महा विकास आघाडी में शामिल कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के उद्धव गुट के कार्यकर्ता शनिवार को राज्य की एकनाथ शिंदे-बीजेपी सरकार के खिलाफ मुंबई में सड़क पर उतरे। इसके जवाब में बीजेपी ने भी मुंबई में प्रदर्शन किया।
महा विकास आघाडी की ओर से बायकुला चिड़ियाघर से आजाद मैदान तक मार्च निकाला गया। मार्च में महा विकास आघाडी के सभी दलों के कार्यकर्ता शामिल हुए। इसे महा विकास आघाडी का शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है।
मार्च में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उनकी पत्नी रश्मि ठाकरे, महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजित पवार, महाराष्ट्र एनसीपी अध्यक्ष जयंत पाटिल सहित तमाम बड़े नेता शामिल हुए। मार्च में शामिल होने के लिए पुणे और आसपास के कई इलाकों से कार्यकर्ता मुंबई पहुंचे थे।
महा विकास आघाडी के नेताओं ने मार्च के दौरान राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज पर दिए गए बयान, महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद, बेरोजगारी, महाराष्ट्र से फैक्ट्रियों का गुजरात जाना, महंगाई आदि मुद्दों को उठाया।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की जनता छत्रपति शिवाजी महाराज, डॉ. सावित्रीबाई फुले और अन्य महान हस्तियों के खिलाफ कही गई किसी भी बात को बर्दाश्त नहीं करेगी।
मुंबई में जल्द ही बीएमसी के चुनाव भी होने हैं और इसके जरिए महाविकास आघाडी के दलों ने बीजेपी-एकनाथ शिंदे सरकार को घेरने की कोशिश की है।
जून में महा विकास आघाडी की सरकार गिरने के बाद यह पहला प्रदर्शन था जिसमें कांग्रेस, एनसीपी और उद्धव गुट के कार्यकर्ता एक साथ शामिल हुए।
देवी-देवताओं के अपमान का आरोप
दूसरी ओर, बीजेपी और एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना भी मैदान में उतरी है और महा विकास आघाडी के नेताओं से डॉक्टर भीमराव अंबेडकर और हिंदू देवी-देवताओं के अपमान पर माफी की मांग को लेकर प्रदर्शन किया है।
मुंबई बीजेपी के अध्यक्ष आशीष शेलार ने कहा है कि शिवसेना उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने डॉक्टर अंबेडकर के जन्म स्थान को लेकर विवाद पैदा करने की कोशिश की है जबकि एक अन्य नेता सुषमा अंधारे ने भगवान राम, कृष्ण, संत ज्ञानेश्वर और संत एकनाथ के साथ ही वारकरी समुदाय का भी अपमान किया है।
पुलिस के पुख्ता इंतजाम
इस बड़े प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने बड़े पैमाने पर इंतजाम किए थे और अच्छी खासी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया।
द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, मुंबई पुलिस ने कहा कि कुल ढाई हजार पुलिसकर्मियों को मार्च के रुट में तैनात किया गया जिससे कानून और व्यवस्था की कोई परेशानी ना हो। इसके अलावा स्टेट रिजर्व पुलिस फोर्स के जवानों और दंगा नियंत्रण वाहनों को भी इस दौरान अलर्ट मोड में रखा गया। पुलिस ने ड्रोन कैमरे से भी इलाके की निगरानी की।