पीएम ने ट्रंप से निमंत्रण के लिए विदेश मंत्री को भेजा- राहुल; बीजेपी क्यों बौखलाई
क्या प्रधानमंत्री मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में निमंत्रण मंगाने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर को अमेरिका भेजा था? कम से कम लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने तो यही आरोप लगाया है। वह भी संसद में ही। राहुल के इस आरोप पर राजनीतिक तूफ़ान मच गया और बीजेपी ने उनपर जोरदार हमला किया। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ही राहुल गांधी पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। जयशंकर ने आरोप लगाया है कि राहुल के 'झूठे' आरोपों से वैश्विक स्तर पर भारत की छवि ख़राब हो रही है।
सवाल है कि आख़िर राहुल गांधी ने पीएम मोदी के बारे में ऐसा क्या कह दिया और किस आधार पर कह दिया कि बीजेपी ने देश की छवि को नुक़सान पहुँचाने का आरोप लगा दिया? दरअसल, बजट सत्र के दौरान संसद में अपने भाषण में राहुल गांधी ने कहा, 'जब हम अमेरिका के साथ बातचीत करते हैं, तो हम अपने विदेश मंत्री को अपने प्रधानमंत्री को उनके कार्यक्रमों में आमंत्रित कराने के लिए नहीं भेजते। अगर हमारे पास एक मज़बूत उत्पादन प्रणाली होती और हम अपनी तकनीक को आगे बढ़ा रहे होते, तो अमेरिकी राष्ट्रपति भारत आते और हमारे प्रधानमंत्री को आमंत्रित करते।'
When we interact with the US, we wouldn't send our Foreign Minister to invite our PM to their events.
— Congress (@INCIndia) February 3, 2025
If we had a robust production system and were advancing our technology, the US President would come to India and invite our PM instead.
: LoP Shri @RahulGandhi in Lok Sabha pic.twitter.com/N0OxIE3hnm
राहुल गांधी की यह टिप्पणी विदेश मंत्री एस जयशंकर की दिसंबर महीने में अमेरिकी यात्रा को लेकर थी। जयशंकर की यह यात्रा जनवरी महीने में डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह से कुछ समय पहले हुई थी। उनकी यह यात्रा तब हुई थी जब ट्रंप ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को निमंत्रण दिया था। तब भारत में कुछ लोग सवाल उठा रहे थे कि जो पीएम मोदी ट्रंप को दोस्त कहते हैं उनको ही आख़िर शपथ ग्रहण के लिए निमंत्रण क्यों नहीं दिया गया?
जब ये सवाल उठ रहे थे उसी दौरान बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एस जयशंकर के अमेरिकी यात्रा पर सवाल उठाया था और कहा था कि उनको पीएम मोदी के लिए निमंत्रण पत्र जुगाड़ करने के लिए भेजा गया था। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा था, 'मोदी ने वेटर को अमेरिका भेजा है और कहा है कि वह उनके (मोदी) लिए निमंत्रण लेकर आए, नहीं तो उसकी नौकरी चली जाएगी। लेकिन अभी तक डोनाल्ड ट्रंप मोदी को आमंत्रित करने के मूड में नहीं हैं।'
स्वामी ने आगे कहा था, 'मोदी ने पिछले साल ट्रंप को नीचा दिखाया था, जब उन्होंने (मोदी ने) घोषणा की थी कि उन्होंने ट्रंप की घोषणा को अस्वीकार कर दिया है।'
Modi has despatched Waiter to US and told him to produce an invitation for him (Modi) or else he loses his job. But as of now, Donald Trump is not in a mood to invite Modi. Modi had slighted Trump when last year he (Modi) had announced that he declined Trump’s announcement.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) December 24, 2024
इसी बीच, अब राहुल गांधी ने इस मुद्दे को लोकसभा में उठा दिया है और उन्होंने एक तरह से इस पर आपत्ति जताई कि भारत के प्रधानमंत्री अपने लिए निमंत्रण मंगाने के लिए विदेश मंत्री को भेजें। हालाँकि संसद में राहुल के भाषण के बाद एक्स पर एक पोस्ट में जयशंकर ने कहा, 'विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने जानबूझकर दिसंबर 2024 में मेरी अमेरिका यात्रा के बारे में झूठ बोला। मैं बाइडेन प्रशासन के विदेश मंत्री और एनएसए से मिलने गया था। साथ ही हमारे महावाणिज्य दूतों की एक बैठक की अध्यक्षता भी की। मेरे प्रवास के दौरान नव नियुक्त एनएसए ने मुझसे मुलाक़ात की।'
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के भाषण के कुछ घंटों बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि किसी भी स्तर पर पीएम मोदी के संबंध में निमंत्रण पर चर्चा नहीं की गई। उन्होंने कहा कि यह सब जानते हैं कि प्रधानमंत्री ऐसे कार्यक्रमों में शामिल नहीं होते हैं। विदेश मंत्री ने आगे कहा कि भारत का प्रतिनिधित्व आमतौर पर विशेष दूतों द्वारा किया जाता है।
Leader of Opposition Rahul Gandhi deliberately spoke a falsehood about my visit to the US in December 2024.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) February 3, 2025
I went to meet the Secretary of State and NSA of the Biden Administration. Also to chair a gathering of our Consuls General. During my stay, the incoming NSA-designate met…
लोकसभा में राहुल गांधी के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस सांसद से अपनी टिप्पणी का सबूत पेश करने को कहा। उन्होंने कहा, 'विपक्ष के नेता इस तरह के गंभीर, निराधार बयान नहीं दे सकते। यह दो देशों के बीच संबंधों के बारे में है। वह हमारे प्रधानमंत्री के निमंत्रण के बारे में अपुष्ट बयान दे रहे हैं। उन्हें ज़िम्मेदार होना चाहिए। अगर विपक्ष के नेता के पास जानकारी है तो उन्हें सदन को बताना चाहिए कि उन्हें किसने बताया कि विदेश मंत्री इस उद्देश्य से आए थे।'
राहुल ने कई मुद्दे उठाए
राहुल गांधी ने भारत-चीन सीमा मुद्दे को लेकर भी मोदी सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बीजिंग अब 'हमारी 4,000 वर्ग किमी से अधिक जमीन पर बैठा है।' उन्होंने यह भी दावा किया कि सेना ने सरकार के दावे का खंडन किया है- कि कोई भी ज़मीन चीन को नहीं सौंपी गई है। उन्होंने कहा, "हमारे सेनाध्यक्ष ने कहा कि चीनी हमारे क्षेत्र के अंदर हैं... यह एक तथ्य है। चीन के अंदर आने का कारण यह है कि 'मेक इन इंडिया' विफल हो गया है... भारत में उत्पादन गिर गया है और मुझे भारत की चिंता है। वह इस क्रांति (एआई) को फिर से चीनियों को सौंपने जा रहा है।"
कांग्रेस सांसद राहुल ने युवकों की बेरोजगारी का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि न तो यूपीए शासनकाल में और न ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने बेरोजगारी की समस्या को हल किया। इस देश का भविष्य भारत के युवा तय करने वाले हैं। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि हम जो कुछ भी करें, उनके मद्देनज़र नीतियाँ बनना चाहिए। हमारे सामने पहली बात यह है कि भले ही हम बड़े हो गए हैं और अभी भी बढ़ रहे हैं, लेकिन हम बेरोजगारी की सबसे बड़ी समस्या से निपटने में सक्षम नहीं हैं।'