उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार जल्द ही पूरे राज्य में सड़कों, हाईवे और फुटपाथ के किनारे पर बने धार्मिक स्थलों को गिराने जा रही है। सरकार इसके लिए पूरी तरह तैयार है और ऐसा हाई कोर्ट के आदेश पर किया जा रहा है।
योगी सरकार ने सभी जिलों के अफ़सरों को निर्देश दिया है कि वे मुख्य सचिव को ऐसे धार्मिक स्थलों की सूची उपलब्ध कराएं। सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सड़कों, हाईवे, गलियों के किनारे किसी भी तरह के धार्मिक स्थल के निर्माण की अनुमति नहीं है और अगर 1 जनवरी, 2011 के बाद ऐसा कोई धार्मिक स्थल बना है तो उसे तुरंत गिरा दिया जाए।
योगी सरकार ने कहा है कि 1 जनवरी, 2011 से पहले बने धार्मिक स्थलों को हटाने के लिए वह पॉलिसी लेकर आएगी जिससे छह महीने के भीतर ऐसे धार्मिक स्थलों को हटाया जा सके। हाल ही में बेंगलुरू के नगर निगम ने भी सितंबर, 2009 से पहले सड़कों पर बने धार्मिक स्थलों के लिए ऐसी ही नीति तैयार की है।
हो सकता है विवाद
उत्तर प्रदेश 24 करोड़ की आबादी वाला राज्य है और यहां धर्म बेहद संवेदनशील मुद्दा है। हालांकि राज्य सरकार यह काम न्यायपालिका के निर्देश पर करने जा रही है लेकिन जिस किसी धर्म के अनुयायियों का धार्मिक स्थल या निर्माण ढहाया जाएगा, वे इसे लेकर निश्चित रूप से आपत्ति दर्ज कराएंगे।
इससे पहले भी देश में कई राज्यों में हाईवे बनाने या अन्य विकास कार्यों के लिए धार्मिक स्थलों को हटाने पर विवाद होने की ख़बरें आती रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में कहा जाता है कि जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो विकास कार्यों के बीच में आ रहे सैकड़ों धार्मिक स्थलों को उनकी सरकार ने ढहा दिया था।