भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में फ्रीस्टाइल कुश्ती के 65 किलोग्राम भार वर्ग में कांस्य पदक जीत लिया है। उन्होंने कज़ाखस्तान के पहलवान दौलत नियाज़बेकोव को 8-0 से चित्त कर दिया।
टोक्यो ओलंपिक 2020 में यह भारत का छठा पदक है। भारत ने अब तक दो रजत और चार कांस्य पदक जीते हैं। ओलंपिक खेलों में भारत का सबसे अच्छा प्रदर्शन लंदन ओलंपिक में था, जब उसने छह पदक जीते थे। टोक्यो में भारत ने उसकी बराबरी कर ली है।
ओलंपिक खेलों में बजरंग का यह पहला पदक है। हरियाणा के पहलवान बजरंग ने टोक्यो में कमाल का प्रदर्शन किया और दोनों राउंड में विरोधी पहलवान पर हावी रहे।
इस जीत के साथ ही कुश्ती में टोक्यो ओलंपिक में भारत के पास दो मेडल हो गए। बजरंग से पहले रवि दहिया ने रजत पदक अपने नाम किया था।
आक्रमण की रणनीति कारगर
बजरंग पूनिया ने कज़ाख़स्तान के दौलत नियाज़बेकोव के ख़िलाफ़ शुरू से ही आक्रामक रवैया रखा और एक बाद एक हमला करते रहे। इसका फायदा उन्हें मिला और उन्होंने शुरू में ही एक प्वाइंट लेकर 1-0 की बढ़त बना ली।
इसके बाद बजरंग डबल लेग के लिए गए, पर दौलत ने बजरंग के दांव को बेकार कर दिया। लेकिन बजरंग का आक्रमण जारी रहा और प्रतिद्वंद्वी पहलवान की ग़लती के कारण बजरंग को एक अंक और मिल गया और उन्होंने पहली बाउट 2- 0 से अपने नाम कर ली।
अंत में इसके बाद बजरंग ने सिंगल लेग रणनीति से दो अंक और लिए और 8-0 की बढत हासिल कर ली। आखिरी 20 सेकेंड में कज़ाख़स्तान के पहलवान ने कोशिश की, लेकिन दौलत को सफलता नहीं मिली और बजरंग ने 8-0 से दूसरा राउंड जीत कर मेडल पक्का कर लिया।
बता दें कि बजरंग पूनिया को स्वर्ण पदक का दावेदार माना जा रहा था। लेकिन उन्हें सेमीफाइनल में अज़रबैज़ान के पहलवान हाज़ी अलीव से 12-5 से हार का सामना करना पड़ा था।
भारत को अब तक महिला भारोत्तोलन में रजत, महिला बैडमिंटन में कांस्य, पुरुष हॉकी में कांस्य, महिला बॉक्सिंग में कांस्य और फ्रीस्टाइल कुश्ती में एक रजत और एक कांस्य पदक मिल चुके हैं।
इसके अलावा भारत महिला हॉकी और महिला गोल्फ़ में चौथे स्थान पर रहा।