनी नहीं जारी की गई थी।
भारत, यूरोपीय संघ, फ्रांस, स्पेन और इटली सहित कई देशों ने हमले की निंदा की। अमेरिका ने हमले को "भयानक" बताया और कहा कि यूक्रेन में संघर्ष से किसी भी तरह के लिंक का तत्काल कोई संकेत नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मॉस्को में हुए आतंकी हमले की निंदा की। पीएम मोदी ने एक्स पर ट्वीट किया- "हम मॉस्को में जघन्य आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हैं। हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं पीड़ितों के परिवारों के साथ हैं। भारत दुख की इस घड़ी में रूसी संघ की सरकार और लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है।"