बंगाल बीजेपी में अंतर्कलह? सांसद सौमित्र ने इस्तीफ़ा क्यों दिया था?

08:52 am Jul 08, 2021 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

भारतीय जनता पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई में बढ़ती अंतर्कलह बुधवार को तब खुलकर सामने आ गई जब बीजेपी सांसद सौमित्र खान ने शुभेंदु अधिकारी पर कई आरोप लगाए। उन्होंने पहले तो राज्य में पार्टी की युवा इकाई के प्रमुख का पद छोड़ दिया, लेकिन कुछ घंटे बाद उन्होंने यह घोषणा कर दी कि वह अपना इस्तीफा वापस लेते हैं। लेकिन इससे पहले उन्होंने बाकायदा अपने फ़ेसबुक पेज पर एक वीडियो शुभेंदु अधिकारी पर कई आरोप लगाए।

सौमित्र खान का यह आरोप और फ़ैसला तब आया है जब विधानसभा चुनाव नतीजे आने व ममता बनर्जी की सरकार बनने के बाद तृणमूल से बीजेपी में गए कई नेता वापस अब अपनी पुरानी पार्टी में लौटना चाहते हैं। कुछ नेता और कार्यकर्ता तो बीजेपी से वापस लौट भी चुके हैं। 

बिष्णुपुर के सांसद सौमित्र खान का राज्य में युवा मोर्चा प्रमुख के पद से इस्तीफा का यह फ़ैसला उस दिन आया था जिस दिन मोदी सरकार ने अपनी कैबिनेट का विस्तार किया। जब उन्होंने आरोप लगाया था तब मंत्रिमंडल में शामिल नये मंत्रियों के नामों की औपचारिक घोषणा नहीं हुई थी, लेकिन कई सांसदों के मंत्री बनाए जाने की चर्चा थी। 

इसी बीच सौमित्र खान ने बीजेपी युवा मोर्चा छोड़ने की घोषणा कर दी थी। उन्होंने बड़े-बड़े अक्षरों में अपने इस्तीफ़े की घोषणा करते हुए एक तसवीर फ़ेसबुक पर साझा की थी। उन्होंने फ़ेसबुक पर अपने फ़ैसले की घोषणा करते हुए कहा था, 'आज से व्यक्तिगत कारणों से मैं ख़ुद को भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) राज्य इकाई की ज़िम्मेदारी से मुक्त कर रहा हूँ। मैं बीजेपी में था, मैं बीजेपी में हूँ, और इसका हिस्सा रहूँगा।' 

2018 में टीएमसी से बीजेपी खेमे में शामिल हुए सौमित्र खान ने इस्तीफ़े की घोषणा के छह घंटे बाद ही उन्होंने यह घोषणा की कि वह अपना इस्तीफा वापस लेते हैं। उन्होंने इस्तीफ़ा वापस लेने का कारण बीएल संतोष, अमित शाह और तेजस्वी सूर्या के निर्देश को बताया। उन्होंने एक फ़ेसबुक पोस्ट में लिखा, 'मैं यह सूचित करना चाहता हूँ कि हमारे बीजेपी नेता बीएल संतोष जी, अमित शाह जी और तेजस्वी सूर्य जी के निर्देश के तहत मैं ससम्मान अपना इस्तीफा वापस लेता हूँ।'

लेकिन इस इस्तीफे को वापस लेने से पहले उन्होंने शुभेंदु अधिकारी पर जिस तरह से आरोप लगाए थे उससे साफ़ लगता है कि बंगाल में बीजेपी नेताओं के बीच अंतर्कलह है। उन्होंने फ़ेसबुक पर साझा किए वीडियो में कहा है, 'एक नेता लगातार दिल्ली आ-जा रहा है और पार्टी की सभी सफलता का ख़ुद क्रेडिट ले रहा है।' उन्होंने आगे कहा, 'राज्य में विपक्ष के इस नेता को आईने में देखना चाहिए। वह नई दिल्ली के नेताओं को गुमराह कर रहे हैं। वह खुद को बंगाल में पार्टी का सबसे बड़ा नेता मानते हैं।'

सौमित्र खान वीडियो में राज्य बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष पर भी कटाक्ष करते हैं। उन्होंने कहा, 'वह जो होता है उसका केवल आधा ही समझते हैं। वह यह सब पूरा नहीं समझ सकते।'

विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार की ज़िम्मेदारी का ज़िक्र करते हुए खान ने कहा था, 'मेरे लिए पद छोड़ने का समय आ गया है। मैं कभी किसी पद के लिए लालायित नहीं रहा।'

बता दें कि खान द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद जब नरेंद्र मोदी कैबिनेट में 43 नए मंत्री शामिल किए गए तो उनमें पश्चिम बंगाल से चार नए चेहरों को जगह दी गई है। इनमें डॉ. सुभाष सरकार, शांतनु ठाकुर, जॉन बारला और नीशीथ प्रमाणिक का नाम शामिल है। नीशीथ प्रामाणिक सिर्फ़ 35 साल के हैं। वह मोदी सरकार में शामिल होने वाले सबसे युवा मंत्री हैं। बाबुल सुप्रियो का इस्‍तीफा ले लिया गया है। 

इस पूरे मामले पर शुभेंदु अधिकारी ने कहा है कि वह इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं। 'द इंडियन एक्सप्रेस' से कहा, 'मैं टिप्पणी नहीं करूंगा। मैं इसे गंभीरता से नहीं लूंगा। वह मेरे छोटे भाई हैं। मैं दिल्ली में उनके आवास पर जाकर दोपहर का भोजन करूंगा। मैंने 2011 में सौमित्र खान के लिए कोतुलपुर में प्रचार किया था। मैं उनके करियर में हर सफलता की कामना करता हूँ।'

सौमित्र खान से अलग रह रहीं उनकी पत्नी और टीएमसी नेता सुजाता मंडल ने कहा कि उन्होंने सांसद को काफ़ी पहले ही बीजेपी में शामिल होने से मना किया था। सुजाता ने कहा कि उन्हें यह समझना चाहिए बीजेपी जैसी पार्टी अधिकारी जैसों को बढ़ावा देगी और मैं यह काफ़ी पहले ही समझ गई थी। 

बता दें कि यह सुजाता मंडल वही हैं जिन्होंने चुनाव से पहले पिछले साल दिसंबर में बीजेपी छोड़ कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गई थीं। सौमित्र ने उन्हें तलाक का नोटिस भेजने की बात करते हुए भावुक होकर कहा था कि राजनीतिक वजहों से उनकी शादी टूट गई। वहीं, उनकी पत्नी ने उम्मीद जताई थी कि एक दिन खुद सौमित्र तृणमूल कांग्रेस में आ जाएंगे।

अब चुनाव के बाद जब ममता बनर्जी की सरकार बन गई है तो तृणमूल से बीजेपी में शामिल हुए कई नेता वापस तृणमूल में लौट चुके हैं। मुकुल राय की टीएमसी में वापसी हो गई है। बीजेपी विधायक सोनाली गुहा और दीपेंदु बिस्वास खुलकर कह चुके हैं कि वे टीएमसी में वापस आना चाहते हैं। पिछले महीने के मध्य में राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मिलने गए बीजेपी के विधायकों में से 24 विधायक ग़ैर-हाज़िर रहे थे। तब कहा गया था कि ये विधायक मुकुल राय के संपर्क में हैं। हाल ही में वह मामला चर्चा में रहा था जिसमें बीजेपी से तृणमूल कांग्रेस में वापस आने वाले समर्थकों पर गंगाजल छिड़ककर उनका ‘शुद्धिकरण’ किया गया था।