मुंबई में लॉकडाउन की आशंका के बीच लोकमान्य तिलक टर्मिनस रेलवे स्टेशन और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पर भारी भीड़ देखने को मिल रही है। दोनों ही स्टेशनों पर काफ़ी संख्या में लोग यूपी और बिहार जाने के लिए निकल पड़े हैं। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सख्त लॉकडाउन की चेतावनी के बाद खासतौर पर बड़ी संख्या में उत्तर भारत के लोगों ने मुंबई छोड़ने का फ़ैसला किया है।
पिछले कई दिनों से मुंबई में कोरोना के केस सभी रिकॉर्ड को तोड़ते हुए दिन-प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे हैं। यही कारण रहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को राज्य की जनता से अपील की थी कि मुंबई में बढ़ते कोरोना के केस उन्हें लॉकडाउन लगाने पर मजबूर कर सकते हैं।
हालाँकि, सामान्य तौर पर यूपी-बिहार में रहने वाले लोग बच्चों की स्कूल की छुट्टियों के बाद वापस गाँव जाते हैं लेकिन सीएम ठाकरे की लॉकडाउन लगाने की चेतावनी ने उन्हें समय से पहले ही गांव निकलने पर मजबूर कर दिया है। कुर्ला टर्मिनस पहुँचे गोरेगाँव के ओमप्रकाश सिंह का कहना है कि वैसे तो वो अपने परिवार के साथ मध्य अप्रैल में जौनपुर जाते हैं लेकिन कहीं दोबारा से लॉकडाउन न लग जाये इसलिए उन्होंने अभी गाँव जाने का फ़ैसला किया है। पिछली बार लॉकडाउन में ओमप्रकाश को काफ़ी परेशानियों का सामना करना पड़ा था।
मुंबई के जोगेश्वरी में रहने वाले विजय का कहना है कि पिछली बार लॉकडाउन में उन्हें प्रतापगढ़ पैदल जाना पड़ा था और काफ़ी मानसिक परेशानी हुई थी। इस बार विजय ने लॉकडाउन से पहले ही गाँव निकलना बेहतर समझा है। विजय का कहना है कि उन्हें ट्रेन का टिकट भी कंफर्म नहीं मिला है लेकिन फिर भी वह ट्रेन में परिवार सहित सवार हो गए हैं।
मध्य रेलवे के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी ए के सिंह का कहना है कि वैसे तो उत्तर भारत की ओर जाने वाली ट्रेनों में हर साल ही भीड़ होती है लेकिन इस बार थोड़ी ज़्यादा भीड़ देखने को मिल रही है।
सिंह से जब पूछा गया कि कहीं मुंबई में लॉकडाउन के डर से तो भीड़ नहीं है तो उन्होंने कहा कि एक कारण यह भी हो सकता है। सिंह का कहना है कि उनके पास भी लोग स्पेशल ट्रेनों की इन्क्वायरी के लिए आ रहे हैं। वैसे भी मध्य रेलवे ने कई स्पेशल ट्रेनें चलाने का फ़ैसला किया है।
फ़ाइल फोटो
उत्तर भारतीयों के पलायन पर राजनीति भी शुरू हो गयी है। कांग्रेस के नेता संजय निरुपम ने ठाकरे सरकार को इसके लिए ज़िम्मेदार ठहराया है। निरुपम ने दादर सब्जी मंडी की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, 'सब्जी मंडी या अन्य बाजारों में भीड़ क्यों उमड़ रही है? क्योंकि लॉकडाउन के डर से लोग घर की खरीदारी करने के लिए टूट पड़े हैं। यह लॉकडाउन की धमकियों का दुष्परिणाम है, यही कारण है कि उत्तर भारतीयों ने मजबूरी में अपने गाँवों के लिए निकलने का फ़ैसला किया है'।
ऐसा देखा जा रहा है कि लॉकडाउन की सुगबुगाहट के बाद लोग खरीदारी के लिए बड़ी संख्या में बाज़ारों की ओर निकल पड़े हैं। शुक्रवार को उद्धव ठाकरे ने अपने संबोधन में भी कहा था कि अगर हालात नहीं सुधरे तो लॉकडाउन लगाना ही आख़िरी उपाय होगा। ठाकरे ने लोगों से अपील भी की थी कि जब तक बहुत ज़रूरी न हो, घर से बाहर न निकलें और भीड़भाड़ वाले इलाक़ों में जाने से बचें।
महाराष्ट्र में रविवार 57 हज़ार से ज़्यादा संक्रमण के मामले आए हैं। इससे पहले शनिवार को 49 हज़ार 447 मरीज मिले थे जबकि कोरोना से राज्य में 277 लोगों की मौत हो गयी। वहीं मुंबई में कोरोना के अब तक सबसे ज़्यादा मामले रविवार को मिले हैं और एक दिन में 11 हज़ार से ज़्यादा पॉजिटिव केस आए हैं। इससे एक दिन पहले 9 हज़ार से ज़्यादा मामले आए थे। राज्य के बिगड़ते हालात को देखते हुए ठाकरे सरकार अगले एक-दो दिन में कोई कड़ा फ़ैसला ले सकती है।