पश्चिम बंगाल में जाँच करने गई एनआईए यानी राष्ट्रीय जाँच एजेंसी के अफ़सरों पर हमले के बाद अब एफ़आईआर दर्ज की गई है। उनपर महिलाओं से छेड़छाड़ का आरोप है। एनआईए पूर्वी मेदिनीपुर में 2022 में हुए विस्फोट की जांच कर रही है। इसकी एक टीम पर शनिवार को हमला किया गया था। एनआईए ने शनिवार को भूपतिनगर थाने में हमले की लिखित शिकायत भी दर्ज करायी। मामले के संबंध में अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। कुछ घंटे बाद ही जिला पुलिस ने एनआईए अधिकारियों पर छेड़छाड़ के आरोप में मामला दर्ज किया।
इन आरोपों पर एनआईए ने रविवार को बयान जारी कर कहा, 'एनआईए ने यह साफ़ कर दिया है कि रॉ बमों के निर्माण से संबंधित जघन्य अपराध की जांच में उसकी कार्रवाई प्रामाणिक, वैध और कानूनी रूप से अनिवार्य थी। एनआईए ने दोहराया है कि शनिवार को जब इसकी टीम उस मामले की जांच के सिलसिले में नरूआबिला गांव में तलाशी लेने गई थी तो अनियंत्रित भीड़ ने उस पर हिंसक हमला कर दिया था।'
एनआईए 3 दिसंबर 2022 को हुए विस्फोट के सिलसिले में जाँच कर रही है। उस विस्फोट में तीन लोग मारे गए थे। विस्फोट के सिलसिले में टीएमसी के दो कार्यकर्ताओं को उठाने के बाद शनिवार को भूपतिनगर में एनआईए टीम पर हमला किया गया। दो प्रमुख साजिशकर्ताओं- बलाई मैती और मनोब्रत जना को पूछताछ के लिए उठाए जाने के बाद कथित तौर पर हमले में एनआईए के दो अधिकारियों को मामूली चोटें आईं। इसके बाद आरोपियों के परिवार वालों की तरफ़ से गंभीर आरोप लगाए गए।
पूर्वी मिदनीपुर पुलिस ने शनिवार रात भूपतिनगर पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 354 यानी छेड़छाड़ और 441 यानी अतिक्रमण के तहत एनआईए अधिकारियों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की। पुलिस ने कहा कि गिरफ्तार आरोपी और टीएमसी कार्यकर्ता मनाब्रतो जना के परिवार के सदस्यों की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। द इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से ख़बर दी है कि पुलिस को शिकायत मिली कि एनआईए अधिकारियों ने देर रात उनके घर के दरवाजे तोड़कर महिलाओं से छेड़छाड़ की।
इस बीच पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. आरिज आफताब ने भूपतिनगर घटना पर रिपोर्ट मांगी है।
एनआईए के साथ हुए इन घटनाक्रमों को लेकर राज्य में राजनीति गरमा गई है। भूपतिनगर की घटना के बाद बीजेपी, सीपीआई (एम) और तृणमूल कांग्रेस के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया है। विपक्षी नेताओं ने उत्तर 24 परगना में 5 जनवरी की संदेशखाली घटना के साथ इसकी तुलना की है।
संदेशखाली में कुछ महीने पहले ही ईडी के अधिकारियों पर हमला किया गया था। इस मामले में टीएमसी नेता शाहजहां शेख के समर्थकों पर हमले का आरोप लगा। शाहजहाँ शेख गिरफ्तार कर लिए गए हैं।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी सांसद समिक भट्टाचार्ट ने कहा, 'एक केंद्रीय एजेंसी पर हमला करने का मतलब भारतीय संविधान पर हमला करना है। अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए एनआईए अधिकारियों पर छेड़छाड़ के आरोप में मामला दर्ज करना सभी संवैधानिक संस्थाओं के पतन का संकेत है। उन्होंने भारतीय संविधान के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है।' सीपीआई (एम) नेता सुजन चक्रवर्ती ने पूछा, 'राज्य सरकार उकसा रही है। एनआईए पर हमला किया गया, लेकिन पुलिस ने उस घटना में शामिल किसी को गिरफ्तार नहीं किया, बल्कि उन्होंने एनआईए अधिकारियों पर मामला दर्ज किया है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।'
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है, 'यह एनआईए थी जिसने हमला किया था, न कि महिलाओं ने। आधी रात को एनआईए अधिकारी लोगों के घरों में घुस रहे हैं। आप क्या उम्मीद करते हैं? क्या महिलाएं अपनी अस्मिता के लिए नहीं लड़ेंगी? 2022 में भूपतिनगर में चॉकलेट बम ब्लास्ट हुआ और अब दहशत फैलाने के लिए एनआईए को भेज दिया गया है... भाजपा हमारे सभी बूथ अध्यक्षों को गिरफ्तार करना चाहती है।'