आर्यन ख़ान मामले में क्या अब एनसीबी अधिकारी के ख़िलाफ़ मुंबई पुलिस कार्रवाई कर सकती है? यह सवाल इसलिए कि शिवसेना नेता संजय राउत ने ट्वीट कर संकेत ही कुछ ऐसा दिया है। उन्होंने महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल और मुख्यमंत्री कार्यालय को टैग करते हुए ट्वीट किया है कि पुलिस को इस मामले का स्वत: संज्ञान लेना चाहिए। उन्होंने हिरासत में आर्यन ख़ान का एक नया वीडियो साझा किया है और मुंबई क्रूज ड्रग्स मामले पर कई सवाल उठाए हैं।
यह वीडियो एनसीबी दफ़्तर का बताया जा रहा है। उस वीडियो में दिखता है कि केपी गोसावी अपने हाथ में पकड़े फ़ोन को आर्यन के मुंह के पास लाता है और आर्यन कुछ बोलते हुए जान पड़ते हैं। यह वीडियो तब आया है जब इस मामले में एक गवाह ने हलफनामा देकर कहा है कि उससे कोरे कागज पर दस्तखत कराकर उसे गवाह बनाया गया था। संजय राउत ने अपने ट्वीट में इसका भी ज़िक्र किया है।
उन्होंने ट्वीट में लिखा है, 'आर्यन ख़ान मामले में एनसीबी द्वारा गवाह से कोरे कागज पर हस्ताक्षर करवाना चौंकाने वाला है। साथ ही ख़बरें हैं कि बड़े पैमाने पर पैसे की मांग की गई थी। सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा था कि ये मामले महाराष्ट्र को बदनाम करने के लिए बनाए गए हैं। यह सच होता दिख रहा है। पुलिस को स्वत: संज्ञान लेना चाहिए।'
शिवसेना नेता संजय राउत का आरोप भगोड़े केपी गोसावी के सहयोगी प्रभाकर सेल के उस आरोप के बाद आया है, जिसमें उसने दावा किया है कि उससे मुंबई क्रूज ड्रग्स मामले में एनसीबी द्वारा एक खाली पंचनामे पर हस्ताक्षर करवाया गया था।
केपी गोसावी उर्फ किरन गोसावी वही शख्स है जो ख़ुद को प्राइवेट डिटेक्टिव बताता है और जो एनसीबी की हिरासत में आर्यन ख़ान के साथ सेल्फी को लेकर चर्चा में आया था। बाद में जब उस गोसावी के बारे में पता चला कि उसके ख़िलाफ़ पहले से ही कई मुक़दमे चल रहे हैं तो वह ग़ायब हो गया। उसके ख़िलाफ़ लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया है।
गोसावी क्रूज जहाज पर छापेमारी और ड्रग्स की कथित बरामदगी में नौ स्वतंत्र गवाहों में से एक है, जिसमें बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख ख़ान के बेटे आर्यन ख़ान को इस महीने की शुरुआत में गिरफ्तार किया गया था। प्रभाकर सेल ने अपने हलफनामे में कहा है कि केपी गोसावी के 'संदिग्ध रूप से लापता' होने के बाद उसे एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े से अपनी जान का ख़तरा महसूस हुआ। उसने कहा है कि यही वजह है कि उसने यह हलफनामा दायर किया है।
प्रभाकर सेल ने कहा कि वह गोसावी के अंगरक्षक के रूप में काम करता था। उसने दावा किया है कि उसने '18 करोड़ के सौदे' की बात सुनी थी जिसमें से '8 करोड़ रुपये समीर वानखेड़े को दिए जाने' की बात कही जा रही थी। हालाँकि इन आरोपों को एनसीबी के अधिकारी समीर वानखेड़े ने खारिज किया है और कहा है कि वह इसका मुंहतोड़ जवाब देंगे।
बता दें कि इस मामले में महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक लगातार एनसीबी के ज़ोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े और बीजेपी पर हमलावर हैं। उन्होंने हाल ही में वानखेड़े पर ये आरोप लगाए थे कि वह मालदीव और दुबई में गए थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि कहीं समीर वानखेड़े ने मालदीव में कुछ फ़िल्मी सितारों से कोई कार्रवाई नहीं करने के एवज में कोई वसूली तो नहीं की थी? वानखेड़े ने इन आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि वे मालदीव में तो छुट्टी मनाने गए थे लेकिन दुबई में नहीं गए थे।