पंजाब में कांग्रेस को सत्ता में वापस लाने की बड़ी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के कंधों पर है। चन्नी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद अपनी छवि जमीन से जुड़े आदमी की बनाई है। उन्होंने बीते दिनों में कई बड़े एलान कर चुनाव में लीड लेने की कोशिश की है लेकिन मुश्किल यह है कि उन्हें अपने घर के अंदर से ही चुनौती मिल रही है।
चुनौती देने वाले शख़्स का नाम है नवजोत सिंह सिद्धू। सिद्धू कुछ ही साल पहले कांग्रेस में आए हैं और पार्टी ने उन्हें पूरा मान-सम्मान देते हुए पहले कैबिनेट मंत्री और फिर प्रदेश अध्यक्ष तक बनाया।
लेकिन सिद्धू के मन में इस बात की टीस है कि उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया और वे आए दिन चन्नी सरकार के फ़ैसलों पर सवाल उठाते रहते हैं।
चन्नी सिद्धू की चुनौती से कैसे निपटेंगे, इस बारे में और तमाम और मुद्दों पर उन्होंने ‘आज तक’ से बातचीत की है। इस सवाल पर कि सिद्धू सरकार के फ़ैसले पर क्यों सवाल उठाते हैं, चन्नी ने कहा कि सिद्धू को पूरा हक़ है कि वे किसी भी मुद्दे को उठाएं क्योंकि वे पार्टी के अध्यक्ष हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, “मुझे पार्टी की विचारधारा को लागू करना है और पार्टी सुप्रीम है। सिद्धू के साथ मेरा कोई टकराव नहीं है, मुझे अच्छा लगता है जब वे कोई बात करते हैं क्योंकि मुझे उस बात को ठीक करना है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें ऐसा नहीं लगता कि सिद्धू को मीडिया से पहले उनसे बात करनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा, “सिद्धू मीडिया से बात करें, अगर मुझे मीडिया से भी कुछ ऐसा मिलेगा कि ये करने वाला काम है तो मैं पार्टी के लिए और लोगों के लिए करूंगा लेकिन जो लोगों के हक़ में नहीं है, वह काम मैं नहीं करता हूं।”
‘मैं हूं आम आदमी’
चन्नी ने कहा कि उन्होंने ग़रीबी देखी है और वे वही काम कर रहे हैं जो ग़रीब, मिडिल क्लास, किसान, व्यापारियों, छात्रों के लिए ज़रूरी हैं। उन्होंने कहा कि वे आम आदमी नहीं बनना चाहते बल्कि वे आम आदमी हैं।
‘आदरणीय हैं सिद्धू’
चन्नी ने कहा कि उन्होंने नगर पालिका से लेकर विधानसभा और सरपंच से लेकर मुख्यमंत्री तक का सफर तय किया है, इसलिए वे लोगों की मुश्किलों को बहुत अच्छे ढंग से जानते हैं और दिखावे की व्यवस्था को ख़त्म करना चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव और सिद्धू उनके लिए कोई चुनौती नहीं हैं और सिद्धू उनके लिए आदरणीय हैं।
चन्नी ने बात साफ करते हुए कहा कि उनका लक्ष्य पंजाब के लोगों की सेवा करना है।
पंजाब में दलित समुदाय के पहले मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा, “मैं अपनी रेखा पर चल रहा हूं, मुझे अपनी लाइन बड़ी करनी है और मुझे किसी की लाइन से कोई मतलब नहीं है।”
हाईकमान का फ्री हैंड
चन्नी ने बीते दिनों में जिस तरह एक के बाद एक कई बड़े फ़ैसले पंजाब की अवाम के हक़ में लिए हैं, उससे पता चलता है कि उन्हें हाईकमान ने फ्री हैंड दे दिया है। मतलब यह कि हाईकमान चाहता है कि चन्नी ही चुनाव में कांग्रेस का चेहरा बनें और पार्टी को सत्ता में लेकर आएं। हाईकमान को यह भी पता है कि सिद्धू पार्टी के लिए मुश्किल खड़ी कर सकते हैं। ऐसे में हाईकमान के पास भी चन्नी पर पूरा भरोसा करने के अलावा कोई रास्ता नहीं है। क्योंकि अमरिंदर सिंह भी पार्टी छोड़कर जा चुके हैं।