कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश पर दोपहर को पुलिस ने भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी और सीपीएम पोलित ब्यूरो की सदस्य बृंदा करात को संदेशखाली जाने की अनुमति दी। दोनों नेता संदेशखाली पहुंच गए हैं।
पहले रोके जाने के बाद, भाजपा विधायक शंकर घोष ने चीफ जस्टिस टीवी शिवगणनम की कोर्ट में अर्जी लगाई। हाईकोर्ट की बेंच ने निर्देश जारी किया और आखिरकार दोपहर में दोनों नेता संदेशखाली पहुंचे। राज्य प्रशासन ने चार से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगाने के लिए इस इलाके में धारा 144 लगा दी है। उसी आधार पर इन्हें रोक गया था।
इससे पहले कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के मद्देनजर विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी मंगलवार सुबह बंगाल के नए राजनीतिक कुरुक्षेत्र संदेशखाली तक पहुंचने की उनकी ताजा कोशिश को पुलिस ने धमाखली में रोक दिया था। इसके बाद भाजपा नेता धमाखली में धरने पर बैठ गए। अधिकारी का नॉर्थ 24-परगना द्वीप का दौरा करने का यह तीसरा प्रयास है, जो 5 जनवरी से ही तनाव में है।
निज़ाम पैलेस से पांच भाजपा विधायकों के साथ रवाना होते हुए सुवेंदु अधिकारी ने कहा- “अगर अदालत आज भी मुझे वापस आने का आदेश देती है तो मैं वापस आ जाऊंगा। मुझे नहीं पता कि वे (सरकार) कोर्ट के पास जाएंगे या नहीं, मैं वही कह रहा हूं जो मैंने सुना है। लेकिन अगर कोर्ट से कोई रोक नहीं है, तो अदालत के आदेश के बावजूद पुलिस ने मुझे अवैध रूप से रोका तो मैं जस्टिस कौशिक चंदा का दरवाजा खटखटाऊंगा।”
बृंदा करात ने कहा- “कोई भी सरकार इतनी मनमानी से काम नहीं कर सकती। पुलिस शेख शाहजहाँ को क्यों नहीं ढूंढ पा रही है?” भाजपा के बाद अब सीपीएम नेता ने भी मुख्य आरोपी के रूप में शेख शाहजहां का जिक्र किया, जो अभी भी फरार है।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार को अधिकारी को संदेशखाली जाने की अनुमति दी थी। कोर्ट ने भाजपा नेता को अशांत क्षेत्र में कोई भी भड़काऊ भाषण नहीं देने या कोई कानून व्यवस्था की स्थिति पैदा नहीं करने का भी निर्देश दिया था। अधिकारी ने कहा था- "मैं वहां जाना चाहता हूं और स्थानीय लोगों से बात करना चाहता हूं। मैं वहां के लोगों के साथ खड़ा होना चाहता हूं।"
इस बीच संदेशखाली से रिपोर्टिंग कर रहे रिपब्लिक बंगला न्यूज चैनल के पत्रकार को सोमवार देर रात गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने कहा कि पत्रकार को एक स्थानीय महिला के घर में जबरन घुसने की शिकायत के बाद गिरफ्तार किया गया था। कोलकाता प्रेस क्लब ने गिरफ्तारी की निंदा की है। पत्रकार पर आरोप है कि वो महिला को संदेशखाली की पीड़ित बताकर अपने चैनल को रिपोर्ट भेज रहा था, जबकि महिला ने इससे बार-बार इनकार किया। महिला ने इसके बाद पुलिस बुला ली और पुलिस को सारी जानकारी दी। पुलिस ने फौरन ही पत्रकार को गिरफ्तार कर लिया।
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने टीवी पत्रकार को पुलिस द्वारा गिरफ्तार के बाद राज्य में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार की निंदा की है। ठाकुर ने कहा, "महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करने वाले गुंडों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय, पश्चिम बंगाल सरकार मीडिया पर अंकुश लगा रही है और प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म करने की कोशिश कर रही है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।"