खुर्शीद का बयान राहुल पर क्यों, क्या लल्लू के अध्यक्ष बनने से नाराज़ हैं?

03:34 pm Oct 10, 2019 | यूसुफ़ अंसारी - सत्य हिन्दी

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद के बयान से कांग्रेस में एक बार फिर तूफ़ान खड़ा हो गया है। कांग्रेस में कुछ नेता सलमान खुर्शीद के बयान से सहमत दिख रहे हैं तो कुछ नेता इस बयान के वक़्त को लेकर सवाल उठा रहे हैं। एक सवाल तो यह भी है कि क्या वह नाराज़ हैं? बुधवार को सलमान खुर्शीद के राहुल गाँधी के पार्टी नेतृत्व से भाग जाने के बयान के साथ शुरू हुआ यह बवाल शाम होते-होते भोपाल में ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी में आत्म चिंतन की सख़्त ज़रूरत बताए जाने के साथ तूल पकड़ता चला गया। कांग्रेस को आधिकारिक प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर अपने नेताओं से संगठन के अंदरूनी मामलों पर बयानबाज़ी न करने की नसीहत देनी पड़ी।

कांग्रेस आलाकमान के सूत्रों के मुताबिक़, रात को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी के घर 10, जनपथ से सलमान खुर्शीद और ज्योतिरादित्य सिंधिया को बाकायदा फ़ोन करके नसीहत दी गई है कि वह ऐसे वक़्त में पार्टी के अंदरूनी हालात पर सार्वजनिक रूप से बयानबाज़ी करने से बचें। पार्टी आलाकमान की तरफ़ से नेताओं को समझाया गया है कि इस तरह की सार्वजनिक बयानबाज़ी से दोनों राज्यों में पार्टी की चुनावी संभावनाओं पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। पार्टी आलाकमान की सख़्त नसीहत का ही नतीजा है कि गुरुवार को इस मुद्दे पर पार्टी के किसी भी नेता ने मुँह नहीं खोला।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने इस मुद्दे पर कुछ भी कहने से इनकार किया। हालाँकि मानहानि के एक मुक़दमे में सूरत की अदालत में हाज़िर हुए राहुल गाँधी से इस विवाद पर सवाल पूछने की कोशिश की गई लेकिन राहुल गाँधी ने इस मुद्दे पर चुप्पी साधे रखना ही बेहतर समझा। बुधवार को दिनभर इस मुद्दे पर कांग्रेस के नेता 24 अकबर रोड पर बंद कमरे में आपस में चर्चा करते रहे। गुरुवार को भी नेता दबी ज़ुबान में बोले, लेकिन खुलकर किसी ने भी बोलने की हिम्मत नहीं दिखाई। ज़्यादातर नेताओं का कहना यह है कि जब पार्टी में एक वैकल्पिक व्यवस्था बन गई है और सोनिया गाँधी अंतरिम अध्यक्ष के रूप में पार्टी को संभाल रही हैं।

बता दें कि महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में उस वक़्त मतभेद उभर कर सामने आए जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने पार्टी के भविष्य को लेकर चिंता जतायी। उन्होंने कहा कि ऐसे वक़्त में जब देश का मिजाज बदल गया है, राहुल का ‘छोड़ जाना’ कांग्रेस के लिए बड़ी मुसीबत है। उन्होंने कहा कि दुनिया में कोई ऐसा नेता नहीं, जिसके नेतृत्व में लगातार चुनाव हारने के बाद भी नेता और कार्यकर्ता उनसे जुड़े रहें, लेकिन राहुल के साथ ऐसा नहीं है। राहुल गाँधी के साथ नेता और कार्यकर्ता आज भी जुड़े हुए हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इतने शानदार नेताओं की इतनी शानदार पार्टी की ऐसी हालत क्यों हो गयी, इस पर हमें विचार करना होगा।

क्यों नाराज़ हैं खुर्शीद?

सलमान खुर्शीद के इस बयान के बाद कांग्रेस में हड़कंप मच गया। कांग्रेस के बड़े नेता सलमान खुर्शीद के अचानक आए इस बयान से हतप्रभ थे। उन्हें यह समझ नहीं आ रहा था कि आख़िर सलमान खुर्शीद ऐसे वक़्त में क्यों बयानबाज़ी कर रहे हैं जबकि महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनाव  शुरू हो चुके हैं। खुर्शीद के इस बयान को उत्तर प्रदेश की हाल ही में बनी नई कमेटी के गठन से भी जोड़कर देखा जा रहा है। उत्तर प्रदेश में अजय सिंह लल्लू को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद कांग्रेस में अंदरूनी तौर पर उनका काफ़ी विरोध हो रहा है। ऐसा समझा जाता है कि सलमान खुर्शीद को इसमें माकूल जगह नहीं मिल पाई है। कई नेता खुर्शीद के बयान को इससे जोड़कर देख रहे हैं।

राशिद अल्वी का पलटवार

सलमान खुर्शीद के इस बयान पर सबसे पहले राशिद अल्वी ने पलटवार किया। अल्वी ने कहा, 'ऐसा लग रहा है कि हमें बाहर के दुश्मनों की ज़रूरत नहीं  है।' बता दें कि राशिद अल्वी और सलमान खुर्शीद के बीच छत्तीस का आँकड़ा है। दोनों के सुर कभी आपस में नहीं मिलते। इसीलिए सलमान खुर्शीद के बयान पर पलटवार करने में राशिद अल्वी ने जल्दबाज़ी दिखाई। उन्होंने यहाँ तक कह दिया, 'पार्टी के भीतर ऐसे नेता हैं, जो पार्टी को नुक़सान पहुँचा रहे हैं। हर दूसरे कांग्रेस नेता अलग राग अलाप रहे हैं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। घर को आग लग गयी, घर के चिराग से।' 

पार्टी अध्यक्ष पद को लेकर दो नेताओं के बयान आने के बाद कांग्रेस की फ़ज़ीहत रोकने के लिए कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा को कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहना पड़ा कि नेताओं को ऐसे बयान देने से बचना चाहिए। पार्टी के सभी नेताओं को केंद्र और राज्यों के बीजेपी सरकारों की विफलताओं को सामने लाने की दिशा में काम करना चाहिए। कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ़्रेंस ख़त्म होते ही भोपाल से कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया का बयान आ गया कि कांग्रेस को आत्मचिंतन करने की ज़रूरत है। सिंधिया ने यह बयान सलमान खुर्शीद के बयान पर पूछे गए प्रतिक्रिया के जवाब में दिया था।

कांग्रेस में उठे इस तूफ़ान पर बीजेपी मजे लेने से नहीं चूकी। बीजेपी बोली, कांग्रेस के पास न तो नेता हैं, न नीति। कांग्रेस में मची रार पर भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने खुर्शीद के बयान वाली खबर के साथ ट्वीट में यह भी लिखा कि खुर्शीद मानते हैं कि राहुल गाँधी 'छोड़ गये' और सोनिया गाँधी सिर्फ़ 'फौरी इंतज़ाम' देख रही हैं।