महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा है कि महाराष्ट्र में ट्रांसफर-पोस्टिंग का रैकेट चल रहा है। फडणवीस के इस आरोप के बाद महाराष्ट्र की राजनीति और गरमा गई है। फडणवीस ने कहा है कि जिन लोगों को इंटेलिजेंस विभाग की कमिश्नर रश्मि शुक्ला ने ट्रैप किया था, ठाकरे सरकार ने उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के बजाय उन्हें उनकी मनमाफिक पोस्टिंग और ट्रांसफर दे दिया। फडणवीस इस मामले को लेकर आज शाम को केंद्रीय गृह सचिव से मुलाकात करेंगे और साथ ही मामले की जांच सीबीआई से कराने की भी मांग करेंगे।
कमिश्नर ने बिछाया जाल
फडणवीस ने कहा कि इंटेलिजेंस विभाग मार्च, 2020 से महाराष्ट्र में ट्रांसफर और पोस्टिंग के गोरखधंधे की जांच में जुटा हुआ था। इंटेलिजेंस कमिश्नर रश्मि शुक्ला को जानकारी मिली थी कि मुंबई में ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर कई जगह गुप्त मीटिंग की जा रही हैं। इसके बाद रश्मि शुक्ला ने जाल बिछाया और इस गोरखधंधे में शामिल लोगों की कॉल डिटेल और उनके फोन कॉल रिकॉर्ड करने शुरू कर दिए।
रश्मि शुक्ला ने फोन कॉल रिकॉर्ड करने और मैसेज की डिटेल जानकारी इकट्ठा करने के लिए बाकायदा एडिशनल चीफ सेक्रेट्री (होम) की भी इजाजत ली थी।
तमाम सुबूत इकट्ठा करने के बाद रश्मि ने 25 अगस्त, 2020 को महाराष्ट्र के डीजीपी सुबोध जायसवाल को एक रिपोर्ट दी जिसमें बताया गया कि लगभग दो दर्जन से ज्यादा लोगों ने ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए मुंबई में अलग-अलग लोगों से मुलाकात की है। शुक्ला ने बताया कि इन मीटिंग्स में पुलिस के कुछ आला अधिकारी और राजनीतिक दल के कुछ नेता भी शामिल थे।
सूत्रों का कहना है कि ट्रांसफर-पोस्टिंग के रैकेट में शिवसेना और एनसीपी के बड़े नेता भी शामिल हैं जो इस वक्त महाराष्ट्र सरकार में मंत्री के पद पर हैं।
26 अगस्त, 2020 को डीजीपी सुबोध जायसवाल ने महाराष्ट्र के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी सीताराम कुंटे को जानकारी दी कि इंटेलिजेंस कमिश्नर ने उन्हें एक गोपनीय जानकारी दी है, जिसमें ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़े हुए कुछ दस्तावेज हैं।
सीताराम कुंटे ने यह जानकारी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को दी। कुंटे ने उद्धव ठाकरे को यह भी बताया कि कमिश्नर इंटेलिजेंस ने उन्हें तकरीबन 6GB का डाटा भी उपलब्ध कराया। जिसमें ट्रांसफर-पोस्टिंग में शामिल लोगों की कॉल रिकॉर्डिंग और उनके मैसेज भी शामिल हैं। इसकी एक ट्रांसक्रिप्ट भी बनाकर सबूत के तौर पर रश्मि शुक्ला ने मुहैया कराई थी।
महाराष्ट्र में चल रहे सियासी घटनाक्रम पर देखिए वीडियो-
मुख्यमंत्री ठाकरे ने इस पर कार्रवाई करने के बजाए गृह मंत्री अनिल देशमुख को यह पूरा डाटा भेज दिया। लेकिन अनिल देशमुख ने भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की।
फडणवीस ने दावा किया है कि रश्मि शुक्ला ने जिन लोगों के बारे में सुबूत इकट्ठा किए थे, बाद में उन्हीं लोगों को उनके मनमाफिक ट्रांसफर और पोस्टिंग भी दे दी गई जबकि ठाकरे सरकार ने ट्रांसफर-पोस्टिंग के गोरखधंधे में शामिल ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करनी चाहिए थी।
ट्रांसफर-पोस्टिंग के खुलासे के बाद सरकार को रश्मि शुक्ला का प्रमोशन करना चाहिए था लेकिन इसके उलट महाराष्ट्र सरकार ने रश्मि पर कार्रवाई करते हुए उनको इंटेलिजेंस कमिश्नर से हटाकर साइड पोस्टिंग दे दी।
रश्मि शुक्ला।
फडणवीस ने इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है ताकि इस कथित गड़बड़झाले में शामिल लोगों पर कार्रवाई हो सके।
फडणवीस ने यह भी कहा कि उनकी सरकार के कार्यकाल के दौरान साल 2017 में इस तरह की ट्रांसफर और पोस्टिंग के रैकेट में कुछ लोग शामिल पाए गए थे जिन पर सरकार ने तत्काल कार्रवाई करते हुए 7 लोगों को गिरफ्तार किया था और उनके खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट भी फाइल की थी।