मेघालय में अगली सरकार बनना इतना आसान नहीं है। नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के कोनराड संगमा को सरकार बनाने के लिए जिन दो विधायकों ने अपना समर्थन दिया था, शुक्रवार देर शाम को वापस ले लिया।
संगमा ने शुक्रवार को 32 विधायकों के हस्ताक्षर वाला समर्थन पत्र गवर्नर को सौंपा था। वहां सरकार बनाने के लिए आवश्यक 31 विधायक चाहिए। संगमा ने जो समर्थन पत्र सौंपा, उसमें 32 विधायकों के नाम थे। शपथ ग्रहण समारोह 7 मार्च को होने की उम्मीद थी।
समर्थन पत्र में एनपीपी के 26, बीजेपी के दो, हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (एचएसपीडीपी) के दो और दो निर्दलीय विधायकों के हस्ताक्षर थे। कोनराड संगमा ने कहा था कि हमारे पास पूर्ण बहुमत है। बीजेपी पहले ही अपना समर्थन दे चुकी है। कुछ अन्य लोगों ने भी अपना समर्थन दिया है। लेकिन बाद में शाम को ही एक नया मोड़ आ गया। एचएसपीडीपी ने एक पत्र जारी किया, जिसमें दावा किया गया था कि उसने पार्टी विधायकों को एनपीपी के नेतृत्व वाली सरकार के गठन का समर्थन करने के लिए अधिकृत नहीं किया था।
एचएसपीडीपी के अध्यक्ष केपी पांगनियांग और सचिव पनबोरलंग रिनथियांग ने कोनराड संगमा को लिखे एक पत्र में कहा, एचएसपीडीपी ने आपकी सरकार के गठन के लिए समर्थन देने के लिए दो विधायकों-मेथोडियस डखार और शाक्लियर वारजरी को अधिकृत नहीं किया। हमें यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट से मिली है।
उन्होंने कहा कि पार्टी (एचएसपीडीपी) की इस मामले में कोई भूमिका नहीं है और इसलिए आपकी पार्टी से अपना समर्थन वापस लेती है ...यह आज से प्रभावी है। यह पत्र राज्यपाल को भी भेजा गया है।
एचएसपीडीपी के पत्र पर एनपीपी की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई, लेकिन पार्टी सूत्रों ने दावा किया कि ये मामूली अड़चनें थीं और सरकार बनाने के लिए अभी भी आवश्यक संख्या उसके पास है।
इससे पहले शुक्रवार को यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, एचएसपीडीपी, पीपल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ) और वॉयस ऑफ पीपल पार्टी (वीपीपी) के नवनिर्वाचित विधायकों और नेताओं ने संयुक्त मोर्चा बनाने की कोशिश करने के लिए शुक्रवार को शिलांग में एक बैठक की। उन्होंने एनपीपी को सत्ता में लौटने से रोकने का संकल्प लिया।
टीएमसी नेता मुकुल संगमा ने कहा कि एचएसपीडीपी के दो विधायक शुरू में बैठक में मौजूद थे, लेकिन बाद में उन्होंने इसे छोड़ दिया। बैठक यूडीपी नेता लहकमेन रिंबुई के आवास पर हुई, जो पिछली एनपीपी की अगुवाई वाली सरकार में गृह मंत्री थे, जो एचएसपीडीपी और यूडीपी दोनों का हिस्सा थे। कोनराड संगमा को सीएम की कुर्सी तक पहुंचने से रोकने का प्रयास पूर्व मुख्यमंत्री और टीएमसी नेता मुकुल संगमा के नेतृत्व में चल रहा है।
एनपीपी विरोधी मोर्चे यूडीपी के पास 11 विधायक हैं, कांग्रेस और टीएमसी के पांच-पांच, वीपीपी के 4, एचएसपीडीपी के 2 और पीडीएफ 2 विधायकों के साथ कुल मिलाकर 29 विधायक हैं। यूडीपी के पास बहुमत से दो विधायक कम हैं। अगर एचएसपीडीपी के दो विधायक यूडीपी को समर्थन देते हैं तो फिर कोनराड संगमा की सरकार नहीं बन पाएगी।