जांच एजेंसी ईडी ने बुधवार को महाराष्ट्र सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक और उनके परिवार से जुड़ी कुछ संपत्तियों को अटैच कर लिया। ईडी ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी है। ऐसी संपत्तियों की संख्या 8 बताई गई है।
ईडी के मुताबिक, अटैच की गई संपत्तियां मलिक और उनके परिवार के स्वामित्व वाली सॉलिडस इन्वेस्टमेंट एंड मलिक इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी हैं। संपत्तियों में गोवावाला कंपाउंड, एक कमर्शियल यूनिट, कुर्ला वेस्ट में तीन फ्लैट, बांद्रा वेस्ट में दो फ्लैट और उस्मानाबाद जिले में 147 एकड़ की कृषि भूमि शामिल है।
नवाब मलिक को 23 फरवरी को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था। उन्हें गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके कुछ सहयोगियों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मुक़दमे के मामले में दर्ज किया गया था। 62 साल के नवाब मलिक इन दिनों न्यायिक हिरासत में हैं और मुंबई की आर्थर रोड जेल में हैं।
संजय राउत पर हुई थी कार्रवाई
ईडी ने कुछ दिन पहले शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत और उनके परिवार के सदस्यों की संपत्ति को भी अटैच कर लिया था। संजय राउत और उनके परिवार की ये संपत्तियां अलीबाग और दादर में हैं। इसके बाद महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर से भूचाल आया था और शिवसेना ने बीजेपी पर हमला बोल दिया था।
क्या है मामला?
ईडी ने अपने बयान में कहा है कि एक संपत्ति को हड़पने के लिए हसीना पारकर और नवाब मलिक ने मिलकर साजिश रची और इसे सही दिखाने के लिए कई कानूनी दस्तावेज भी तैयार किए। ईडी ने कहा है कि इन लोगों ने मुनिरा प्लंबर और उनकी मां मरियम गोवावाला की संपत्ति को फर्जी दस्तावेजों के जरिए अवैध रूप से सॉलिडस इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर ट्रांसफर करा लिया। हसीना पारकर अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की बहन हैं और उनकी अब मौत हो चुकी है।
ईडी ने दाऊद इब्राहिम और उसके कुछ करीबी सहयोगियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच शुरू की थी। यह जांच एनआईए की ओर से फरवरी, 2022 में दर्ज कराए गए एक मुकदमे के आधार पर शुरू की गई थी। इस मुकदमे में दाऊद गैंग के आतंकी गतिविधियों और ड्रग तस्करी में शामिल होने का जिक्र था।
ईडी ने आरोप लगाया था कि मलिक ने मुंबई के कुर्ला में 3 एकड़ से ज्यादा में फैले गोवावाला कंपाउंड को अवैध रूप से कब्जे में ले लिया था। इसकी कीमत लगभग 300 करोड़ है। ईडी ने कहा है कि वास्तव में यह संपत्ति मुनिरा प्लंबर की है।
ईडी ने कहा है कि इस संपत्ति से आने वाला 11.70 करोड़ का किराया सॉलिडस इन्वेस्टमेंट एंड मलिक इंफ्रास्ट्रक्चर के पास जाता था और यह भी प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 के तहत अपराध की श्रेणी में आता है।
लेकिन नवाब मलिक और उनके परिवार ने ईडी के सभी आरोपों को खारिज कर दिया था।
कई नेता निशाने पर
पिछले 2 सालों में केंद्रीय एजेंसियों ने एनसीपी और शिवसेना के कई नेताओं पर शिकंजा कसा है। इनमें एकनाथ खडसे, अनिल देशमुख, नवाब मलिक, अजित पवार जैसे बड़े नेताओं के नाम भी शामिल हैं। कुछ दिन पहले ईडी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बहनोई की 6.45 करोड़ की प्रॉपर्टी फ्रीज कर दी थी। उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया गया है।
इसके बाद उद्धव ठाकरे ने केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग को लेकर बीजेपी पर हमला बोला था।