ब्रिटेन सहित कई देशों में नए क़िस्म के कोरोना के ख़ौफ़ के बीच महाराष्ट्र सरकार ने फिर से रात का कर्फ्यू लगाया है। यह कर्फ्यू रात 11 बजे से सुबह छह बजे तक 5 जनवरी तक लागू रहेगा। इसके साथ ही राज्य में छह महीने के लिए लोगों को मास्क लगाना भी ज़रूरी कर दिया गया है। महाराष्ट्र के इस फ़ैसले से पहले केंद्र सरकार ने भी ब्रिटेन की उड़ानों पर 31 दिसंबर तक रोक लगा दी है। दुनिया के कई देशों ने ब्रटेन की उड़ानों पर लगाई है।
महाराष्ट्र सरकार ने जो ताज़ा फ़ैसला लिया है वह ब्रिटेन में कोरोना के नये क़िस्म (न्यू स्ट्रेन यानी म्यूटेंट) के 'बेकाबू' होने की ख़बर के बाद लिया गया है। ब्रिटेन के अलावा अन्य यूरोपीय देशों के यात्रियों, या मध्य पूर्व के देशों के किसी यात्री को भी 14-दिवसीय संस्थागत क्वॉरंटीन के लिए भेजा जाएगा। बाक़ी लोगों को भी इतने ही दिनों के लिए होम क्वॉरंटीन के नियमों का पालन करना होगा। राज्य सरकार का यह फ़ैसला सोमवार देर शाम को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा इस मुद्दे पर ली गई बैठक में लिया गया।
बता दें कि देश में सबसे ज़्यादा कोरोना संक्रमण से प्रभावित रहे महाराष्ट्र में वायरस संक्रमण का प्रसार काफ़ी कम हो गया है। पहले सितंबर महीने में जहाँ हर रोज़ संक्रमण के मामले 22,000 से अधिक आ रहे थे वहीं अब राज्य में रोज़ क़रीब 2300 केस सामने आ रहे हैं। महाराष्ट्र सरकार के फ़ैसले लेने से पहले केंद्र सरकार ने ब्रिटेन से आने वाली सारी फ़्लाइट्स पर रोक लगा दी है। यह रोक आज रात 11:59 बजे से 31 दिसंबर की रात 11:59 बजे तक लागू रहेगी। सरकार ने कहा है कि ब्रिटेन में बने हालात के कारण यह फ़ैसला लेना पड़ा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने लोगों को आश्वासन दिया है कि स्थिति नियंत्रण में है और घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह से सतर्क है।
ये फ़ैसले दरअसल इसलिए लिए जा रहे हैं क्योंकि ब्रिटेन में नये क़िस्म का कोरोना अब 'बेकाबू' हो गया है। ब्रिटेन के अधिकारियों ने ही यह कहा है कि यह 'बेकाबू' है। रविवार से ही ब्रिटेन में नये सिरे से सख़्त लॉकडाउन लगाया गया है।
ऐसा तब है जब ब्रिटेन में वैक्सीन लगाने का अभियान चलाया जा रहा है। ब्रिटेन में नये क़िस्म का कोरोना कितना ख़तरनाक है, इसका अंदाजा ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की चिंता से लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा है कि कोरोना का यह नया रूप पहले वाले से 70 फ़ीसदी अधिक तेज़ी से फैलता है। इस हिसाब से यह पहले से कहीं ज़्यादा ख़तरनाक साबित हो सकता है।
यही कारण है कि वैक्सीन आने के बाद भी कोरोना की इस नई क़िस्म से ज़्यादा खौफ़ है। यह ख़ौफ़ ब्रिटेन में ही नहीं है, बल्कि भारत सहित दुनिया भर में है। इसी ख़तरे के मद्देनज़र अधिकतर यूरोपीय देशों ने ब्रिटेन की सभी उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है। यूरोप के अलावा दुनिया भर के कई देशों ने भी ऐसे ही फ़ैसले लिए हैं।
नीदरलैंड्स ने ऐसा प्रतिबंध पहले ही लगा दिया है और बेल्जियम ऐसा करने की तैयारी में है। जर्मनी ने भी ब्रिटेन की उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है और वह दक्षिण अफ़्रीका की उड़ानों पर भी ऐसे ही प्रतिबंध लगाने की सोच रहा है। दक्षिण अफ़्रीका में भी नये क़िस्म का कोरोना पाया गया है। कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि कोरोना का यह नया स्ट्रेन न केवल ब्रिटेन व दक्षिण अफ़्रीका में बल्कि इटली, नीदरलैंड, डेनमार्क, ऑस्ट्रेलिया में भी मिला है।
सऊदी अरब ने भी रविवार को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों और सड़क और समुद्री यातायात को भी एक हफ़्ते के लिए निलंबित कर दिया है। कुवैत ने भी ब्रिटेन की उड़ानों को रद्द कर दिया है।
बता दें कि क़रीब एक हफ़्ते पहले ब्रिटेन के स्वास्थ्य अधिकारी ने इसकी पुष्टि की थी कि ब्रिटेन में नये क़िस्म का कोरोना मिला है। तब ब्रिटेन के स्वास्थ्य सचिव मैट हैंकॉक ने कहा था कि वैज्ञानिकों ने इंग्लैंड के दक्षिण में वायरस के एक 'नए प्रकार' की पहचान की है जिससे संक्रमण अपेक्षाकृत काफ़ी तेज़ी से फैल सकता है।
तब मैट हैंकॉक ने कहा था कि लंदन में हर रोज़ संक्रमण के मामलों में तेज़ी आई है और कोरोनो वायरस के 'एक नए प्रकार' से चिंताएँ बढ़ी हैं। उन्होंने कहा था कि इस नए प्रकार से संबंधित क़रीब 1000 मामलों की पहचान विशेषज्ञों ने की है।
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ऐसे ही हालात में ब्रिटेन की राजधानी लंदन ने बुधवार से 'टायर-3' यानी तीसरे स्तर की पाबंदियाँ लागू करने की घोषणा की है। इसके तहत थियेटर, पब, रेस्त्राँ और ऐसी ही दूसरी आतिथ्य से जुड़ी सेवाएँ बंद रहेंगी। हालाँकि इन जगहों से पैक किया हुआ खाना ले जाने की छूट रहेगी।
ऐसी चिंताएँ उस देश में और उस देश की राजधानी में है जहाँ सबसे पहले कोरोना वायरस की वैक्सीन लगाई जा रही है। एक बुजुर्ग को पहली वैक्सीन लगाकर इसकी शुरुआत की गई थी। फिर इसके साथ ही अग्रिम पंक्ति के कोरोना योद्धाओं के जोखिम वाले समूहों का टीकाकरण किया जा रहा है।
ब्रिटेन में स्वास्थ्य केंद्रों को सोमवार को कोविड-19 से मुक़ाबला करने वाले फाइजर/बायोएनटेक की वैक्सीन की पहली खेप मिलनी शुरू हो गयी है। टीका लगाना शुरू किया जा चुका है।