इलेक्टोरल बॉन्ड पर सरकार घिरी है और इसी बीच ईडी व आईटी के छापे के बाद शुक्रवार को भारत राष्ट्र समिति यानी बीआरएस नेता के कविता को गिरफ्तार कर लिया गया। आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी शुक्रवार दोपहर तलाशी लेने के लिए के कविता के आवास पर पहुँचे थे। क़रीब चार घंटे तक तलाशी ली गई। नई दिल्ली से दोनों एजेंसियों के कम से कम 10 अधिकारी कविता और उनके पति डी अनिल कुमार की मौजूदगी में तलाशी ले रहे थे। इस मामले में अरविंद केजरीवाल को भी ईडी लगातार समन भेज रही है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को 16 मार्च को ही पेश होने को कह दिया है।
यह कार्रवाई तब हो रही है जब दिल्ली शराब नीति मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने पिछले महीने तलब किया था। यह दूसरी बार था जब उनको केंद्रीय एजेंसी ने समन भेजा था। इससे पहले एक बार सीबीआई ने उनसे पूछताछ की थी। इस मामले की पड़ताल ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय भी कर रहा है। ईडी ने आरोप लगाया है कि मामले के एक आरोपी विजय नायर को साउथ ग्रुप (सरथ रेड्डी, कविता और मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी द्वारा नियंत्रित) नामक समूह के नेताओं की ओर से कम से कम 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई थी। आरोप लगाया गया कि आप नेता के लिए आरोपी ने रिश्वत ली थी।
यह आरोप लगाया गया है कि शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने के लिए दिल्ली सरकार की 2021-22 की शराब नीति में गुटबंदी हुई और कुछ डीलरों का पक्ष लिया गया, जिन्होंने कथित तौर पर इसके लिए रिश्वत दी थी।
बाद में नीति को रद्द कर दिया गया और दिल्ली के उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफारिश की। सीबीआई ने इस मामले की जाँच शुरू की और कई लोगों से पूछताछ के बाद गिरफ्तारियाँ भी कीं। इसके बाद ही ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम यानी पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया।
ईडी ने अपने आरोप पत्र में आरोप लगाया है कि बीआरएस प्रमुख और पूर्व सीएम के चंद्रशेखर राव की बेटी कविता 'साउथ ग्रुप' का हिस्सा थीं। कविता ने आरोपों से इनकार किया है, और ईडी नोटिस को 'मोदी नोटिस' बताया है।
आईटी और ईडी ने मामले के संबंध में अपना बयान दर्ज कराने के लिए कविता को उनके सामने पेश होने के लिए कई नोटिस जारी किए थे, लेकिन उन्होंने नोटिस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी और एजेंसियों के सामने पेश नहीं हुईं।
1 दिसंबर, 2022 को सीबीआई अधिकारियों की एक टीम ने मामले के सिलसिले में कविता का उनके हैदराबाद स्थित आवास पर बयान दर्ज किया था।
के कविता नवंबर 2023 के चुनावों में अपनी पार्टी के कांग्रेस के हाथों सत्ता गंवाने के बाद संकट में हैं। तेलंगाना के लिए अलग राज्य बनाने की मांग को लेकर चले आंदोलन में सक्रिय रहीं कविता ने 2014 में तेलंगाना राज्य बनने के बाद चुनावी राजनीति में कदम रखा। उन्होंने निज़ामाबाद संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा।