महाराष्ट्रः शिंदे गुट की बैठक, इस्तीफे पर भाजपा ने कहा- सब अफवाह
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कल बुधवार शाम को अपने घर पर शिवसेना के अपने विधायकों की बैठक बुलाई थी। इस बैठक से पहले शिंदे समर्थक तमाम विधायकों ने अजीत पवार गुट को सरकार में शामिल किए जाने का विरोध किया था। विधायकों ने शिंदे पर फैसला लेने का दबाव बनाया। लेकिन बैठक के बाद शिंदे के समर्थकों ने कहा कि मीटिंग इस मुद्दे पर नहीं थी। भाजपा ने भी तमाम बातों को अफवाह करार दिया। शिंदे गुट और भाजपा की ओर से इस बैठक को लेकर जो सफाई आई है, वो किसी के गले नहीं उतर रही है।
एनसीपी के अजीत पवार ने कल के अपने संबोधन में भी अपनी इच्छा को जाहिर कर दिया कि वो मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। उन्होंने चाचा शरद पवार के मुकाबले विधायकों की ज्यादा भीड़ जुटाकर भाजपा नेतृत्व को स्पष्ट संकेत भी दे दिया कि उनकी महत्वाकांक्षा अपने विधायकों के दम पर है। उनके इस बयान के बाद शिंदे के इस्तीफे की अफवाहें ज्यादा फैलीं।
बहरहाल, अंदर जो भी चल रहा हो। शिंदे गुट का आधिकारिक बयान आ गया है। वर्षा बंगले में एकनाथ शिंदे के साथ शिवसेना नेताओं की बैठक खत्म होने के बाद महाराष्ट्र के मंत्री उदय सामंत ने कहा, 'सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में लोकसभा के आगामी सत्र, महाराष्ट्र विधानसभा के सत्र को लेकर बैठक हुई। सांसदों, विधान पार्षदों को भविष्य में विकास कार्य कैसे करना है, संगठन को कैसे बढ़ाना है...कहीं भी हमारे विधायकों में कोई नाराजगी नहीं है (अजीत पवार के आगमन को लेकर), हम सभी को एकनाथ शिंदे पर भरोसा है...एकनाथ शिंदे का इस्तीफा अफवाह है... सभी सांसदों और विधायकों के चुनाव एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में होंगे...।" लेकिन शिंदे गुट इस सवाल का जवाब देने से कतरा रहा है कि शिंदे को नागपुर जाना था लेकिन अपनी नागपुर यात्रा छोड़कर वो विधायकों के साथ बैठक करने क्यों आए। अगर वहां मुद्दा अजीत पवार और एनसीपी को लेकर नहीं था तो कल हुई बैठक तो बाद में भी हो सकती थी।
#WATCH | Mumbai: Maharashtra Minister Uday Samant after Shiv Sena leaders meeting with Eknath Shinde concludes at Varsha bungalow, says, "Under the leadership of CM Eknath Shinde, there was a meeting regarding upcoming session of the Lok Sabha, the session of Maharashtra… pic.twitter.com/lBpRwcnDTq
— ANI (@ANI) July 5, 2023
महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले ने शिंदे के मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही अटकलों पर स्पष्ट किया कि विपक्षी दल जानबूझकर भ्रम पैदा कर रहे हैं। उन्होंने पुष्टि की कि शिंदे राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में काम करते रहेंगे।
एएनआई के मुताबिक चंद्रशेखर बावनकुले ने बताया, "देवेंद्र फणनवीस सहित हमारे सभी वरिष्ठ नेता पहले ही बता चुके हैं कि एकनाथ शिंदे सीएम बने रहेंगे। वह राज्य के लिए अच्छा काम कर रहे हैं। विपक्षी दल भ्रम पैदा कर रहे हैं।"
इसी मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्र के मंत्री शंभुराज देसाई सीएम एकनाथ शिंदे के समर्थन में सामने आए और कहा कि कोई भी नेता नाखुश नहीं है और उन्हें एकनाथ शिंदे के नेतृत्व पर पूरा भरोसा है।
उन्होंने कहा, "सीएम एकनाथ शिंदे के इस्तीफे का कोई सवाल ही नहीं है। हमारे पास 200 से ज्यादा विधायकों का समर्थन है। कोई भी नेता नाखुश नहीं है और सभी को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व पर भरोसा है।"
बता दें कि एकनाथ शिंदे, 16 विधायकों के साथ, जो लगभग एक साल पहले शिवसेना से अलग हो गए थे, संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार "अयोग्यता" का सामना कर सकते हैं। हाल ही में विधानसभा स्पीकर ने इशारा किया है कि वो जल्द ही विधायकों की अयोग्यता के मामले की सुनवाई करेंगे। तमाम कानूनविद इशारा कर रहे हैं कि शिंदे समेत सभी शिवसेना विधायकों को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया जा सकता है। इस वजह से अफवाहों को और बल मिल रहा है।
शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत का कहना है कि महाराष्ट्र के वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को निकट भविष्य में बदला जा सकता है। एनसीपी के प्रमुख नेता अजीत पवार के आठ अन्य विधायकों के साथ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार में शामिल होने के फैसले के बाद यह स्थिति बनी है।
शिवसेना यूबीटी यानी उद्धव ठाकरे की पार्टी के अखबार सामना ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि "अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की तीसरी बार शपथ लेकर एक रिकॉर्ड बनाया है, लेकिन इस बार 'डील' फाइनल हो गई है। पवार सिर्फ उपमुख्यमंत्री पद के लिए नहीं गए हैं। जल्द ही, संविधान के अनुसार, एकनाथ शिंदे और उनके बागी विधायकों को अयोग्य ठहराया जाएगा और अजीत पवार की ताजपोशी होगी।''
बता दें कि अजीत पवार एनसीपी से कुछ विधायकों को लेकर सरकार में शामिल हो गए। अजीत सहित 9 को मंत्री बना दिया गया। शिंदे गुट जब उद्धव सरकार से अलग हुआ था तो उसने यही कहा था कि अजीत पवार के वित्त मंत्री होने की वजह से सारी योजनाएं और पैसा एनसीपी विधायकों को दे रहे है। सरकार पवार परिवार चला रहा है। अब वही अजीत पवार फिर से वित्त विभाग पाने जा रहे हैं। ऐसे में शिंदे गुट अब क्या करेगा, उसी पर महाराष्ट्र की राजनीति टिकी हुई है।