'ऑडियो क्लिप' लीक मामले के बाद कुकी-जो समुदाय के 10 विधायकों ने मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है। इन दस विधायकों में बीजेपी के वे विधायक भी हैं जो कुकी-ज़ो समुदाय से आते हैं। इन विधायकों ने मणिपुर हिंसा से जुड़े मामले में गृह मंत्रालय द्वारा गठित जांच आयोग से मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के कथित ऑडियो टेप की जांच में तेजी लाने का अनुरोध किया है। कुकी-जो के विधायकों ने दावा किया है कि इस ऑडियो टेप से साबित होता है कि म्यांमार की सीमा से लगे राज्य में मई 2023 में जातीय संघर्ष भड़कने के लिए मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं।
इन विधायकों ने एक बयान में कहा है कि आयोग को अपनी प्रक्रिया में तेजी लानी चाहिए और यदि अपराध साबित हो जाता है तो बीरेन सिंह पर मुकदमा चलाना चाहिए। उन्होंने बयान में कहा है कि उन्हें तुरंत मुख्यमंत्री के कार्यालय से भी वंचित किया जाना चाहिए ताकि उन्हें अपने खिलाफ जांच के नतीजे को प्रभावित करने से रोका जा सके।
हिंसा प्रभावित मणिपुर से अलग प्रशासन बनाने की मांग कर रहे कुकी-जो के दस विधायकों का यह बयान तब आया है जब सोमवार को एक ऑडियो टेप लीक हुआ है। द वायर ने ऑडियो टेप जारी कर कहा है कि इसमें आवाज़ कथित तौर पर मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह की है और वह बम के इस्तेमाल की बात कह रहे हैं। इसके अलावा सीएम ने कुकी महिलाओं को कथित तौर पर बलात्कार व नग्न परेड कराने के मामले में कहा 'उनके साथ बलात्कार हुआ था इसका सबूत कहां है?' वह यह भी कहते हैं कि उन महिलाओं को 'बचाने के लिए गिरफ्तार किए गए लोगों को पुरस्कृत किया जाए'।
7 अगस्त को कुकी छात्र संगठन ने एक प्रेस विज्ञप्ति में रिकॉर्डिंग के छोटे अंशों की कॉपी साझा की थी, और बाद में कई सोशल मीडिया हैंडल द्वारा इन्हें फैलाया गया। उसी रात मणिपुर सरकार ने एक बयान जारी कर इस बात से इनकार किया था कि उसमें आवाज़ बीरेन सिंह की है और रिकॉर्डिंग को 'छेड़छाड़' वाला क़रार दिया।
48 मिनट की रिकॉर्डिंग के कथित निर्माता/निर्माताओं ने द वायर को बताया कि यह एक बैठक में व्यक्तिगत रूप से किया गया था, जहां मुख्यमंत्री ने साफ़ तौर पर हिंसा में अपनी पक्षपातपूर्ण मिलीभगत का संकेत दिया था। सूत्रों ने द वायर को यह भी पुष्टि की है कि पूरी ऑडियो क्लिप गुवाहाटी उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अजय लांबा की अध्यक्षता वाले जांच आयोग को सौंप दी गयी है। आयोग का गठन 4 जून, 2023 को गृह मंत्रालय की अधिसूचना द्वारा किया गया था।
द वायर की रिपोर्ट पर राज्य सरकार ने कहा है कि यह शांति वार्ता को पटरी से उतारने के लिए एक छेड़छाड़ की गई ऑडियो क्लिप थी।
बहरहाल, कुकी-जो के 10 विधायकों ने मुख्यमंत्री के भाई राजेंद्रो नोंग के फेसबुक पोस्ट का हवाला देते हुए अपने आरोपों को और मजबूत किया है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार इन 10 विधायकों ने दावा किया है कि नोंग 'उन लोगों को धमकाते हुए देखे गए हैं जिन्होंने इस तरह के संवेदनशील टेप दूसरों को बेचे हैं।' कथित ऑडियो टेप का हवाला देते हुए कुकी-जो के 10 विधायकों ने केंद्र सरकार से विधानसभा के साथ केंद्र शासित प्रदेश के रूप में अलग प्रशासन की उनकी मांग को तेजी से पूरा करने को कहा। उन्होंने कहा है कि यही इस क्षेत्र में स्थायी शांति का रास्ता है।
इन विधायकों ने कहा है, 'राज्य प्रायोजित जातीय सफाए में सीएम की मिलीभगत, जिसे हम पहले दिन से ही मानते आए हैं, अब बिना किसी संदेह के स्थापित हो गई है। सीएम को ऑडियो में आश्वस्त करते हुए स्पष्ट रूप से सुना जा सकता है, जिनके स्वर और लहजे से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि वे उनके मिलिशिया के सदस्य हैं।'