दिल्ली से सटे गुड़गांव में एक बार फिर दक्षिणपंथी संगठनों से जुड़े लोगों ने जुमे की नमाज़ का विरोध किया। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 30 लोगों को हिरासत में ले लिया। यह घटना सेक्टर 47 में हुई। प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान जमकर नारेबाज़ी की। गुड़गांव में शुक्रवार की नमाज़ को लेकर दक्षिणपंथी संगठनों से जुड़े लोग लंबे वक़्त से हंगामा कर रहे हैं। कुछ दिन पहले भी इन्होंने इसी तरह की हरक़त की थी।
गुड़गांव की एसडीएम अनिता चौधरी ने एनडीटीवी को बताया कि गुड़गांव में 37 जगहों पर नमाज़ अदा की जाती है। उन्होंने कहा कि इन जगहों पर नमाज़ पढ़ने वालों को पूरी सुरक्षा दी जाएगी।
प्रदर्शनकारियों ने लगाए नारे
आज जो हंगामा हुआ है, उसमें दक्षिणपंथी संगठनों से जुड़े लोग एक बार फिर सेक्टर 47 में नमाज़ पढ़ने वाली जगह पर पहुंच गए और नारे लगाने लगे। उन्होंने हाथों में बोर्ड लिए हुए थे, जिनमें लिखा था कि खुले में नमाज़ पढ़ना बंद करो और बाहरी लोग इस सेक्टर में नमाज़ न पढ़ें।
घटना के एक वीडियो में दिख रहा है कि पुलिस इन प्रदर्शनकारियों को बसों में भरकर ले गयी। इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद रहे। यह लगातार तीसरा हफ़्ता था, जब नमाज़ में खलल डालने की कोशिश की गई। पिछले हफ़्ते सेक्टर 12-A में भी ऐसा ही हुआ था और प्रदर्शनकारियों ने जय श्री राम के नारे लगाए थे।
लेकिन सेक्टर 47 और सेक्टर 12-A सहित पूरे गुड़गांव में 37 ऐसी जगहें हैं, जहां पर मुसलमानों को नमाज़ पढ़ने की इजाजत दी गई है और इन जगहों को बाक़ायदा प्रशासन के द्वारा चिन्हित किया गया है।
गुड़गांव में नमाज़ के विरोध की पहली घटना 2018 में हुई थी। इसके बाद मुसलिम समुदाय, हिंदू समुदाय और प्रशासन के अफ़सरों के बीच लंबी बातचीत हुई थी और नमाज़ पढ़ने के लिए 37 जगहों का चयन किया गया था। उसके बाद से मुसलिम समुदाय के लोग इन जगहों पर नमाज़ अदा करते आ रहे थे और दो साल तक मामला शांत रहा था। लेकिन बीते कुछ हफ़्तों से एक बार फिर से दक्षिणपंथी संगठनों के लोगों ने सेक्टर 12-A और सेक्टर 47 में नमाज़ पढ़ने वाले लोगों का विरोध शुरू कर दिया।
माहौल ख़राब करने की कोशिश
सवाल इस बात का है कि जब प्रशासन ने बाक़ायदा दोनों समुदायों के लोगों के साथ बातचीत कर 37 जगहों का चयन किया है तो फिर कुछ मुठ्ठी भर लोगों को किस बात की परेशानी है। आख़िर वे क्यों इस तरह की हरक़तें कर माहौल को ख़राब करना चाहते हैं।
बढ़ती घटनाएं
अगस्त के महीने में दिल्ली के जंतर-मंतर पर मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रती नारे लगाए गए थे। इस मामले में बीजेपी के नेता अश्विनी उपाध्याय सहित कई लोगों को गिरफ़्तार भी किया गया था। इसके अलावा अगस्त में ही दिल्ली के द्वारका के सेक्टर 22 में हिंदू संगठनों ने हज हाउस बनाने का विरोध किया था। इन्हें समर्थन देने के लिए बीजेपी के नेता भी आगे आए थे। मुल्क़ का क़ानून सबके लिए बराबर है और पुलिस और प्रशासन को माहौल को ख़राब करने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करनी चाहिए।
इस मामले में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि सभी को अपनी प्रार्थना करने का हक़ है लेकिन जो लोग ऐसा कर रहे हैं, उन्हें सड़कों को बंद नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा था कि इस मुद्दे को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाया जाना चाहिए।