केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को नौकरी के बदले जमीन मामले में पूछताछ के लिए बुलाया है। यह समन जांच एजेंसी द्वारा उनके माता-पिता, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्रियों लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी से पूछताछ के कुछ दिनों बाद आया है। इस मामले में लालू यादव की बेटियों मीसा और हेमा के नाम भी शामिल हैं। आरोप है कि यादव और उनके परिवार के सदस्यों ने 2004 से 2009 तक केंद्रीय रेल मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान नौकरियों के बदले सस्ती दरों पर जमीन खरीदी थी। इस मामले में लालू के पूर्व ओएसडी भोला यादव को सीबीआई ने मामले में गिरफ्तार किया था।
जमीन के बदले नौकरी केस के सिलसिले में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी से दो दिनों तक पूछताछ के बाद जांच एजेंसी ईडी ने कल शुक्रवार को लालू परिवार और उनसे जुड़े लोगों के 15 ठिकानों पर छापे मारे थे। इसमें तेजस्वी का दिल्ली स्थित घर भी है। आरजेडी ने इसे बीजेपी और मोदी सरकार की राजनीतिक हताशा करार दिया है। आरजेडी ने कहा है कि लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार जब सारे विपक्षी दलों को एक करने में जुटे हैं तो उनका मनोबल तोड़ने के लिए सरकार केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
इस कथित मामले की जांच सीबीआई के अलावा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी कर रहा है। 7 मार्च को सीबीआई ने बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी से पटना में चार घंटे तक पूछताछ की थी। फिर 9 मार्च को दिल्ली में लालू यादव से सीबीआई ने पांच घंटे तक पूछताछ की। यह सिलसिला रुका नहीं।
तेजस्वी यादव के दिल्ली स्थित घर की तलाशी कल पूरा दिन जारी रही। ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के कथित मामले में 15 से अधिक स्थानों पर शुक्रवार को तलाशी ली थी। तलाशी में लालू यादव की बेटियों रागिनी यादव, चंदा यादव और हेमा यादव, पटना, फुलवारीशरीफ, दिल्ली-एनसीआर, रांची और मुंबई में आरजेडी के पूर्व विधायक अबू दोजाना से जुड़े परिसरों को भी शामिल किया गया है। ईडी के सूत्रों से हवाले से मीडिया रिपोर्टों में कहा गया कि इन तमाम जगहों से छापे में 53 लाख कैश और भारी मात्रा में गोल्ड के आभूषण मिले हैं। ईडी ने अपनी ओर से इस संबंध में कोई बयान नहीं दिया है।
ये छापे ऐसे समय में आए हैं जब विपक्षी दलों ने केंद्र पर अपना राजनीतिक हित साधने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। आठ विपक्षी दलों ने पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बीजेपी के राजनीतिक उद्देश्यों के लिए केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया था। हस्ताक्षर करने वालों में तेजस्वी यादव भी थे। पत्र में लालू यादव को केंद्रीय एजेंसियों द्वारा टारगेट करने का आरोप लगाया गया था। इसने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों के कदमों से अक्सर संदेह पैदा होता है कि वे सत्ताधारी व्यवस्था के विस्तारित हिस्से के रूप में काम कर रहे हैं।
अभी ये साफ नहीं है तेजस्वी आज 11 मार्च को सीबीआई के सामने पेश होंगे या नहीं। कहा जा रहा है कि सीबीआई तेजस्वी से गुड़गांव की संपत्ति के बारे में कुछ जानकारियां हासिल करना चाहती है।