सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म फेसबुक पर लग रहे तमाम गंभीर आरोपों के बीच कांग्रेस ने मांग की है कि चुनावों को प्रभावित करने में इस प्लेटफ़ॉर्म की भूमिका की जांच होनी चाहिए। कांग्रेस ने मांग की है कि इसके लिए संयुक्त संसदीय समिति बनाई जाए। कांग्रेस ने कहा है कि फ़ेसबुक अब फ़ेकबुक हो गया है।
खेड़ा ने कहा है कि फ़ेसबुक की आतंरिक स्टडीज में ही यह बात सामने आई है कि वह आरएसएस, बजरंग दल और उनके सहयोगी संगठनों का प्रॉक्सी बन गया है। उन्होंने कहा कि वर्ग विशेष के ख़िलाफ़ होने वाली पोस्ट्स के ख़िलाफ़ फ़ेसबुक कोई कार्रवाई नहीं करता।
कांग्रेस प्रवक़्ता ने कहा कि यह कहने में कोई गुरेज नहीं होना चाहिए कि फ़ेसबुक अब फ़ेकबुक हो गया है और यह सिर्फ़ फ़ेक पोस्ट्स और फ़ेक एजेंडे को आगे बढ़ाता है और बीजेपी और संघ के लिए इसे बांटता है।
खेड़ा ने कहा कि फ़ेसबुक और बीजेपी के संबंध कितने गहरे हैं, इस बारे में कई बार जानकारी सामने आ चुकी है। उन्होंने कहा कि अंखी दास को लेकर कई ख़बरें आ चुकी हैं। उन्होंने कहा कि बात सिर्फ़ हेट स्पीच की नहीं है, बात यह है कि कैसे एक विचारधारा को लोगों पर थोपा जा रहा है।
‘नेटवर्क को नहीं हटाया’
कुछ ही दिन पहले फ़ेसबुक की पूर्व एम्प्लॉयी सोफ़ी झांग ने बड़ा खुलासा किया था। झांग ने एनडीटीवी के साथ बातचीत में कहा था कि फ़ेसबुक ने बीजेपी सांसद से जुड़े फ़ेक अकाउंट्स वाले नेटवर्क को नहीं हटाया। जबकि उसने चुनाव को प्रभावित करने वाले कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के फ़ेक अकाउंट्स के नेटवर्क के ख़िलाफ़ कार्रवाई की थी। ये नेटवर्क दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के दौरान फ़ेसबुक के सामने आए थे।
मुसलिम विरोधी प्रचार
एक और पूर्व एम्प्लॉयी फ्रांसिस हॉजन ने फ़ेसबुक पर बेहद गंभीर आरोप लगाए थे। हॉजन ने कहा था कि फ़ेसबुक को भारत में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उससे जुड़े संगठनों, समूहों और लोगों की ओर से मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रत फैलाने वाली सामग्री इस सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर डाले जाने की जानकारी थी। लेकिन उसने इसे रोकने के लिए कुछ नहीं किया।
फ़ेसबुक पर इससे पहले भी आरोप लगे थे कि उसने बीजेपी नेताओं की हेट स्पीच को अपने प्लेटफ़ॉर्म से नहीं हटाया और बीजेपी के कहने पर कुछ लोगों के फ़ेसबुक पेज को हटा दिया।