महाराष्ट्र में उठते-बैठते छत्रपति शिवाजी का नाम लेने वाली भाजपा अब बाला साहब ठाकरे का नाम ले रही है। राज्य में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं और वो बाला साहब का नाम लेकर इमोशनल अपील कर रही है। केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे पर तीखा हमला बोलते हुए उन पर कांग्रेस का साथ देने का आरोप लगाया, जिसके नेताओं ने बाला साहब ठाकरे और सावरकर का अपमान किया है। शाह की यह टिप्पणी भाजपा का घोषणापत्र यानी 'संकल्प पत्र' जारी करते हुए रविवार को आई।
दो दिन पहले पीएम मोदी की महाराष्ट्र में रैली थी। उन्होंने कहा था कि उद्धव ठाकरे कांग्रेस से बाला साहब ठाकरे और सावरकर की तारीफ करवा कर दिखाएं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को उसी नैरेटिव को आगे बढ़ाया। राज्य में 20 नवंबर को मतदान है।
शाह ने उद्धव ठाकरे को चुनौती दी कि वे कांग्रेस नेता राहुल गांधी से सावरकर की तारीफ करने को कहें। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कांग्रेस नेताओं ने लगातार बाला साहब ठाकरे की विरासत का अनादर किया है। उन्होंने धर्म आधारित आरक्षण पर संविधान के प्रतिबंध का हवाला देते हुए सवाल किया कि क्या महाराष्ट्र के लोग एससी, एसटी और ओबीसी के लिए मुसलमानों को आरक्षण देने का समर्थन करेंगे।
हालांकि जब पीएम मोदी ने बाला साहब का बार-बार जिक्र किया तो शनिवार को शिवसेना यूबीटी के नेता आदित्य ठाकरे ने इसका जवाब दिया था। आदित्य ने कहा था कि यह समय इतिहास के पन्ने पलटने का नहीं है। यह समय महाराष्ट्र के लिए रोटी, रोजगार के मुद्दे उठाने का है। भाजपा बताए कि महाराष्ट्र से तमाम डेवलेपमेंट प्रोजेक्ट गुजरात क्यों भेज दिए गए। भाजपा बताए कि उसने अभी तक महाराष्ट्र में कितने युवकों को नौकरियां दी हैं।
राजनीतिक विश्लेषक बार-बार बाला साहब का नाम लेने से इसे भाजपा की हताशा बता रहे हैं। क्योंकि शिवसेना शिंदे गुट से न तो लोकसभा में कोई मदद मिली और न ही विधानसभा चुनाव में मदद मिली। जिस शिवसेना को तोड़ा गया, अब उसी के संस्थापक के नाम पर वोट मांगे जा रहे हैं।
शाह ने कहा, "मैं उद्धव ठाकरे से पूछना चाहता हूं कि क्या वह कांग्रेस नेता राहुल गांधी से सावरकर के लिए दो अच्छे शब्द कहने का अनुरोध कर सकते हैं। क्या कोई कांग्रेस नेता बाला साहब ठाकरे के सम्मान में कुछ शब्द कह सकता है।"
भाजपा का घोषणापत्र जारी
अमित शाह ने रविवार को कहा कि हमारी पार्टी का 'संकल्प पत्र' महाराष्ट्र के लोगों की आकांक्षाओं का प्रतीक है, जो भक्ति आंदोलन, स्वतंत्रता संग्राम और सामाजिक क्रांति में राज्य के ऐतिहासिक महत्व को उजागर करता है। उन्होंने विपक्षी महा विकास अघाड़ी के चुनावी वादों की आलोचना करते हुए इसे विचारधारा का अपमान बताया और उन पर तुष्टिकरण को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ''चाहे केंद्र हो या राज्य, जब हमारी सरकार बनती है तो हम अपना संकल्प पूरा करते हैं।'' शाह ने कहा कि विपक्षी महा विकास अघाड़ी के चुनावी वादे विचारधारा का अपमान और तुष्टिकरण को बढ़ावा देने वाले हैं।
शाह ने शरद पवार पर भी निशाना साधा और उनसे यूपीए सरकार में मंत्री के रूप में अपने 10 साल के कार्यकाल के दौरान महाराष्ट्र में उनके योगदान का खुलासा करने को कहा। शाह ने इस बात पर जोर दिया कि भाजपा के संकल्प अटल हैं और पूरे होते हैं, चाहे राज्य में सरकार हो या केंद्र में।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को होने वाले हैं, जिसमें भाजपा ऐसी सरकार बनाना चाहती है जो राज्य की आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करे। नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।