बीजेपी के ख़िलाफ़ मुखर रहे महाराष्ट्र सरकार में वरिष्ठ मंत्री नवाब मलिक पर ईडी की कार्रवाई को लेकर शिवसेना ने बीजेपी को चेताया है। शिवसेना नेता संजय राउत ने बिना किसी का नाम लिए कहा है कि 2024 के बाद आपकी भी जाँच होगी, यह याद रखना। उनका इशारा बीजेपी नेताओं की तरफ़ था। शिवसेना और दूसरे विपक्षी दलों के नेता मोदी सरकार पर आरोप लगाते रहे हैं कि वह केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्षी दलों के नेताओं के ख़िलाफ़ करती रही है।
राउत का यह बयान तब आया है जब प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने डी कंपनी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में कार्रवाई शुरू की है। ईडी ने बुधवार सुबह नवाब मलिक को हिरासत में लेकर पूछताछ की। ईडी के अधिकारी नवाब मलिक को अपने साथ अपने दफ्तर लेकर चले गए जहाँ भी उनसे घंटे भर तक पूछताछ की गई।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने नवाब मलिक के ख़िलाफ़ ईडी की कार्रवाई के तौर-तरीक़ों पर भी सवाल उठाया है। पत्रकारों से उन्होंने कहा, 'नवाब मलिक एक वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री हैं। ईडी जिस तरह से उन्हें उनके घर से ले गई, वह महाराष्ट्र सरकार के लिए एक चुनौती है। हमारे राज्य में आकर एक मंत्री को केंद्रीय एजेंसियाँ ले जाती हैं। 2024 के बाद आपकी भी जाँच होगी। इस बात का ध्यान रखें।'
राउत का कहना है कि केंद्र सरकार ने ईडी को एनसीपी नेता के पीछे इसलिए लगाया कि वह लगातार सच बोल रहे थे। वैसे, ऐसी किसी कार्रवाई को लेकर खुद नवाब मलिक ने ही पिछले साल नवंबर में आशंका जाहिर की थी। मलिक ने कहा था कि जब से उन्होंने मुंबई क्रूज ड्रग्स मामले में बोलना शुरू किया है, उन्हें झूठे मामले में फंसाने की कोशिश हो रही है। तब मलिक ने एक प्रेस कॉन्फ्रेन्स कर कहा था कि कुछ अनजान लोग उनका और उनके परिवार का पीछा कर रहे हैं।
नवाब मलिक ने क्रूज ड्रग्स केस में बीजेपी नेताओं के शामिल होने का आरोप लगाया था। इसी कड़ी में महाराष्ट्र बीजेपी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नवाब मलिक पर अंडरवर्ल्ड के लोगों से ज़मीन ख़रीदने और बिक्री का आरोप लगाया था। फडणवीस का कहना था कि नवाब मलिक की सॉलीडस कंपनी ने, जिसमें उनके परिवार के लोग भी डायरेक्टर हैं, 1993 मुंबई बम धमाकों में अभियुक्त रहे सरदार शहा वली खान से काफी कम दामों में जमीन खरीदी थी।
उन्होंने आरोप लगाया था कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर के ड्राइवर सलीम पटेल से भी नवाब मलिक ने जमीन की डील की थी। देवेंद्र फडणवीस के आरोपों के बाद मलिक पर डी कंपनी से जुड़े मामले में उनको तलब किया गया है।
इन आरोपों के बाद नवाब मलिक ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री रहते हुए देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र में जाली नोटों का कारोबार कर रहे थे और उनके ही संरक्षण में पाकिस्तान और बांग्लादेश तक यह कारोबार हो रहा था। मलिक ने यह भी आरोप लगाया कि खुद फडणवीस ने अंडरवर्ल्ड से कनेक्शन रखने वाले लोगों को राजनीतिक पद दिए।
एनसीपी नेता ने आरोप लगाया कि फडणवीस ने मुन्ना यादव नाम के एक व्यक्ति को कंस्ट्रक्शन बोर्ड का अध्यक्ष बनाया, जबकि उस पर हत्या के कई मामले दर्ज थे। मलिक के मुताबिक़, फडणवीस दाऊद के क़रीबी रियाज भाटी के जरिए धन उगाही का काम कर रहे थे।
एनसीपी नेता ने एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े पर निशाना साधते हुए कहा था कि महाराष्ट्र में जब जाली नोट का मामला सामने आया था, उस समय वानखेड़े ने ही इस मामले की जांच की थी। मलिक ने कहा था, 'यह साफ़ है कि फडणवीस का वानखेड़े को संरक्षण पिछले काफी समय से था, इसलिए फडणवीस अब उन्हें बचाने में लगे हुए हैं।'
बहरहाल, नवाब मलिक पर ईडी की कार्रवाई को लेकर अब शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, 'बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने ईडी को यह जानकारी दी। अब आगे हम बीजेपी नेताओं के ख़िलाफ़ सभी मामले एजेंसी को सौंपेंगे और देखते हैं कि क्या ईडी मामले को उसी तरह से निपटेगी जिस तरह वह विपक्षी नेताओं के ख़िलाफ़ मामलों में काम कर रही है।'