महाराष्ट्र के पुणे में शनिवार रात पोर्श कार से दो लोगों के कुचलने के आरोपी नाबालिग को स्थानीय अदालत ने जमानत दे दी। लेकिन अदालत ने जमानत के लिए कुछ शर्तें लगाई हैं, लेकिन ये शर्तें अनोखी हैं। ट्रैफिक पुलिस के साथ कुछ दिन काम करने और दुर्घटना पर निबंध लिखने जैसी सजा दी गई है।
इस तरह कोर्ट ने वारदात के 15 घंटे बाद ही आरोपी को जमानत दे दी। अदालत का यह फ़ैसला उस मामले में आया है जिसमें दो लोगों की जानें चली गईं। रियल एस्टेट एजेंट का नाबालिग बेटा दोस्तों के साथ पार्टी कर अपनी पोर्श कार से लौट रहा था। आरोप है कि वह नशे में था और उसकी पोर्श कार काफी ज़्यादा तेज थी।
पुणे में काम करने वाले मध्य प्रदेश के दो इंजीनियर, चौबीस वर्षीय अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा, दोस्तों के साथ एक समारोह में भाग लेने के बाद बाइक पर लौट रहे थे। एक पोर्श ने बाइक को टक्कर मार दी। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा है कि वह 200 किमी प्रति घंटे से अधिक की गति से चल रही थी और उस पर कोई नंबर प्लेट भी नहीं थी।
रिपोर्ट के अनुसार एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि टक्कर के बाद अश्विनी और अनीश काफ़ी दूर गिरे। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।
आरोपी के वकील प्रशांत पाटिल ने बताया कि कोर्ट ने नाबालिग के लिए दुर्घटनाओं पर निबंध लिखने, शराब पीने की आदत का इलाज कराने और काउंसलिंग सेशन लेने की शर्त रखी है। किशोर को 15 दिनों के लिए येरवडा में ट्रैफिक पुलिस के साथ काम भी करना होगा। कोर्ट के इस फैसले के बाद पुणे पुलिस ने मामले में सेशन कोर्ट में चुनौती देने का फैसला किया है।
बता दें कि मीडिया रिपोर्टों में चश्मदीदों के हवाले से पुलिस को बताया गया है कि हादसा रात सवा दो बजे हुआ। तेज रफ्तार पोर्श के नाबालिग ड्राइवर ने टक्कर मारने के बाद भागने का प्रयास किया। रिपोर्ट के अनुसार हादसे के बाद कार का एयरबैग खुल गया, इस कारण वह सड़क नहीं देख सका। फिर उसने वहीं गाड़ी पार्क कर दी। इसके बाद स्थानीय लोगों ने उसमें बैठे दो लोगों को पकड़ लिया और पिटाई शुरू कर दी। क़रीब 15 मिनट में पुलिस पहुंच गई। पूछताछ में आरोपी नाबालिग ने बताया कि 12वीं में पास करने के बाद दोस्तों के साथ पब में पार्टी करने गया था। मारे गए इंजीनियर के एक दोस्त की शिकायत पर पुलिस ने लापरवाही से मौत और ओवरस्पीड की धाराओं में एफआईआर दर्ज की।
पुलिस ने कहा है कि किशोर के पिता और उसे शराब परोसने वाले पब पर भी आरोप लगाए जाने की संभावना है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा कि पुलिस ने अदालत से आग्रह किया था कि आरोपी के साथ वयस्क जैसा व्यवहार किया जाए क्योंकि यह एक जघन्य अपराध है और उसकी हिरासत की मांग की गई थी। उन्होंने कहा कि पुलिस जमानत आदेश के खिलाफ सत्र अदालत का दरवाजा खटखटाएगी। उन्होंने कहा कि नाबालिग आरोपी के पिता, जिन्होंने बिना नंबर प्लेट वाली कार उसे चलाने के लिए दी थी और उसे पब में जाने की इजाजत दी थी, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।