वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को अपना लगातार छठा बजट पेश किया। यह अंतरिम बजट है क्योंकि कुछ महीने में ही लोकसभा चुनाव होने हैं। बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार ने सर्वांगीण विकास के दृष्टिकोण से काम किया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का फोकस गरीब, महिला, युवा और किसान हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि लक्ष्य 2047 तक भारत को विकसित भारत बनाने का है। उन्होंने कहा, 'जैसा कि हमारे प्रधान मंत्री का दृढ़ विश्वास है, हमें चार प्रमुख जातियों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है- वे हैं गरीब, महिलाएं, युवा और अन्नदाता यानी किसान। उनकी जरूरतें, उनकी आकांक्षाएं और उनका कल्याण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।'
उन्होंने कहा, 'जब वे प्रगति करते हैं तो देश प्रगति करता है। इन चारों को अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए सरकारी समर्थन की आवश्यकता होती है और प्राप्त होती है। उनका सशक्तिकरण और कल्याण देश को आगे बढ़ाएगा।'
वित्त मंत्री ने कहा कि गरीबों की सहायता करने की सरकार की शक्ति कई गुना बढ़ गई जब वे विकास प्रक्रिया में सशक्त भागीदार बन गए। निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश में 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मिलने से उनकी भोजन संबंधी चिंताएं खत्म हो गयी हैं।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश में 10 साल में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है, सरकार गरीबों को सशक्त बना रही है।
उन्होंने लोकसभा में अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा कि 2014 में जब मोदी सरकार सत्ता में आई, तो देश भारी चुनौतियों का सामना कर रहा था और सरकार ने सही तरीके से चुनौतियों पर काबू पाया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल नवंबर में कहा था कि उनकी सरकार गरीब आबादी के लिए मुफ्त राशन योजना को पांच साल के लिए बढ़ाएगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि पीएम किसान योजना के तहत 11.8 करोड़ किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की गई है।
उन्होंने बजट भाषण में कहा, 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) दुनिया की सबसे बड़ी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजनाओं में से है। पीएम-किसान योजना के तहत सरकार तीन समान मासिक किस्तों में प्रति वर्ष 6,000 रुपये का वित्तीय लाभ प्रदान करती है। यह पैसा देशभर के किसान परिवारों के बैंक खातों में डाला जाता है। फरवरी 2019 में अंतरिम बजट में इसकी घोषणा की गई थी।'