संजय राउत ने पीएम मोदी के 'एक हैं तो सेफ़ हैं' वाले बयान पर जबरदस्त पलटवार किया है। उन्होंने शनिवार को कहा कि महाराष्ट्र पहले से ही एक सुरक्षित राज्य है। उन्होंने प्रधानमंत्री पर आरोप लगाया कि जब भी वे राज्य का दौरा करते हैं तो अस्थिरता पैदा करते हैं। उन्होंने दावा किया कि पीएम मोदी के दौरे विभाजन पैदा करने और अशांति भड़काने के प्रयासों से पहचाने जाते हैं।
राउत की यह प्रतिक्रिया पीएम मोदी द्वारा शुक्रवार को हिंदुओं को एकजुट होने का आह्वान करने के बाद आई है। पीएम मोदी ने कांग्रेस और उसके सहयोगियों पर एक जाति को दूसरी जाति के खिलाफ खड़ा करने का आरोप लगाया था और लोगों को आह्वान करते हुए कहा था, 'एक हैं तो सुरक्षित हैं'।
धुले में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए महाराष्ट्र में अपनी पहली चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने शुक्रवार को कहा था, "कांग्रेस पार्टी का एकमात्र एजेंडा एक जाति को दूसरी जाति से लड़ाना है। वे नहीं चाहते कि एससी, एसटी और ओबीसी की तरक्की हो और उन्हें उचित पहचान मिले। याद रखिए, 'एक हैं तो सेफ़ हैं'।"
रैली में पीएम मोदी ने कहा था कि दलितों और आदिवासियों को भड़काने के लिए इंडिया ब्लॉक संविधान के नाम पर कोरी किताबें दिखा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा था कि कांग्रेस और उसके सहयोगियों को पाकिस्तानी एजेंडे को बढ़ावा नहीं देना चाहिए और अलगाववादियों की भाषा नहीं बोलनी चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा था कि जब तक लोगों का आशीर्वाद नहीं मिलेगा, तब तक यह एजेंडा सफल नहीं होगा। इसके बाद बीजेपी ने पीएम के नारे 'एक हैं तो सेफ़ हैं' को लेकर सोशल मीडिया पर अभियान छेड़ दिया है।
शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी के बयान की आलोचना की। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, "मुझे समझ में नहीं आता कि प्रधानमंत्री मोदी ऐसी भाषा का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं। पहले का नारा 'बटेंगे तो कटेंगे' विफल होने के बाद उन्होंने अब यह नया नारा पेश किया है। महाराष्ट्र में लोग पहले से ही सुरक्षित हैं, लेकिन जब भी मोदी आते हैं, तो राज्य असुरक्षित हो जाता है क्योंकि वे विभाजन को बढ़ावा देते हैं और अशांति को भड़काते हैं। सुरक्षा को सही मायने में सुनिश्चित करने के लिए हमें भाजपा को हटाना होगा।"
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी प्रधानमंत्री मोदी की 'एक हैं तो सुरक्षित हैं' वाली टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सवाल किया, 'क्या इसका मतलब यह है कि हम पिछले 10 सालों से सुरक्षित नहीं हैं'?
एक रिपोर्ट है कि महाराष्ट्र में आरएसएस ने भी बीजेपी के लिए वोट बटोरने के लिए हिंदुओं को एकजुट करने की उसी लाइन पर अभियान छेड़ा है।
रिपोर्ट तो यह है कि न केवल संघ बल्कि उसके क़रीब 65 दोस्ताना संगठन बीजेपी को हिंदू वोट दिलाने के लिए जुट गए हैं।
टीओआई की एक रिपोर्ट के अनुसार आरएसएस ने 65 से अधिक दोस्ताना संगठनों के माध्यम से महाराष्ट्र में 'सजग रहो' अभियान शुरू किया है। इसका उद्देश्य न केवल विधानसभा चुनावों में भाजपा के प्रयासों को बढ़ावा देना है, बल्कि इसे हिंदुओं को कथित तौर पर विभाजित रखने और उन्हें और अधिक विभाजित करने के बड़े प्रयास के खिलाफ़ जोर लगाना है।
रिपोर्ट के अनुसार संघ परिवार के सूत्रों के अनुसार, उनका मानना है कि जहां हिंदू जाति के आधार पर बंट जाते हैं वहीं मुस्लिम मतभेदों को भुलाकर एक ठोस मतदाता समूह में एकजुट हो जाते हैं, उनका उद्देश्य भाजपा को हराने का होता है।
महाराष्ट्र में हिंदुओं के वोटों का लक्ष्य रखते हुए 'सजग रहो' का नया नारा दिया गया है। इससे पहले लोकसभा चुनावों और बांग्लादेश में हिंदुओं पर हाल ही में हुए हमलों के बाद हिंदुत्ववादी ताक़तों द्वारा कई नारे दिए गए थे। योगी आदित्यनाथ ने 'बटेंगे तो कटेंगे' का नारा दिया था। इसी बीच प्रधानमंत्री मोदी ने एक दिन पहले ही धुले में 'एक हैं तो सेफ़ हैं' का नारा दिया है। महाराष्ट्र के वाशिम में योगी ने कुछ दिन पहले ही 'एक हैं तो सेफ़ और नेक हैं...' टिप्पणी की थी।