सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बुधवार को दिल्ली आकर वरिष्ठ सपा नेता आजम खान से मुलाकात की। यह मुलाकात सर गंगाराम अस्पताल में हुई, जहां इस समय आजम खान इलाज के लिए भर्ती हैं। मुलाकात ढाई घंटे तक चली। इस दौरान आजम के बेटे अब्दुल्ला आजम मौजूद थे। समझा जाता है कि अखिलेश यहां पर आजम खान को मनाने और संबंधों को फिर से ठीक करने के लिए आए थे। आजम खान शुरू से ही कहते रहे हैं कि सपा प्रमुख अखिलेश से उनके कोई मतभेद नहीं हैं। लेकिन मीडिया अपना कयास लगाता रहा। आजम ने अभी मंगलवार को ही एक इंटरव्यू में कहा था कि अखिलेश से उनके संबंध मतभेदों वाले नहीं हैं।
मुलाकात के बाद जब अखिलेश अस्पताल से बाहर निकले तो टीवी चैनलों ने उनसे तमाम सवाल किए लेकिन अखिलेश किसी भी मीडिया वाले से बात किए बिना ही वहां से चले गए। अखिलेश और आजम के बीच लंबे समय से संबंध तल्ख चल रहे थे। बहरहाल, बुधवार की मुलाकात के बाद अखिलेश ने आजम से मुलाकात के दो फोटो शेयर किए और लिखा कि अच्छी सेहत के लिए दुआएं।....आप जल्द अच्छे होकर आएं।
आजम खान से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अखिलेश ने आजम खान से कहा कि वो ठीक होने के बाद पार्टी के साथ सक्रियता से जुड़ें। पार्टी को इस समय उनकी जरूरत है। खासकर सपा के मुस्लिम विधायकों और मुस्लिम इलाकों में जो बेचैनी देखी जा रही है, आजम खान उनसे रूबरू हों। आजम और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को पूरा भरोसा दिया कि वे लोग पार्टी के साथ हैं और रहेंगे। उन्हें कोई ताकत पार्टी से दूर नहीं कर सकती।
आजम खान पर यूपी सरकार समेत कई अन्य लोगों ने 89 केस दर्ज कराए। इन सभी में जमानत मिलने के बाद आजम हाल ही में 27 महीनों बाद जेल से बाहर आए। लेकिन इन 27 महीनों में अखिलेश ने कभी भी जेल में जाकर आजम से मुलाकात नहीं की। हालांकि आजम और उनके बेटे को अखिलेश ने टिकट दिया और दोनों विधानसभा चुनाव जीत भी गए। जेल में बंद आजम से मिलने अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव और कांग्रेस के प्रमोद कृष्णम पहुंचे। आजम दोनों से मिले। लेकिन जब सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान से मिलने गए तो आजम ने मिलने से मना कर दिया।
आजम ने कभी भी सपा या अखिलेश को लेकर कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया लेकिन उनके नजदीकी लोग और समर्थक ऐसी गतिविधियां करते रहे जिससे लगता था कि ये सब आजम के इशारे पर हो रहा है। लेकिन आजम ने न खंडन किया और न पुष्टि की। जेल से रिहा होने के बाद भी अखिलेश ने उनके लिए कोई ट्वीट नहीं किया। आजम रामपुर अपने घर पहुंच गए, समर्थकों को लगा कि अखिलेश शायद घर आएंगे। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। हाल ही में इस बात के संकेत मिल रहे थे कि आजम खान किसी तरह का राजनीतिक दांव खेल सकते हैं। इसलिए हालात के मद्देनजर अखिलेश ने उनसे संबंध फिर से ठीक कर लिए हैं।
क्या कहा इंटरव्यू में
आजम ने मंगलवार को एनडीटीवी को इंटरव्यू दिया था। जिसमें उन्होंने अखिलेश यादव के साथ किसी भी तरह के मतभेद से इनकार किया। उन्होंने कहा कि मुझे उनके (अखिलेश यादव) के खिलाफ कोई शिकायत नहीं है। मैं दुखी नहीं हूं और मैं दुखी नहीं हो सकता। मैं अखिलेश यादव को सलाह देने के लिए बहुत छोटा हूं।
27 महीने जेल में बिताने वाले आजम ने कहा कि उनका इस समय अखिलेश से कोई संपर्क नहीं रहा है, और इसलिए दरार का सवाल ही नहीं उठता। हमने तीन साल से अधिक समय से रास्ते पार नहीं किए हैं।
20 मई को यूपी की सीतापुर जेल से रिहा हुए खान ने कहा, मैं नेता (राजनेता) नहीं हूं। मैं खुद को समाजवादी पार्टी का नेता नहीं मानता। मैं हमेशा पार्टी का कार्यकर्ता रहा हूं और पार्टी का कार्यकर्ता रहूंगा। खान ने तमाम आलोचनाओं को खारिज करते हुए कहा कि मेरी पहचान पक्की है, मेरी आवाज सक्रिय है, मैं अभी भी सांस ले रहा हूं, मैं अपने आप चल सकता हूं..मैं अभी भी जिंदा हूं।