गंगाजल, गोमूत्र छिड़क दिया तो भ्रष्टाचार ख़त्म? नगर निगम कार्यालय पर गंगाजल, गोमूत्र छिड़का और भ्रष्टाचार मुक्त हो गया! अधिकारियों-कर्मचारियों पर छिड़का और वे भी शुद्ध हो गए! कांग्रेस से पाला बदलकर बीजेपी में आने वालों पर भी छिड़का गया। गंगाजल और गोमूत्र के मिश्रण को उनके चेहरे पर छिड़ककर उनको सांकेतिक तौर पर 'पिलाया' गया और वे भी भ्रष्टाचार मुक्त हो गए! चौंकिए मत। ये कोई व्यंग्य नहीं है। ऐसा जयपुर नगर निगम में सच में किया गया है।
जयपुर नगर निगम हेरिटेज यानी जेएमसीएच कार्यालय को भ्रष्टाचार के 'दागों' से शुद्ध करने और कांग्रेस के दलबदलू पार्षदों को भाजपा को समर्थन देने से पहले सनातनी बनाने के लिए ये कर्मकांड किए गए। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार पार्टी के हवा महल विधायक बालमुकुंद आचार्य ने बुधवार को परिसर में पार्षदों पर भी गंगाजल और गोमूत्र का मिश्रण छिड़का। पार्षदों और अधिकारियों ने प्रतीकात्मक रूप से इस मिश्रण को 'पीया' और इसे उनके होठों सहित चेहरों पर छिड़का गया।
ये सब तब किया गया जब भाजपा ने भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद जेएमसीएच की मौजूदा मेयर मुनेश गुर्जर को हटा दिया था और उनकी जगह अपनी पसंद की कुसुम यादव को लाया था। उनको सात कांग्रेसी दलबदलुओं और एक निर्दलीय के समर्थन से जीत मिली थी। मंगलवार को उनमें से आठ भाजपा में शामिल हो गए। बुधवार को यादव के कार्यभार संभालने से पहले बालमुकुंद आचार्य ने जेएमसीएच परिसर, पार्षदों और जेएमसीएच अधिकारियों का 'शुद्धिकरण' किया।
तो क्या गंगाजल और गोमूत्र से शुद्धिकरण होता है और भ्रष्टाचार के दाग धुल जाते हैं? और यदि ऐसा होता है तो इसकी विधि क्या है? इन चीजों को विस्तार में शुद्धिकरण करने वाले विधायक बालमुकुंद आचार्य ही बताते हैं। अंग्रेज़ी अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, 'हमने इसे गंगाजल से शुद्ध किया है और सभी अशुद्धियों को दूर किया है। वैदिक मंत्रों के साथ पूजा-अर्चना के बाद बहनजी (नए मेयर) ने इस नवमी तिथि पर कार्यभार संभाल लिया है। अब नगर निगम में पवित्रता का माहौल रहेगा।' मेयर ने हनुमान चालीसा के पाठ और जय श्री राम के मंत्रों और नारों के साथ कार्यभार संभाला।
ऐसे बने 'सनातनी' और 'भ्रष्टाचार मुक्त'!
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस पार्षदों द्वारा भाजपा को समर्थन दिए जाने पर उन्होंने कहा, 'उनको गंगाजल पिलाया है। सब गंगाजल, गोमूत्र पी चुके हैं और वैदिक मंत्रों का उच्चारण उनके कानों में जा चुका है। अब वो पूर्णतया सनातनी हो चुके हैं। और सनातनियों के रूप में वे इस शहर को सुंदर बनाने के लिए हमारे साथ हैं।' उन्होंने कहा कि नगर निगम के अधिकारियों को भी शुद्ध कर दिया गया है। उन्होंने कहा, 'अधिकारी अब तक अशुद्धि में चल रहे थे। उन्हें इस तरह के काम (भ्रष्टाचार) करने के लिए मजबूर किया गया। अब वे भ्रष्टाचार से मुक्त हो गए हैं।'
यह पूछे जाने पर कि क्या जेएमसीएच के अधिकारियों को भी गंगाजल और गोमूत्र दिया गया, उन्होंने कहा, 'गंगाजल गोमूत्र आज सबको पिलाया है तभी तो प्रवेश किया है। हमारी संस्कृति में गंगाजल और गोमूत्र इसलिए पिलाया जाता है ताकि अगर आपने कोई अपराध किया है तो अब आप उससे मुक्त हो जाएं। अब आप सनातनी हैं, पवित्रता से काम करें...'।
बालमुकुंद आचार्य ने कहा, 'मैंने जेएमसीएच कार्यालय में गंगाजल और गोमूत्र छिड़का क्योंकि वहां भ्रष्टाचार था। आज से जेएमसीएच भ्रष्टाचार मुक्त है।'
उन्होंने कहा कि उनके पास एक बोतल है जिसमें दोनों का मिश्रण है। उन्होंने कहा, 'मैं इसे अपनी कार में रखता हूं और रोजाना पीता हूं।' उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने इसे पार्षदों पर छिड़का और वे यह नहीं कह सकते कि पानी की बूंद ने उन्हें छुआ नहीं।
'शुद्धिकरण' से गुज़रने वाले पार्षदों में से एक मनोज मुदगल ने कहा, 'वह निगम को भ्रष्टाचार और नकारात्मकता से मुक्त करने और इसके शुद्धिकरण के लिए गंगाजल छिड़क रहे थे। वहां मौजूद एक अन्य पार्षद ज्योति चौहान ने कहा, 'हम क्या कह सकते हैं, वे हमारे बड़े हैं, हमारे वरिष्ठ हैं। उन्होंने पूरे जेएमसी हेरिटेज मुख्यालय में गंगाजल छिड़का। वे कह रहे थे कि वे भ्रष्टाचार से मुक्ति दिला रहे हैं, वे (भ्रष्टाचार की) गंदगी साफ कर रहे हैं।' कांग्रेस पार्षद उत्तम शर्मा ने कहा: 'वे पूरे निगम में ऐसा कर रहे थे। सौभाग्य से, हम कमरे में थे जब वे आए और हम सभी पर गंगाजल छिड़कना शुरू किया। लेकिन उनका इरादा हमें गंगाजल पिलाने का नहीं था- पार्षद भ्रष्ट नहीं हैं कि हमें शुद्ध करने की जरूरत है। निगम का पूरा परिसर भ्रष्ट था।' उन्होंने कहा कि बालमुकुंद ने अच्छा काम किया।