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लॉरेंस बिश्नोई गिरोह ने ली बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी

लॉरेंस बिश्नोई गिरोह ने ली बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी

महाराष्ट्र में नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले सिद्दीकी की हत्या ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है और विपक्षी दलों ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे की मांग की है। 

लॉरेंस बिश्नोई गिरोह ने बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी ली है। इससे पहले मुंबई पुलिस ने बाबा सिद्दीकी की हत्या में जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के शामिल होने की पुष्टि की है। पुलिस का कहना है कि बाबा सिद्दीकी के शूटरों ने हरियाणा जेल में लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के सदस्य से मुलाकात की थी। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी अजित पवार गुट के नेता बाबा सिद्दीकी की मुंबई के बांद्रा में गोली मारकर हत्या कर दी गई। 

इस घटना को लेकर लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के एक सदस्य द्वारा फेसबुक पर पोस्ट की गई जो तेजी से वायरल हुई है। इस पोस्ट में कहा गया है कि गिरोह ने सिद्दीकी को बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान के साथ उनके करीबी संबंधों और दाऊद इब्राहिम जैसे अंडरवर्ल्ड के लोगों से कथित संबंधों के कारण निशाना बनाया। पोस्ट में खान के घर के बाहर गोलीबारी की घटना के आरोपी अनुज थापन का भी जिक्र किया गया, जिसने बाद में पुलिस हिरासत में आत्महत्या कर ली।

पुलिस के अनुसार, हमलावरों ने रात साढ़े नौ बजे सिद्दीकी पर लगभग 6-7 राउंड फायरिंग की, जब वह अपने बेटे के कार्यालय से निकलकर अपनी कार में बैठ रहे थे। दो गोलियां उनके सीने में लगीं, जबकि एक पेट में। गोली लगने के बाद सिद्दीकी को लीलावती अस्पताल ले जाया गया। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार उनको चार गोलियां लगीं और उनके एक सहयोगी को भी गोली लगी है। अस्पताल में इलाज के दौरान उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।  

इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों ने कथित तौर पर हत्या को अंजाम देने से पहले 20-25 दिनों तक क्षेत्र की रेकी की थी। सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा है कि सिद्दीकी का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा क्योंकि वह 2004 से 2008 तक महाराष्ट्र कैबिनेट में मंत्री रह चुके हैं। 

यह गोलीबारी उस दिन हुई जब शहर की पुलिस शिवसेना द्वारा आयोजित दो वार्षिक दशहरा रैलियों के कारण हाई अलर्ट पर थी। कुछ महीने में ही महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने हैं और राज्य में चुनावी हलचल है।

नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले सिद्दीकी की हत्या ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है और विपक्षी दलों ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे की मांग की है।

घटना के बाद विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा, 'वाई-स्तर की सुरक्षा के बावजूद उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। हम सरकार को मुंबई में बढ़ती आपराधिक गतिविधियों के बारे में चेतावनी देते रहे हैं... यह सरकार अपराधियों का समर्थन करती रही है। हम मांग करते हैं कि विस्तृत जांच की जानी चाहिए।' सिद्दीकी के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए एनसीपी (सपा) प्रमुख शरद पवार ने कहा, 'महाराष्ट्र की ध्वस्त क़ानून-व्यवस्था चिंताजनक है। अगर सत्ता पक्ष और गृहमंत्री इस नरमी के साथ सरकार चलाने जा रहे हैं तो यह एक ख़तरनाक संकेत है। ...सत्ता पक्ष को जिम्मेदारी लेनी चाहिए और पद छोड़ देना चाहिए।'

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण क़रार दिया है कहा है कि सभी दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा। उन्होंने कहा, 'दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है, एक उत्तर प्रदेश से और एक हरियाणा से, जबकि एक अन्य फरार है। मैंने पुलिस से सख्त कार्रवाई करने और यह सुनिश्चित करने को कहा है कि कोई भी कानून-व्यवस्था को अपने हाथ में न ले। मुंबई में गैंगवार जैसी स्थिति को फिर से उभरने नहीं दिया जाना चाहिए।'

बाबा सिद्दीकी तीन बार कांग्रेस के विधायक चुने गए और 1999 से 2014 तक बांद्रा पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने 2004 से 2008 तक कांग्रेस-एनसीपी सरकार में मंत्री के रूप में कार्य किया।

48 वर्षों तक कांग्रेस के साथ रहने के बाद, उन्होंने इस साल की शुरुआत में पाला बदल लिया था और वह अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी में शामिल हो गए थे। वह अपनी तेजतर्रार शैली और बॉलीवुड के साथ मजबूत संबंधों के लिए जाने जाते थे। उनकी इफ्तार पार्टियों में शाहरुख खान, सलमान खान और संजय दत्त सहित कई हस्तियाँ शामिल होती रही थीं।

सिद्दीकी ने शुरुआती दिनों में छात्र राजनीति में अपनी पहचान बनाई और 1992 और 1997 में दो बार कांग्रेस के टिकट पर मुंबई नगर निगम के पार्षद चुने गए। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार 1999 में उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में बांद्रा पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल की और 2004 और 2009 के चुनावों में सीट बरकरार रखी। ईडी ने 2017 में एक झुग्गी पुनर्वास परियोजना से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत सिद्दीकी की बांद्रा संपत्तियों पर छापेमारी की थी।

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