मनसुख हिरेन मौत- साज़िश में शामिल सचिन वजे की गिरफ़्तारी हो: फडणवीस 

02:55 pm Mar 09, 2021 | सोमदत्त शर्मा - सत्य हिन्दी

मनसुख हिरेन की मौत के मामले में अब सनसनी आरोप लगाया गया है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में आरोप लगाया कि क्राइम ब्रांच की क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट के प्रमुख सचिन वजे कथित तौर पर मनसुख हिरेन की हत्या में शामिल थे और उनको गिरफ़्तार किया जाए। फडणवीस का कहना है कि घटना की पूरी जानकारी मनसुख की पत्नी ने उनको दी है। उन्होंने कहा कि मनसुख की पत्नी ने पुलिस को दिए अपने बयान में भी इसका खुलासा किया है। सचिन वजे ही वह अधिकारी हैं जिनको पहले मुकेश अंबानी के घर के बाहर कार में विस्फोटक सामग्री मिलने के मामले की जाँच सौंपी गई थी। 

जो कार मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली थी वह मनसुख हिरेन की थी। इस घटना के कुछ दिन बाद ही मनसुख का शव मिला था। तब कहा गया था कि मनसुख ने आत्महत्या कर ली। लेकिन आत्महत्या के ऐंगल पर संदेह जताया गया। इस मामले में बाद में हत्या का केस दर्ज किया गया।

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को विधानसभा में यह कहते हुए सनसनी फैला दी कि मनसुख हिरेन की मौत किसी सोची समझी साज़िश के तहत की गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस साज़िश के पीछे कोई और नहीं बल्कि क्राइम ब्रांच की क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट के प्रमुख सचिन वजे हैं। फडणवीस ने सचिन वजे पर आरोप लगाया कि मनसुख हिरेन की स्कॉर्पियो कार वजे के पास पिछले 4 महीने से थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि सचिन वजे ने ही मनसुख को उस दिन पूछताछ के बहाने बुलाया था जिसके अगले दिन मनसुख की लाश कलवा की खाड़ी में मिली थी।

फडणवीस ने विधानसभा में शिवसेना के एक स्थानीय नेता धनंजय गावड़े का भी नाम लिया जिन पर सचिन वजे के साथ इस साज़िश में शामिल होने का आरोप लगाया गया। 

फडणवीस ने यह भी कहा कि मनसुख के फ़ोन की आख़िरी लोकेशन धनंजय गवड़े के कार्यालय के पास दिखी। गवड़े शिवसेना के स्थानीय नेता हैं। 

धनंजय गावड़े पर आरोप लगाए जाने के बाद गावड़े ने अपने ऊपर लगे आरोपों को पूरी तरह से नकार दिया है। गावड़े का कहना है कि वह मनसुख को जानते ही नहीं हैं और सचिन वजे से भी उनका कोई लेना-देना नहीं है।

धनंजय गवड़े ने कहा, 'मेरा सचिन वजे से कोई संबन्ध नहीं है। हिरेन से कोई लिंक नहीं है। वजे ने मेरी कोई मदद नहीं की है।' रिपोर्ट के अनुसार गवड़े और वजे के नाम 2017 में वसूली के एक मामले में आए थे।

आरोप लगाया गया है कि इस मामले में सचिन वजे हिमांशु नाम के एक शख्स को गिरफ्तार करना चाहते थे और फिर उन्होंने मनसुख को जमानत दिलाने की भी बात कही थी लेकिन इसका विरोध मनसुख की पत्नी ने किया। आरोप लगाया गया कि यही कारण रहा कि मौत के एक-दो दिन बाद ही मनसुख अग्रिम जमानत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाने वाले थे लेकिन इससे पहले ही सचिन वजे को मनसुख की इस बात का पता लग गया और मनसुख को मिलने के लिए बुलाया था।

फडणवीस ने मनसुख की पत्नी का पूरा बयान पढ़ा और कहा कि वजे ने उनसे कहा था कि वह गिरफ़्तार हो जाएँ और फिर वह ज़मानत पर बाहर निकाल देंगे। इस पर उनकी पत्नी ने ऐसा करने से मना कर दिया और क़ानूनी सहायता ढूंढने की ठानी।  

एक रिपोर्ट के अनुसार पड़ोसियों ने बयान दिया है कि मनसुख पानी में डूबकर मर नहीं सकते, क्योंकि वह बच्चों को तैराकी सिखाया करते थे।

एटीएस सूत्रों से जानकारी मिली है कि महाराष्ट्र एटीएस क्राइम ब्रांच के ऑफिसर सचिन वजे से पूछताछ कर सकती है और सचिन वजे की मुश्किलें इस केस में अब बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं। फडणवीस के इस आरोप के बाद महाराष्ट्र की महा विकास आघाडी सरकार एक बार फिर बैकफुट पर आ गई है।