मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर से बरामद स्कॉर्पियो से विस्फ़ोटक मिलने के मामले में एनआईए के हाथ एक बड़ा सबूत लगा है। एंटीलिया के बाहर एक दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की जांच के दौरान यह पता चला है कि 25 फरवरी को स्कॉर्पियो खड़ी करने के बाद सचिन वाजे उसमें धमकी भरा लेटर डालना भूल गया था।
यह बात खुद सचिन वाजे ने एनआईए के अधिकारियों को पूछताछ में बताई है। दरअसल, कुछ दूर जाने के बाद वाजे को पता लगा कि वह धमकी भरा लेटर स्कॉर्पियो में रखना भूल गया है। इसके बाद वह फिर से मौके पर पहुंचा और स्कॉर्पियो में लेटर प्लांट किया और उसकी यही करतूत उसके जी का जंजाल बन गई।
एनआईए के सूत्रों की मानें तो वाजे से यहीं पर चूक हुई। स्कॉर्पियो में लेटर प्लांट कर वहां से निकलने के दौरान वह पास की एक दुकान के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया। वाजे ने उस समय सफेद रंग का ढीला कुर्ता पायजामा पहना था और सिर को रुमाल से ढका हुआ था। यह कुर्ता पायजामा पीपीई किट जैसा लग रहा था।
एनआईए ने कुछ दिन पहले ही खुलासा किया था कि वाजे ने पीपीई किट नहीं बल्कि कुर्ता पायजामा पहन रखा था। यही कारण रहा कि एंटीलिया के बाहर क्राइम सीन रीक्रिएट करने के लिए सचिन वाजे को सफेद रंग का बड़ा कुर्ता पहनाकर ही मौके पर ले जाया गया था। सचिन वाजे ने स्कॉर्पियो में एक धमकी भरा लैटर रखा था, जिसमें लिखा हुआ था, 'प्रिय नीता भाभी और मुकेश भैया, यह सिर्फ एक ट्रेलर है। अगली बार, असली सामान के साथ आएंगे।'
महाराष्ट्र के घटनाक्रम पर देखिए चर्चा-
मीठी नदी से बरामद किए सुबूत
सचिन वाजे ने इस लैटर का प्रिंट आउट अपने सरकारी प्रिंटर से निकाला था। बाद में अपने आप को जांच में घिरता देख सचिन वाजे ने प्रिंटर समेत दो सीपीयू, लैपटॉप, हार्ड डिस्क और अपने घर की सोसाइटी के सीसीटीवी के डीवीआर को बांद्रा में मीठी नदी में फेंक दिया था। एनआईए के अधिकारियों ने रविवार शाम को ये सभी दस्तावेज मीठी नदी से गोताखोरों की मदद से ढूंढ लिए हैं, और उनसे सुबूत इकट्ठा करने के लिए उन्हें टैक्निकल एक्सपर्ट के पास भेज दिया है।
सट्टेबाजों से वसूली करता था वाजे
महाराष्ट्र एटीएस की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि सचिन वाजे की कमाई क्रिकेट में लगाए जाने वाले सट्टे से भी होती थी। कुछ दिन पहले बीजेपी के एक विधायक नितेश राणे ने सचिन वाजे पर सट्टेबाजों से मिलीभगत का आरोप लगाया था। राणे ने कहा था कि वाजे इन सट्टेबाजों के ठिकानों पर छापा ना डालकर उनसे मोटी रकम वसूला करता था। इस बात का खुलासा एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए बुकी नरेश धर ने किया है।
नरेश धर को एटीएस ने मनसुख हिरेन हत्याकांड मामले में गिरफ्तार किया था जिसमें उसने कुबूल किया था कि उसने सचिन वाजे को फर्जी सिम कार्ड मुहैया कराए थे। नरेश ने एटीएस को बताया था कि सचिन वाजे सट्टेबाजों से रेड ना डालने की एवज में मोटी रकम वसूला करता था। एटीएस ने इस जानकारी को एनआईए के साथ भी शेयर किया है।
वाजे की दो कारों की तलाश
एनआईए सचिन वाजे की दो और हाई प्रोफाइल कारों की तलाश में है, जिन्हें वाजे ने पिछले दो महीनों में इस्तेमाल किया था। इनमें से एक 'आउटलैंडर' है जबकि दूसरी 'बीएमडब्ल्यू' है। इससे पहले एनआईए ने वाजे से पांच कार ज़ब्त की हैं जबकि महाराष्ट्र एटीएस ने भी एक कार को ज़ब्त किया था।