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सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा पर बीरेन सिंह की ऑडियो क्लिप पर फोरेंसिक रिपोर्ट मांगी

सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा पर बीरेन सिंह की ऑडियो क्लिप पर फोरेंसिक रिपोर्ट मांगी

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की कोर्ट में सोमवार को मणिपुर हिंसा और उससे जुड़े कथित ऑडियो टेप का मामला उठाया गया। यह ऑडियो टेप वहां के सीएम का बताया जा रहा है। कोर्ट ने ऑ़डियो टेप की फॉरेंसिक रिपोर्ट मांगी है। 

बीजेपी शासित मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने और वहां के सीएम एन. बीरेन सिंह का एक ऑडियो वायरल होने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों से कथित ऑडियो टेप पर केंद्रीय फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट पेश करने को कहा है। जिसमें मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह पर राज्य में जातीय हिंसा को बढ़ावा देने में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। अदालत ने अधिकारियों से कहा कि दस्तावेज़ को सीलर कवर में जमा कराया जाए।

लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने कुकी ऑर्गनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स ट्रस्ट द्वारा दायर रिट याचिका पर यह आदेश पारित किया है।

एक कूकी संस्था ने ऑडियो टेप की जांच की मांग की थी। इस मामले पर 24 मार्च को सुनवाई होने की उम्मीद है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि "ट्रुथ लैब्स" नामक लैब ने प्रमाणित किया है कि टेप में आवाज बीरेन सिंह की है। उन्होंने दावा किया कि एन बीरेन सिंह एक बंद कमरे में बैठक कर रहे थे। बैठक के दौरान जातीय हिंसा भड़काने और बढ़ावा देने की बात मुख्यमंत्री ने कही थी। उनके भाषण को किसी ने रिकॉर्ड कर लिया था।

प्रशांत भूषण की बात का विरोध करते हुए सॉलिसिटर जनरल (एसजे) तुषार मेहता ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता को पहले हाईकोर्ट का रुख करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मामले की एफआईआर दर्ज कर ली गई है और जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि टेप की फोरेंसिक जांच भी हो रही है। मेहता ने याचिकाकर्ता पर अलगाववादी मानसिकता रखने का आरोप लगाया।

  • इस पर सीजेआई खन्ना ने जवाब दिया, "मैं रिकॉर्डिंग की सामग्री और सत्यता पर नहीं गया हूं, ये बताइये एसएफएल रिपोर्ट कब आएगी?"  वकील प्रशांत भूषण ने इस पर कहा कि ट्रुथ लैब्स की रिपोर्ट ज्यादा भरोसमंद है।

लाइव लॉ के मुताबिक बेंच ने आदेश में कहा, "24 मार्च, 2025 से शुरू होने वाले सप्ताह में इस केस को फिर से लिस्ट करें। यह बताया गया है कि ऑडियो क्लिप सीएफएसएल के पास जांच के लिए भेजे गए हैं। रिपोर्ट सीलबंद कवर में पेश की जाए।"

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में नवंबर में मणिपुर के उस ग्रुप से एफिडेविट मांगा था, जिसने वहां के मुख्यमंत्री पर आरोप लगाये थे। उस ग्रुप की याचिका में कहा गया था कि एक व्हिसलब्लोअर ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के भाषण के उस हिस्से को रिकॉर्ड किया था, जिसमें हिंसा भड़काने की बात कही गई थी। व्हिसलब्लोअर खुद उस मीटिंग में मौजूद था। याचिकाकर्ता ने इस मामले में एसआईटी गठित कर जांच की मांग की थी।

उस समय मणिपुर सरकार ने ऑडियो क्लिप को फर्जी बताया था। मणिपुर सरकार ने यह भी कहा था कि पुलिस  ऑडियो क्लिप के मूल स्त्रोत की जांच कर रही है, जिसमें कथित तौर पर सिंह द्वारा कुछ समुदायों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की गई है। बाद में कहा गया कि क्लिप फर्जी है।

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