हरियाणा में 2 सीटों के लिए होने वाले राज्यसभा चुनाव में राज्य की बीजेपी-जेजेपी सरकार ने पेच फंसा दिया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के बेटे और एक टेलीविजन चैनल के मालिक कार्तिकेय शर्मा ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया है। इससे कांग्रेस के उम्मीदवार अजय माकन को खतरा हो सकता है।
कार्तिकेय शर्मा को राज्य में बीजेपी के साथ मिलकर सरकार चला रही जननायक जनता पार्टी ने समर्थन दिया है। जननायक जनता पार्टी के पास 10 विधायक हैं।
90 सीटों वाली हरियाणा की विधानसभा में बीजेपी के पास 40 विधायक हैं जबकि कांग्रेस के पास 31 विधायक हैं।
31 वोटों की जरूरत
एक उम्मीदवार को जीतने के लिए 31 वोटों की जरूरत है। बीजेपी अपने एक उम्मीदवार को आसानी से चुनाव जिता सकती है जबकि इसके बाद उसके पास 9 वोट और बचेंगे। जेजेपी के पास क्योंकि 10 विधायक हैं। सात विधायक निर्दलीय हैं और हरियाणा लोकहित पार्टी के गोपाल कांडा और इनेलो के अभय चौटाला भी विधायक हैं।
इन सभी का समर्थन अगर कार्तिकेय शर्मा जुटा लेते हैं तो उनके पास 28 वोट हो जाएंगे। अगर कांग्रेस कुलदीप बिश्नोई को मनाने में कामयाब नहीं हो पाई और कांग्रेस के दो-तीन विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की तो कार्तिकेय शर्मा की राह आसान हो जाएगी।
बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक कुलदीप बिश्नोई नाराज चल रहे हैं और इस वजह से पार्टी परेशान हैं। बिश्नोई की नाराजगी संगठन में हुए बदलावों में उन्हें अहमियत नहीं दिए जाने को लेकर है।
कौन हैं कार्तिकेय शर्मा?
कार्तिकेय शर्मा हरियाणा के बड़े नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के बेटे हैं। विनोद शर्मा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे और वह पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के दोस्त भी हैं। कार्तिकेय शर्मा के ससुर कुलदीप शर्मा भी कांग्रेस में हैं और वह विधायक भी रहे हैं।
कुल मिलाकर बात यह है कि अगर शर्मा परिवार ने कांग्रेस में सेंध लगा दी और कुलदीप बिश्नोई की नाराजगी बरकरार रही तो निश्चित रूप से अजय माकन का राज्य सभा में पहुंचना मुश्किल हो जाएगा।
राज्यसभा चुनाव में टिकट वितरण को लेकर कांग्रेस पहले से ही परेशान है। राजस्थान, छत्तीसगढ़ और हरियाणा से बाहरी नेताओं को टिकट देने को लेकर पार्टी में नाराजगी है तो पवन खेड़ा और नगमा जैसे वरिष्ठ नेताओं ने उम्मीदवार न बनाए जाने पर नाखुशी जताई है।