महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण शिरडी के साई बाबा मंदिर में दर्शन का समय बदल दिया गया है। साई बाबा मंदिर प्रशासन ने आम भक्तों के लिए दर्शन का समय अब सुबह 6 बजे से रात के 9 बजे तक कर दिया है। रात की आरती में आम भक्तों को जाने की इजाजत नहीं होगी। श्री साईबाबा संस्थान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कान्हूराज बगाटे ने यह जानकारी दी है।
दो हफ़्ते पहले ही श्री साईबाबा संस्थान ट्रस्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर रोज़ के अनुष्ठानों की घोषणा की गई थी। इसके अनुसार मंदिर खुलने का समय सुबह 4 बजे बताया गया। इसके बाद एक के बाद एक अनुष्ठानों की सूची दी गई। इसी में बताया गया कि समाधि मंदिर में दर्शन का समय सुबह 5 बजकर 40 मिनट है। रात में साढ़े दस बजे शेज आरती का समय दिया गया।
लेकिन कोरोना संक्रमण के मामले फिर से महाराष्ट्र में इतने बढ़ गए कि अब मंदिर के दर्शन के समय में बदलाव किया गया है। एक दिन पहले ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया है कि वैसे तो देश में कोरोना के सक्रिए मामले क़रीब 1 लाख 50 हजार हैं लेकिन केरल, महाराष्ट्र सहित कुछ राज्यों में संक्रमण इतना ज़्यादा बढ़ रहा है कि चिंता का विषय है। अकेले केरल में ही देश के 38 प्रतिशत कोरोना के सक्रिय मामले हैं जबकि महाराष्ट्र में 37 प्रतिशत हैं। इस स्थिति को देखते हुए ही प्रधानमंत्री ने आपात बैठक बुलाई है।
महाराष्ट्र में लॉकडाउन की चेतावनी!
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार से राज्य में भीड़-भाड़ वाले सारे राजनीतिक और धार्मिक कार्यक्रमों पर पाबंदी लगाने की घोषणा पहले ही कर दी है। उन्होंने कहा कि हालात नहीं संभले तो राज्य में फिर लॉकडाउन लगाया जा सकता है।
महाराष्ट्र के अमरावती और अचलपुर में सोमवार से ही संपूर्ण लॉकडाउन है। लॉकडाउन रात 8 बजे से 1 मार्च सुबह 8 बजे तक लागू रहेगा। अकोला, अकोट और मुर्तिजापुर में भी ऐसे ही फ़ैसले लिए गए हैं। पुणे और नासिक में रात में पाबंदियाँ लगाई गई हैं।
पुणे में 28 फ़रवरी तक सभी स्कूल और कॉलेज बंद करने का एलान भी किया गया है। नासिक में सार्वजनिक जगह पर बिना मास्क पहने पाए जाने पर हजार रुपए का जुर्माना देना होगा।
वैसे, कई राज्यों में केस बढ़ने के साथ ही नये क़िस्म के कोरोना के मामले भी आ चुके हैं। केरल में संक्रमण कम नहीं हो रहा है। कर्नाटक ने केरल से प्रवेश करने वाले 13 मार्गों को बंद कर दिया है। महाराष्ट्र से कर्नाटक में जाने वाले लोगों को कोरोना रिपोर्ट दिखाने के बाद ही प्रवेश करने दिया जा रहा है। संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच केंद्र सरकार ने पाँच राज्यों को पत्र लिखा है। उससे भी बड़ा डर यह है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने आशंका जताई है कि कोरोना की दूसरी लहर दस्तक दे सकती है।
अब कर्नाटक सरकार ने एक दिन पहले ही जिस तरह के फ़ैसले लिए हैं उससे भी लगता है कि कर्नाटक में भी स्थिति अब उतनी बेहतर नहीं रही। राज्य में संक्रमण के मामले बढ़ने के बाद कर्नाटक ने महाराष्ट्र से आने वाले प्रवासियों और वाहनचालकों के लिए पाबंदी लगाई है। सीमाओं पर चौकसी बढ़ाने के बाद कोल्हापुर बॉर्डर और नांदेड़ बॉर्डर पर गाड़ियों की लंबी कतार लग गई। वाहनचालकों को कोरोना रिपोर्ट देखकर छोड़ा जा रहा है। 72 घंटे तक की कोरोना रिपोर्ट जिनके पास नहीं हैं उन्हें एंट्री नहीं दी जा रही है।
केरल से 13 प्रवेश द्वार बंद
कर्नाटक ने केरल से आने वाले 13 प्रवेश द्वारों को बंद कर दिया है। दोनों राज्यों की सीमाई क्षेत्रों में लोग बेरोक-टोक आते जाते रहे हैं, लेकिन अब कोरोना संक्रमण के फैलने के ख़तरे के बाद लिए गए इस फ़ैसले से उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं।