मुकेश अंबानी एंटीलिया मामले में मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के तबादले के बाद बीजेपी अब शिवसेना पर और हमलावर हो गई है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विस्फोटक कार मामले में गिरफ्तार किए गए सचिन वाजे से उद्धव ठाकरे के संबंध का आरोप लगाया है। फडणवीस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर आरोप लगाया है कि साल 2018 में ठाकरे ने उन्हें सचिन वाजे को मुंबई पुलिस में बहाल करने के लिए फ़ोन किया था, लेकिन उन्होंने क़ानूनी सलाह लेने के बाद सचिन वाजे को मुंबई पुलिस में बहाल करने से मना कर दिया था। फडणवीस के इस बयान के बाद महाराष्ट्र की राजनीति एक बार फिर से गरमा गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे पर आरोप लगाते हुए कहा कि आख़िरकार उद्धव ठाकरे एक असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाजे की इतनी हिमायत क्यों कर रहे थे। फडणवीस ने साथ ही यह भी कहा कि सचिन वाजे और परमबीर सिंह एक छोटे मोहरे हैं, इनके पीछे कोई बड़ा आका है जिसने देश के सबसे बड़े क़ारोबारी के घर के बाहर कार में विस्फोटक रखवाने का काम किया है। फडणवीस का यह भी कहना है कि परमबीर सिंह और सचिन वाजे को इस केस के लिए सिर्फ़ इस्तेमाल किया गया है।
परमबीर सिंह के तबादले के बाद देवेंद्र फडणवीस ने परमबीर सिंह और सचिन वाजे पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। फडणवीस का कहना है कि सचिन वाजे मुंबई में उगाही का धंधा चलाते थे और उसकी जानकारी परमबीर सिंह को रहती थी। सचिन वाजे और परमबीर किसकी शह से ये सब काम कर रहे थे इसकी जाँच होनी चाहिए। फडणवीस ने कहा कि वाजे और परमबीर के पीछे जो राजनीतिक लोग उन्हें सपोर्ट कर रहे हैं उन पर एनआईए को सख़्त कार्रवाई करनी चाहिए।
इस बीच देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार रात दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाक़ात की एवं महाराष्ट्र में पैदा हुए हालात पर चर्चा की। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि प्रधानमंत्री मोदी ने देवेंद्र फडणवीस से मुकेश अंबानी एंटीलिया केस को लेकर अलर्ट रहने को कहा है।
ऐसे समय पर देवेंद्र फडणवीस की प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से हुई इस मुलाक़ात के मायने कुछ अलग हो जाते हैं, क्योंकि महाराष्ट्र में इस समय बीजेपी सचिन वाजे को लेकर शिवसेना को घेरे हुए है।
परमबीर से ठाकरे नाराज़?
उधर परमबीर सिंह के तबादले को लेकर एक बात यह भी सामने आई है कि उद्धव ठाकरे को परमबीर सिंह ने मुकेश अंबानी केस को लेकर सही जानकारी नहीं दी। साथ ही मनसुख हिरेन की मौत की जाँच को लेकर भी उद्धव ठाकरे परमबीर सिंह से नाराज़ चल रहे थे जिसका नतीजा यह हुआ कि आख़िरकार परमबीर सिंह की मुंबई पुलिस कमिश्नर के पद से छुट्टी कर दी गई।
परमबीर का तबादला क्यों?
मुंबई पुलिस के पूर्व ज्वाइंट कमिश्नर वाय सी पवार का मानना है कि परमबीर सिंह का तबादला महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई पुलिस की साख बचाने के लिए किया है। क्योंकि अगर मुकेश अंबानी एंटीलिया मामले में एनआईए परमबीर सिंह से पूछताछ करती तो यह पहला मामला होता कि किसी आईपीएस के पुलिस कमिश्नर रहते हुए किसी बड़े मामले में उससे देश की सबसे बड़ी एजेंसी ने पूछताछ की हो। यही कारण है कि राज्य की ठाकरे सरकार ने परमबीर सिंह का तबादला करना उचित समझा। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि एनआईए बहुत जल्द परमबीर सिंह से पूछताछ कर सकती है।
पानी में गिरने तक ज़िंदा थे मनसुख!
उधर मनसुख हिरेन मौत मामले की जाँच कर रही महाराष्ट्र एटीएस को मनसुख की डायटम टेस्ट रिपोर्ट मिल गई है। इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मनसुख हिरेन जब पानी में गिरे थे तो वह ज़िंदा थे। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि पहले मनसुख के साथ मारपीट की गई और फिर उनको खाड़ी में फेंक दिया। इस रिपोर्ट से यह भी साफ़ हो जाता है कि मनसुख के लंग में पानी भर गया था। मेडिकल एक्सपर्ट मानते हैं कि अगर किसी मरे हुए व्यक्ति को पानी में फेंका जाता है तो उसके शरीर में पानी नहीं भरता है। महाराष्ट्र एटीएस मनसुख हिरेन मौत मामले की हत्या के एंगल से जांच कर रही है।
एटीएस अभी भी मनसुख की विसरा रिपोर्ट और ब्लड सैंपल रिपोर्ट का इंतज़ार कर रही है जिससे यह पता लगेगा कि आख़िर मनसुख की मौत की क्या वजह थी। एटीएस को मनसुख की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का भी इंतज़ार है।
एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए गए सचिन वाजे के वकील ने एनआईए की स्पेशल कोर्ट में एक अर्जी लगाई है कि जब से एनआईए ने सचिन वाजे को गिरफ्तार किया है तब से न वाजे को वकीलों से मिलने दिया जा रहा है और न ही उसके परिवार से। वाजे के वकील ने साथ ही अपनी अर्जी में लिखा है कि उसे अकेले में सचिन वाजे से मिलने दिया जाए जिस पर गुरुवार को एनआईए कोर्ट में सुनवाई होगी।