अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट थोड़ी ही देर में फ़ैसला सुनाने वाला है। लंबे समय से चल रहे इस विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच सुबह साढ़े 10 बजे फैसला सुनाएगी। फ़ैसले से पहले देश भर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और धर्मगुरुओं ने भी सभी लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
शुक्रवार दिन में सीजेआई रंजन गोगोई से उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी और डीजीपी ओम प्रकाश सिंह ने मुलाक़ात की थी। बताया गया है कि सीजेआई ने राज्य में क़ानून-व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा करने के लिए दोनों शीर्ष अफ़सरों को बुलाया था। ख़बरों के मुताबिक़, सीजेआई ने अयोध्या विवाद पर आने वाले फ़ैसले से पहले राज्य में क्या हालात हैं, इस पर दोनों अफ़सरों से चर्चा की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई थी और सभी मंत्रियों को निर्देश दिया था कि फ़ैसले के बाद कोई ग़ैरजरूरी या भड़काऊ बयानबाज़ी नहीं होनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा था कि शांति और सौहार्द्र को बनाये रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा था कि मंत्री अपने संसदीय क्षेत्रों में लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करें।
उत्तर प्रदेश में और ख़ासकर अयोध्या में सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। अयोध्या में सुरक्षा को बढ़ाते हुए अब तक 35 कंपनी पीएसी, 14 कंपनी अर्ध सैनिक बलों की तैनाती की जा चुकी है। अयोध्या की ओर जाने वाले हर रास्ते पर बैरिकैड लगाये जा रहे हैं और अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है। अयोध्या के पड़ोसी ज़िले अंबेडकरनगर में आठ सरकारी स्कूलों को अस्थाई जेल बनाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
पुलिस-प्रशासन पूरी तरह अलर्ट
अयोध्या विवाद पर फ़ैसले से पहले उत्तर प्रदेश सहित देश भर में लोगों से अपील की गई है कि वे फ़ैसला आने के बाद शांति व्यवस्था बनाये रखें। उत्तर प्रदेश के कई शहरों में प्रशासन की ओर से हिंदू-मुसलिम समुदाय के धर्मगुरुओं से यह अपील की गई है कि वे समाज में तनाव न पैदा होने दें। पुलिस प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है और सोशल मीडिया पर भी पैनी नज़र रखी जा रही है। यूपी पुलिस मुख्यालय ने भी सभी जिलों के पुलिस प्रमुखों को भी अलर्ट रहने के निर्देश जारी किये हैं।
पुलिस पूरी तरह चुस्त है और अयोध्या और अन्य जगहों पर ड्रोन के माध्यम से नज़र रख रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गड़बड़ी करने वालों को चिन्हित किया जा रहा है। सभी जिलों में जिला प्रशासन ने अपील की है कि फ़ैसला चाहे जो हो लेकिन शांति कायम रहनी चाहिए।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस), बीजेपी और विश्व हिन्दू परिषद ने अपने कार्यकर्ताओं से अपील की है कि फ़ैसला चाहे जो भी हो, इसे स्वीकार करना है और किसी भी तरह की विवादास्पद प्रतिक्रिया नहीं देनी है। इन संगठनों ने अपने कार्यकर्ताओं को भड़काऊ बयान देने से बचने के लिये कहा है और अपील की है कि वे किसी तरह के उकसावे में न आएँ।