पश्चिम बंगाल के चुनावी समर में बीजेपी से आमने-सामने की लड़ाई लड़ रहीं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की प्रमुख और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को नंदीग्राम सीट से नामांकन दाखिल कर दिया है। इस दौरान ममता ने पैदल रोड शो भी निकाला और इसमें बड़ी संख्या में टीएमसी के कार्यकर्ता मौजूद रहे। ममता के ख़िलाफ़ बीजेपी ने ममता के ही पुराने साथी शुभेंदु अधिकारी को चुनाव मैदान में उतारा है। शुभेंदु कल पर्चा भरेंगे।
ममता बनर्जी नंदीग्राम सीट से चुनाव मैदान में हैं। ये वही नंदीग्राम है, जहां वाम मोर्चा की सरकार के दौरान 2007 में जमीन अधिग्रहण के ख़िलाफ़ हिंसक आंदोलन हुआ था और इसी ने टीएमसी के सत्ता में पहुंचने का रास्ता साफ किया था। निश्चित रूप से नंदीग्राम बंगाल के चुनावी घमासान का केंद्र बनता जा रहा है।
क्यों अहम है नंदीग्राम?
भूमि अधिग्रहण के ख़िलाफ़ हुए आंदोलन के बाद टीएमसी को 2008 में हुए पंचायत चुनाव, 2009 के लोकसभा चुनाव और 2010 के नगर निगम चुनाव में भी बड़ी जीत मिली थी। इसके बाद 2011 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी ने 34 साल से सत्ता में बैठी वाम मोर्चा सरकार को उखाड़ फेंका था। तब शुभेंदु ही ममता के साथ नंदीग्राम आंदोलन के अहम चेहरे थे। नंदीग्राम आंदोलन के कारण टीएमसी को वाम मोर्चा के गढ़ माने जाने वाले पश्चिमी मिदनापुर, पुरूलिया और बांकुरा में विस्तार करने में मदद मिली थी।
नंदीग्राम सीट पर 70 फ़ीसदी हिंदू और 30 फ़ीसदी मुसलिम मतदाता हैं। बीजेपी की कोशिश पूरे बंगाल में हिंदू मतदाताओं के ध्रुवीकरण की है और ममता इस बात को अच्छी तरह जानती हैं। इस सीट से विधायक रहे शुभेंदु ने ममता को चुनौती दी है कि वह ममता बनर्जी को 50 हज़ार से ज़्यादा वोटों से हराएंगे वरना राजनीति छोड़ देंगे। ममता ने भी उनकी चुनौती को स्वीकार कर इसी सीट से ताल ठोकी है।
ममता के नंदीग्राम सीट से लड़ने पर देखिए विश्लेषण-
ममता को इस सीट पर कांग्रेस-लेफ़्ट और आईएसएफ़ के गठबंधन से है। आईएसएफ़ की वजह से यहां मुसलिम वोट ममता को न जाकर इस गठबंधन को जा सकते हैं और बीजेपी को इसका फ़ायदा मिल सकता है।
“मुझे हिंदू धर्म न सिखाए बीजेपी”
मंगलवार को ममता ने बीजेपी को चेताया था कि वह उसे हिंदू धर्म न सिखाए। मंगलवार को ममता नंदीग्राम में थीं और मंच से चंडीपाठ सहित कई देवी मंत्रों का जाप कर उन्होंने बीजेपी के द्वारा उन्हें हिंदू विरोधी बताने की कोशिश का यह कहकर जोरदार जवाब दिया था कि वह भी एक हिंदू लड़की हैं।
नंदीग्राम में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ममता ने कहा था कि वे हर दिन घर से बाहर निकलने से पहले चंडी पाठ करती हैं। बीजेपी के द्वारा लगाए जा रहे मुसलिम तुष्टिकरण के आरोपों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा था बीजेपी उनके साथ हिंदू कार्ड न खेले। उन्होंने बीजेपी नेताओं से पूछा था, क्या वे जानते हैं कि एक अच्छा हिंदू कैसे बना जा सकता है।
ममता के चंडीपाठ पढ़ने पर शुभेंदु अधिकारी ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने हिंदू मंत्रों का ग़लत उच्चारण किया है। शुभेंदु ने कहा है कि ममता ने अब इंशाअल्लाह और ख़ुदा हाफिज़ कहना बंद कर दिया है।
ममता ने नाम लिए बिना शुभेंदु अधिकारी पर हमला बोला और कहा था कि जिन लोगों ने गुजरात से आने वाले बाहरी लोगों को अपनी आत्मा बेच दी है, ऐसे लोग सांप्रदायिक कार्ड खेलकर नंदीग्राम आंदोलन का अपमान कर रहे हैं।
आयोग ने किया डीजीपी का तबादला
पश्चिम बंगाल में बीजेपी और टीएमसी के बीच चल रहे चुनावी घमासान के बीच चुनाव आयोग ने मंगलवार शाम को राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वीरेंद्र का तबादला कर दिया है। वीरेंद्र की जगह पी. नीरजनयन को बंगाल का डीजीपी नियुक्त किया गया है। आयोग ने कहा है कि इस निर्देश को तुरंत लागू किया जाए।
8 चरणों में होगा मतदान
पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में मतदान होगा। 294 सीटों वाले बंगाल में पहले चरण में 30 सीटों पर 27 मार्च को, दूसरे चरण में 30 सीटों पर 1 अप्रैल को, तीसरे चरण में 31 सीटों पर 6 अप्रैल को, चौथे चरण में 44 सीटों पर 10 अप्रैल को, पांचवें चरण में 45 सीटों पर 17 अप्रैल को, छठे चरण में 43 सीटों पर 22 अप्रैल को, सातवें चरण में 36 सीटों पर 26 अप्रैल को और आठवें चरण में 35 सीटों पर 29 अप्रैल को मतदान होगा। नतीजे 2 मई को आएंगे।