पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकार मलविंदर सिंह माली ने कश्मीर पर विवादित बयान दे दिया है। माली ने एक फ़ेसबुक पोस्ट में लिखा, “कश्मीर कश्मीरियों का देश है। 1947 में अंग्रेजों के भारत छोड़ते वक़्त किए गए समझौते के अनुसार और यूएनओ के फ़ैसले के ख़िलाफ़, कश्मीर को दो भागों में बांट दिया गया और इस पर भारत और पाकिस्तान ने कब्जा कर लिया।”
माली ने इन लाइनों के साथ श्रीनगर के लाल चौक की फ़ोटो भी लगाई है। इसमें लाल चौक पर तिरंगे के रंग की रोशनी है। माली अपनी बदजुबानी के लिए पहचाने जाते रहे हैं और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के ख़िलाफ़ भी ख़ासे हमलावर रहे हैं।
राजनीतिक बयानबाज़ी तेज़
माली के इस बयान पर राजनीतिक बयानबाज़ी तेज़ हो गई है। कांग्रेस के ही नेता सतनाम सिंह बिट्टा ने ज़ी पंजाब-हरियाणा चैनल पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि कांग्रेस ने शहादतें देकर देश को आज़ाद कराया है और माली के बयान का पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने माली के बयान की पुरजोर निंदा भी की। उन्होंने कहा कि माली को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए था।
शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने कहा है कि माली की पोस्ट देश विरोधी है और सिद्धू को भी स्पष्ट करना चाहिए कि ऐसे लोगों को अपना सलाहकार नियुक्त क्यों किया, जो देश को तोड़ने की बात करते हैं।
शिरोमणि अकाली दल के नेता चरणजीत सिंह ने ज़ी पंजाब-हरियाणा चैनल पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पूरी कांग्रेस पार्टी को इस बात का जवाब देना पड़ेगा कि क्या वे जम्मू-कश्मीर को भारत का हिस्सा नहीं मानते। उन्होंने कहा कि ऐसा करके तो माली ने पाकिस्तान का तर्क पेश किया है।
बीजेपी का हमला
बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री तरूण चुघ ने माली के बयान पर कहा है कि कश्मीर पर कांग्रेस की सोच हमेशा से ही संदिग्ध रही है। अभी तक इस मामले में कांग्रेस या नवजोत सिंह सिद्धू की ओर से कोई बयान नहीं आया है। लेकिन सिद्धू और कांग्रेस इस मामले में बुरी तरह फंस गए हैं।
अमरिंदर पर बोला था हमला
माली ने कुछ दिन पहले अपनी पोस्ट में लिखा था, “पंजाबियों, होशियार और ख़बरदार हो जाओ। कैप्टन, अमित शाह और मोदी की तिकड़ी के द्वारा पंजाब के अंदर अविश्वास, सांप्रदायिक तनाव, डर और दहशत पैदा करने के संकेत हैं और यह पंजाबियों और किसानों के लिए ख़तरे की घंटी है।”
हालांकि माली ने यह पोस्ट सलाहकार नियुक्त किए जाने से कुछ घंटे पहले लिखी थी। लेकिन सवाल यह है कि अमरिंदर सिंह के ख़िलाफ़ ऐसी पोस्ट लिखने वाले शख़्स को सिद्धू ने अपना सलाहकार क्यों बनाया।
सिद्धू ने जब माली को चार अन्य लोगों के साथ अपना सलाहकार नियुक्त किया था तो पंजाब कांग्रेस के नेताओं ने भी इस पर नाराज़गी जताई थी। इसके अलावा सिद्धू ने अमरिंदर सिंह को नाराज़ करने वाला एक और काम किया है। अमरिंदर सिंह के ख़िलाफ़ लगातार बयानबाज़ी करने वाले विधायक परगट सिंह को पंजाब कांग्रेस का महासचिव (संगठन) बना दिया गया है।