महाराष्ट्र के बुजुर्ग नेता शरद पवार ने कहा है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले महा विकास अघाड़ी (एमवीए) को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा करने की कोई जरूरत नहीं है और गठबंधन सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ेगा। यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब शिवसेना (यूबीटी) विपक्षी गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में उद्धव ठाकरे की वकालत कर रही है।
पवार ने कोल्हापुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि गठबंधन का मुख्यमंत्री इस आधार पर होगा कि कौन सी पार्टी चुनाव में सबसे अधिक सीटें जीतती है। हालांकि यह विचार शिवसेना (यूबीटी) को पहले पसंद नहीं आया था। पवार ने कहा, "सीएम के चेहरे की घोषणा न करने से कहीं कोई बाधा नहीं है। अभी इस बारे में सोचने की जरूरत नहीं है। किसे नेतृत्व करना है यह संख्या के अनुसार तय किया जाना चाहिए। चुनाव से पहले कोई व्यवस्था करने की जरूरत नहीं है।"
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अपनी बात समझाने के लिए आपातकाल के बाद की स्थिति का हवाला दिया। उस समय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव के बाद प्रधानमंत्री के रूप में मोरारजी देसाई के नाम की घोषणा की थी। पवार ने कहा- "आपातकाल के बाद मोरारजी देसाई के नाम की घोषणा की गई थी। वोट मांगते समय उनके नाम की घोषणा नहीं की गई थी। इसलिए अब सीएम चेहरे की मांग करने की कोई जरूरत नहीं है। हम एक साथ बैठेंगे और लोगों का समर्थन मिलने के बाद हम एक स्थिर सरकार देंगे।"
मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर खींचतान ने एमवीए को मुश्किल स्थिति में डाल दिया है, जिसमें कांग्रेस भी शामिल है। इससे पहले, सूत्रों ने बताया था कि शिवसेना (यूबीटी) उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने पर जोर दे रही है। हालांकि कांग्रेस ने उद्धव को गठबंधन का प्रचार प्रमुख बनाने का सुझाव दिया था।
पिछले महीने, एमवीए की एक बैठक के दौरान, उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) द्वारा समर्थित "किसी भी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार" के लिए समर्थन देने की बात कही थी। उद्धव ने कहा था- "मैं गठबंधन के सभी नेताओं से अपील करता हूं, चाहे वह पृथ्वीराज चव्हाण (कांग्रेस) हों या शरद पवार, मुख्यमंत्री के लिए अपनी पसंद की घोषणा करें और मैं बिना शर्त उनका समर्थन करूंगा।" हालांकि उनका आशय यह था कि ऐसी ही घोषणा कांग्रेस और शरद पवार भी करें और शिवसेना यूबीटी नेता के रूप में उनके नाम का प्रस्ताव करें।
2022 में अपनी पार्टी में विद्रोह के बाद ठाकरे को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा, जिससे एमवीए के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की घोषणा अभी नहीं हुई है लेकिन संभावना है कि अगले कुछ दिनों में तारीखों का ऐलान हो जाएगा। हाल के लोकसभा चुनाव में एमवीए ने महाराष्ट्र में शानदार प्रदर्शन किया था। इसमें सबसे ज्यादा नुकसान भाजपा को हुआ था।