पटना में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को इंडिया गठबंधन को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस पार्टी को इंडिया गठबंधन की चिंता नहीं है, कांग्रेस के पास इसके लिए फुर्सत ही नहीं है।
वह पांच राज्यों के चुनाव में ही व्यस्त है। इसके कारण गठबंधन का कामकाज प्रभावित हुआ है। सीएम ने कहा कि विपक्षी गठबंधन के नेता कांग्रेस को बढ़ाना चाहते हैं। कांग्रेस को गठबंधन में आगे करना चाहते हैं।
गठबंधन पर बात नहीं हो पा रही है। नीतीश कुमार ने कहा कि अब हम लोग इंडिया गठबंधन को लेकर आगे की बातें पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद ही बैठकर तय करेंगे।
उनके इस बयान के बाद राजनैतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इसके सियासी मतलब निकाले जा रहे हैं। यह भी माना जा रहा है कि नीतीश कुमार कांग्रेस से खुश नहीं है या वह कांग्रेस के रवैये से नाराज हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह बातें पटना में सीपीआई की रैली में कही है।
सीपीआई की यह रैली पांच वर्ष बाद पटना में हुई थी। इसमें पहुंचे नीतीश कुमार ने कहा कि सीपीआई के साथ हमारा पुराना रिश्ता है। उन्होंने कहा कि कम्युनिस्ट पार्टी दो हिस्सा में बंट गई है इसे एक होने के लिए सोचना चाहिए।
सीपीआई की इस रैली में सीएम नीतीश ने केंद्र सरकार पर भी जमकर निशाना साधा। इसमें उन्होंने कहा कि आज जो सरकार देश में है उसको देश की आजादी से कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा हिंदू-मुस्लिम में झगड़ा कराना चाहती है। 2007 से हम इस पर कंट्रोल कर रहे हैं।
नीतीश ने कहा कि हम लोग बिहार में 95 प्रतिशत आबादी को एकजुट किए हैं। इस रैली में नीतीश कुमार ने मीडिया पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि बिहार में जितना काम किया जा रहा है वह कहां कहीं छप रहा है। नीतीश ने कहा कि हम लोग राज्य में इतनी बहाली किए हैं फिर भी थोड़ा-बहुत छपता है।
बड़ा सवाल कि क्या नीतीश नाराज हैं?
नीतीश कुमार के इस बयान से माना जा रहा है कि नीतीश इंडिया गठबंधन की बैठक लंबे समय से आयोजित नहीं होने और गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर कोई फैसला नहीं होने के कारण नाराज हैं। इंडिया गठबंधन को बनाने में सबसे अहम भूमिका नीतीश कुमार की ही रही है।उन्होंने ही विभिन्न राज्यों में घूम-घूम कर विपक्षी दलों को एकजुट किया था। पटना में सबसे पहले विपक्षी दलों की बैठक भी नीतीश ने ही करवाई थी।
इसके बाद बेंगलुरु और मुंबई में इंडिया गठबंधन की बैठक हुई थी लेकिन लंबे समय से कोई गतिविधियां नहीं हुई है। इसके कारण सवाल उठ रहे हैं कि क्या इंडिया गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है?
भाजपा पहले से ही कहती रही है कि इंडिया गठबंधन में सभी विपक्षी दल लंबे समय तक एकजुट नहीं रह सकती है। अब नीतीश कुमार के इस बयान के बाद माना जा रहा है कि भाजपा को इंडिया गठबंधन पर हमला करने का नया मौका मिल सकता है।
तेजस्वी ने कहा 4 लाख भर्तियां निकल चुकी
सीपीआई की इस रैली में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी पहुंचे थे। यहां मंच से तेजस्वी ने इशारों-इशारों ्में बिहार में हुई शिक्षक बहाली का क्रेडिट अपनी पार्टी को दिया। उन्होंने कहा कि दो साल बर्बाद हो गए, नहीं तो अब तक 10 लाख नौकरियां देने का वादा पूरा हो जाता।माना जा रहा है कि तेजस्वी ने यह बयान नीतीश कुमार के उस बयान के जवाब में दिया है जिसमें नीतीश ने राष्ट्रीय जनता दल को शिक्षक बहाली का क्रेडिट अकेले नहीं लेने पर नसीहत दी थी।
तेजस्वी ने कहा कि महागठबंधन के सत्ता में आने के 14-15 माह के भीतर ही करीब चार लाख भर्तियां निकल चुकी हैं।
तेजस्वी अपने इस बयान से संदेश दे गये कि महागठबंधन के सत्ता में आने से पहले शिक्षक बहाली इतनी संख्या में और इतनी जल्दी नहीं हो रही थी। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि जुलाई 2022 से पहले दो साल तक राज्य में एनडीए की सरकार थी। एनडीए की उस सरकार में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री थे। नीतीश कुमार के एनडीए का साथ छोड़ने के बाद ही राजद और कांग्रेस सत्ता में आई थी।