पश्चिम बंगाल के चुनाव में ममता बनर्जी के लिए रणनीति बना रहे प्रशांत किशोर उर्फ पीके ने बीजेपी को अपने पुराने ट्वीट की याद दिलाई है। प्रशांत किशोर ने ताज़ा ट्वीट में कहा है, “भारत में लोकतंत्र के लिए सबसे महत्वपूर्ण लड़ाइयों में से एक लड़ाई बंगाल में लड़ी जाएगी और बंगाल के लोग इस संदेश के साथ तैयार हैं कि वे सिर्फ़ अपनी बेटी को चाहते हैं।”
बंगाल सहित पांच राज्यों के चुनाव नतीजे 2 मई को आने हैं। पीके ने कहा है कि 2 मई को उन्हें उनका पुराना ट्वीट याद दिला दिया जाए।
चुनावी रणनीतिकार पीके जिस ट्वीट की बात कर रहे हैं, वह उन्होंने 21 दिसंबर, 2020 को किया था। इस ट्वीट में पीके ने कहा था कि मीडिया में बीजेपी के समर्थक वर्ग द्वारा उसे बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जा रहा है लेकिन बीजेपी को पश्चिम बंगाल में दहाई का अंक पार करना मुश्किल हो जाएगा।
पीके ने यह भी कहा था कि लोग उनका यह ट्वीट संभाल कर रख लें और अगर बीजेपी इससे अच्छा प्रदर्शन करती है तो वह ट्विटर छोड़ देंगे।
क्यों अहम हैं पीके?
2014 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए ‘चाय पर चर्चा’ अभियान चलाने वाले प्रशांत किशोर कई दलों के लिए चुनाव रणनीति बनाने का काम कर चुके हैं। प्रशांत ने 2015 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी-जेडीयू गठबंधन के लिये चुनाव रणनीति बनाई थी और जीत दिलाई थी। 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के लिये रणनीति बनाने वाले प्रशांत किशोर का बतौर चुनावी रणनीतिकार ट्रैक रिकॉर्ड शानदार रहा है।
बंगाल में 8 चरण में होगा चुनाव
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने शुक्रवार को की गई प्रेस कॉन्फ्रेन्स में कहा कि पश्चिम बंगाल में पहले चरण में 30 सीटों पर 27 मार्च को, दूसरे चरण में 30 सीटों पर 1 अप्रैल को, तीसरे चरण में 31 सीटों पर 6 अप्रैल को, चौथे चरण में 44 सीटों पर 10 अप्रैल को, पांचवें चरण में 45 सीटों पर 17 अप्रैल को, छठे चरण में 43 सीटों पर 22 अप्रैल को, सातवें चरण में 36 सीटों पर 26 अप्रैल को और आठवें चरण में 35 सीटों पर 29 अप्रैल को मतदान होगा।
ममता ने उठाए सवाल
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग के कार्यक्रम पर सवाल उठाए हैं। टीएमसी प्रमुख ममता ने कहा कि बीजेपी के कहने पर 8 चरण में मतदान का कार्यक्रम तैयार किया गया है लेकिन इससे उसे कोई फ़ायदा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह अपनी ताक़त का दुरुपयोग न करें। ममता ने कहा कि तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में 1 चरण में मतदान कराया गया है तो फिर बंगाल में 8 चरण में क्यों।