नीतीश कुमार के पाला बदलते ही अब विधानसभा में आरजेडी के ख़िलाफ़ पहली कार्रवाई की तैयारी है। भाजपा के नेतृत्व वाले कई नेताओं ने आरजेडी नेता और विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी को हटाने के लिए विधानसभा सचिव को अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है।
एक रिपोर्ट के अनुसार भाजपा नेता नंद किशोर यादव और तारकिशोर प्रसाद, एचएएम प्रमुख जीतन राम मांझी, जेडीयू के विनय कुमार चौधरी, रत्नेश सादा और एनडीए गठबंधन के अन्य विधायकों ने नोटिस देकर अवध बिहारी चौधरी को हटाने की मांग की है।
नोटिस मिलने का मतलब है कि यदि वे खुद इस्तीफा नहीं देते हैं तो उनको बहुमत से हटाने को तैयारी होगी। इसके लिए विधानसभा में चौधरी को अपने पक्ष में बहुमत साबित करना होगा। तो क्या वह बहुमत साबित कर पाएँगे?
243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में, राजद 79 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है, उसके बाद भाजपा के 78, जदयू के 45 और कांग्रेस के 19 विधायक हैं। वाम दलों के पास 16 विधायक हैं जबकि हम और एआईएमआईएम के पास क्रमशः चार और एक विधायक हैं। सदन में एक निर्दलीय विधायक भी हैं। नीतीश कुमार के एनडीए के साथ चले जाने के बाद अब बिहार में एनडीए के पास 128 विधायक हैं, जो बहुमत के आँकड़े से छह अधिक है। महागठबंधन में राजद, कांग्रेस और वाम दल के पास 114 विधायक हैं।
नोटिस मिलने के बाद अब स्पीकर अवध बिहारी चौधरी को इसका जवाब देने के लिए कुछ समय दिया जाएगा। नियमानुसार 14 दिनों का समय दिया जाएगा। इससे पहले पूर्व स्पीकर विजय कुमार सिन्हा को भी 14 दिन का समय दिया गया था। यानी अब कहा जा सकता है कि एनडीए का स्पीकर 14 दिन बाद बन सकता है।
कई दिनों की अनिश्चितता के बाद नीतीश कुमार ने रविवार को महागठबंधन सरकार के घटक दलों राजद और कांग्रेस से नाता तोड़ लिया और एनडीए गठबंधन के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। वह नौवीं बार सीएम बने हैं।
नीतीश ने रविवार सुबह ही सीएम पद से इस्तीफा दिया था। तब वह आरजेडी और कांग्रेस के साथ गठबंधन में थे, लेकिन अब बीजेपी के साथ गठबंधन में हैं। यह दो साल में दूसरी बार है जब उन्होंने शपथ ली है। नीतीश के साथ ही बिहार बीजेपी के प्रमुख सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा ने भी शपथ ली। वे बिहार में बीजेपी के ताक़तवर नेता रहे हैं। इनके साथ ही बिजेंद्र प्रसाद यादव, संतोष कुमार सुमन, श्रवण कुमार समेत छह अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली।
नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली नई सरकार में कुल 8 नेताओं ने रविवार को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। बीजेपी से तीन- सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, प्रेम कुमार; जेडीयू से तीन- विजय कुमार चौधरी, बिजेंद्र प्रसाद यादव, श्रवण कुमार और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के अध्यक्ष संतोष कुमार सुमन और निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह ने मंत्री पद की शपथ ली।
लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार को इंडिया गठबंधन को छोड़ने और एनडीए में शामिल होने को लेकर उनको 'पलटू कुमार' कहकर निशाना बनाया जा रहा है। हालाँकि, इंडिया गठबंधन छोड़ने को लेकर जेडीयू ने सफाई दी है और उसने कांग्रेस पर निशाना साधा है। जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने कांग्रेस पर गठबंधन के नेतृत्व को हड़पने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, '19 दिसंबर को इंडिया गठबंधन की बैठक के दौरान एक साजिश के तहत मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम प्रस्तावित किया गया था। एक साजिश के तहत, ममता बनर्जी को खड़गे का नाम पीएम चेहरे के रूप में प्रस्तावित करने के लिए मजबूर किया गया था। इससे पहले मुंबई में हुई बैठक में सर्वसम्मति से ये तय हुआ था कि बिना किसी का चेहरा आगे किए गठबंधन काम करेगा।'