मुंबई को पीओके और महाराष्ट्र को पाकिस्तान बताने वालीं सिने अदाकारा कंगना रनौत को समझ जाना चाहिए कि उनके बेहूदे बयानों को अब लोग बर्दाश्त करने के लिए तैयार नहीं हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को वंशवाद का नमूना बता चुकीं कंगना की भाषा पर कई लोगों ने आपत्ति जाहिर की है। अब मुंबई की एक अदालत के एक आदेश ने उनकी मुसीबतें बढ़ा दी हैं।
मुंबई की एक अदालत ने इस अदाकारा और उनकी बहन रंगोली चंदेल के ख़िलाफ़ धर्म के आधार पर नफ़रत फैलाने और सांप्रदायिक तनाव का माहौल बनाने के आरोपों को लेकर एफ़आईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
कंगना ने बॉलीवुड में कई अभिनेताओं पर ड्रग्स लेने के आरोप लगाकर सनसनी मचा दी थी और इसके बाद उन्हें कुछ लोगों ने नसीहत दी थी कि वे पूरी इंडस्ट्री को बदनाम न करें, जो लोग ग़लत हैं, उन्हें ही कहें।
दरार डालने का आरोप
कास्टिंग डायरेक्टर साहिल अशरफ़ अली सैयद ने अदालत में याचिका दायर कर कहा है कि कंगना हिंदू और मुसलिम कलाकारों के बीच दरार डाल रही हैं और अपने लगभग सभी ट्वीट्स में दुर्भावना से धर्म को ज़रूर लाती हैं।
याचिका में उन्होंने कंगना के महाराष्ट्र के पालघर में हिंदू साधुओं की हत्या से लेकर मुंबई के अपने ऑफ़िस में अवैध निर्माण को तोड़ने वाली बीएमसी की टीम को बाबर की सेना बताने से लेकर यह दावा करने तक कि वह पहली शख़्स हैं, जिसने छत्रपति शिवाजी महाराज और झांसी की रानी लक्ष्मी बाई पर फ़िल्म बनाई है, उनके इन ट्वीट्स का हवाला दिया।
बहन पर भी आरोप
उन्होंने याचिका में मांग की थी कि कंगना और उनकी बहन के ख़िलाफ़ दुश्मनी को बढ़ावा देने और देशद्रोह की धाराओं में मुक़दमा दर्ज किया जाए। सैयद ने याचिका में कहा था कि कंगना ने बॉलीवुड इंडस्ट्री को भाई-भतीजावाद से भरी, ड्रग्स के आदियों और सांप्रदायिक रूप से पक्षपाती लोगों वाली जगह बताया था। याचिका में उन्होंने कहा था कि कंगना की बहन ने भी सोशल मीडिया पर ऐसी टिप्पणियां की थीं जिससे दो धर्मों के लोगों के बीच सांप्रदायिक तनाव बढ़ता हो।
बांद्रा मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट जयदेव वाई घुले ने दलीलों को सुनने के बाद कहा कि याचिका में लगाए गए तमाम आरोप इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में की गई टिप्पणियों के आधार पर हैं और किसी विशेषज्ञ से इनकी जांच करानी जरूरी है। अदालत ने पुलिस को निर्देश देते हुए कहा कि वह अभिनेत्री और उनकी बहन के ख़िलाफ़ ज़रूरी कार्रवाई और जांच शुरू करे।
किसानों पर बेहूदी टिप्पणी
कंगना रनौत ने कुछ दिन पहले बदजुबानी की सरहदों को लांघते हुए केंद्र सरकार के कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे किसानों को आतंकी बता दिया था। कंगना ने लिखा था- ‘ये वही आतंकी हैं, नागरिकता क़ानून (सीएए) से एक भी इंसान की नागरिकता नहीं गयी मगर इन्होंने ख़ून की नदियां बहा दीं।’
इसे लेकर कंगना के ख़िलाफ़ कर्नाटक में एफ़आईआर भी दर्ज की गई थी।
कंगना ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के लिए जिस भाषा का इस्तेमाल किया था, उससे आम लोग भी सन्न रह गए थे। उन्होंने उद्धव को तू कहकर संबोधित किया था। बीएमसी के द्वारा अपने ऑफ़िस में अवैध निर्माण को लेकर कार्रवाई करने पर कंगना ने कहा था, ‘उद्धव ठाकरे तुझे क्या लगता है कि तूने फ़िल्म माफिया के साथ मिलकर मेरा घर तोड़कर मुझसे बहुत बड़ा बदला लिया है। आज मेरा घर टूटा है, कल तेरा घमंड टूटेगा। ये वक़्त का पहिया है, याद रखना हमेशा एक जैसा नहीं रहता।’