गुरुवार को पेट्रोल की कीमतों में 29 पैसे और डीज़ल की कीमतों में 19 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि हुई। पिछले चार दिनों से इनकी कीमतों में रोज़ाना वृद्धि हो रही है और यह दो महीने की सबसे ऊँची बढ़ोतरी है। इन चार दिनों में पेट्रोल के दाम 68 पैसे और डीज़ल की कीमत 58 पैसे बढ़ गए।
इस बढ़ोतरी के साथ ही गुरुवार को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 72.71 रुपये, मुंबई में 78.39 रुपये, बंगलुरू में 75.19 रुपये और चेन्नई में 75.76 रुपये प्रति लीटर हो गई। डीज़ल की कीमत दिल्ली में 66.01, मुंबई में 69.24 रुपये, बंगलुरू मे 68.26 रुपये और चेन्नई में 69.77 रुपये प्रति लीटर हो गई।
इस बढ़ोतरी की तात्कालिक वजह अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ना है। न्यूयॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज में गुरुवार को ब्रेंट तेल की कीमत 63.68 डॉलर प्रति लीटर थी। सोमवार को कच्चे तेल की कीमतों में यकायक एक बार में ही 12 डॉलर प्रति बैरल की बढ़ोतरी हुई, बाद में वह कीमत थोड़ी गिरी, पर कुल बढ़ोतरी 8 डॉलर के आसापास रह ही गई।
इसकी वजह यह है कि सऊदी अरब के अबक़ैक और ख़ुरैश स्थित तेल संयंत्रों पर ड्रोन हमले हुए, जिससे उन संयंत्रों के कई हिस्सों को बंद कर देना पड़ा। इससे सऊदी अरब की सरकारी कंपनी अरैमको को रोज़ाना 57 लाख बैरल कच्चे तेल की कमी हो गई। तेल आपूर्ति में इस रुकावट की वजह से कीमतें यकायक उछलीं। सऊदी अरैमको के पास कच्चे तेल का भंडार है, जिससे उसने तेल निकालना शुरू कर दिया है और बाज़ार में थोड़ी स्थिरत लौटी है, पर तेल की बढी कीमतें अभी रहेंगी।
भारत में तेल बिक्री से जुड़ी तमाम कंपनियाँ सरकारी हैं, इसलिए वे तेल की कीमतों में वह बढ़ोतरी नहीं कर रही हैं, जितनी वे कर सकती हैं। पर लंबे समय के लिए तेल की कीमतें नकली तरीके से रोके रखना मुमकिन नहीं होगा। लिहाज़ा, भारत में पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें और बढ़ सकती हैं।