अविभाजित मध्य प्रदेश की दिग्विजय सिंह सरकार में उप-मुख्यमंत्री रहे प्यारेलाल कंवर के छोटे बेटे, बहू और पोती के अंधे कत्ल की वारदात का खुलासा हो गया है। डिप्टी सीएम रहे कंवर के बड़े बेटा और बहू ने जायदाद पर कब्जे के लिए साजिश रचते हुए हत्याकांड को अंजाम दिया।
कोरबा पुलिस ने हत्या के आरोप में पूर्व उपमुख्यमंत्री के बड़े बेटे और उनकी पत्नी सहित कुल पाँच लोगों को गिरफ़्तार किया है। अभियुक्तों में एक नाबालिग भी है।
छत्तीसगढ़ के कोरबा ज़िले के भैसमा ग्राम में बुधवार सुबह उप-मुख्यमंत्री कंवर के छोटे बेटे हरीश कंवर, हरीश की पत्नी सुमित्रा कंवर और बेटी आशी कंवर के क्षत-विक्षत शव मिले थे। तीनों को बेरहमी से धारधार हथियार से काट दिया गया था।
धारदार हथियारों से हत्या
आरंभिक सूचनाओं में सामने आया था कि कुछ अज्ञात लोगों ने तड़के घर में घुसकर हरीश और उनके परिवार के सदस्यों पर हमला बोला था। धारधार हथियारों से किये गये ताबड़तोड़ हमलों में किसी को भी बचने का मौका नहीं मिला था और तीनों सदस्यों की मौके पर ही मौत हो गई थी।
घटना के वक्त हरीश की माँ जीवन बाई कंवर भी घर पर थीं। उनकी आंखें पूरी तरह से ख़राब हो चुकी हैं। आवाजें सुनकर वे हरीश के कमरे में पहुंची थीं, लेकिन आरोपियों ने धक्का देकर उन्हें ज़मीन पर गिरा दिया। घटना को अंजाम देने के बाद अभियुक्त भाग खड़े हुए थे। चूंकि जीवन बाई की आंखों में रोशनी नहीं है, लिहाजा वे अभियुक्तों के बारे में कुछ भी नहीं बता पायीं थीं।
मॉर्निंग वॉक पर गये थे
पड़ताल में यह भी सामने आया कि घर के अन्य हिस्से में रहने वाले हरीश के बड़े भाई हरभजन कंवर, उनकी पत्नी धनकुंवर और दो बेटियां सुबह चार बजे मार्निंग वॉक पर गये थे। जब ये लोग वॉक से लौटे थे तब तक हरीश और उनके परिवारजनों की हत्या हो चुकी थी।
वॉक से लौटते ही हरभजन और उनकी पत्नी धनकुंवर ने आस-पड़ोस के लोगों को घटनाक्रम की सूचना दी थी। ये लोग बदहवासी प्रकट कर रहे थे।
सूचना पर पुलिस आयी थी। पुलिस ने आरंभिक जाँच के बाद ही संकेत दिये थे कि घटना में किसी अपने का हाथ है। जल्दी ही हत्याकांड की गुत्थी सुलझा लेने का भरोसा भी पुलिस ने दिलाया था।
धनकुंवर थी मास्टर माइंड
पुलिस ने जाँच के बाद सबसे पहले धनकुंवर के भाई परमेश्वर को दबोचा। उसके चेहरे पर चोट के ताजा निशान थे। परमेश्वर ने पुलिस को गुमराह किया कि सड़क दुर्घटना में उसे यह चोट आयी है। पुलिस सख्त हुई तो परमेश्वर टूट गया।
परमेश्वर ने बताया अपनी बहन धनकुंवर और जीजाजी हरभजन कंवर के साथ हो रहा भेदभाव उसे नागवार गुजर रहा था। परमेश्वर के अनुसार डिप्टी सीएम स्वर्गीय कंवर की पूरी जायजाद पर हरीश का कब्जा था। हरीश और उसकी पत्नी बड़े भाई, भाभी और उनकी बिटियाओं को पैसे-पैसे के लिए तरसाते थे।
धनकुंवर और सुमित्रा में नहीं पटती थी। दोनों परिवार एक ही घर के दो हिस्सों में रहते थे, लेकिन साल भर से दोनों परिवारों के बीच बातचीत तक बंद थी। धनकुंवर आर्थिक तौर पर अत्याधिक परेशान थी। बेटियों की शिक्षा के लिए धन की कमी भी उसे लगातार बेचैन किये हुए थे।
धनकुंवर ने भाई परमेश्वर के साथ मिलकर तीनों को ठिकाने लगाने की साजिश रची। हरभजन भी तैयार हो गया।
योजना के तहत मार्निंग वॉक पर जाते हुए बुधवार तड़के ये लोग घर को खुला छोड़ गये। इसके बाद परमेश्वर अपने दो साथियों के साथ मिलकर घर में घुस गया। योजना के तहत ये लोग बकरे को काटने वाला कत्ता (हथियार) अपने साथ लाये थे।
अभियुक्तों ने सोते हुए हरीश, उसकी पत्नी और बिटिया पर हमला बोल दिया। हरीश ने संघर्ष किया। इसी के चलते अभियुक्तों को भी चोटें आयीं। लेकिन तीनों के आगे हरीश, उसकी पत्नी और बिटिया हार गये। तीनों की जानें चली गईं।
पाँच आरोपी गिरफ्तार, एक नाबालिग
पुलिस ने हरीश और उसके परिजनों की हत्या के आरोप में पूर्व उपमुख्यमंत्री स्वर्गीय प्यारेलाल कंवर के बड़े बेटे हरभजन कंवर, हरभजन की पत्नी धनकुंवर कंवर, धनकुंवर के भाई परमेश्वर, परमेश्वर के दोस्त सुरेन्द्र और रामप्रसाद मन्नेवार को गिरफ़्तार किया है।
मोबाइल लोकेशन से गुत्थी सुलझी
अंधे कत्ल की गुत्थी को सुलझाने में परमेश्वर के मोबाइल की लोकेशन ने पुलिस की मदद की। इसके अलावा आसपास के सीसीटीवी कैमरे भी गुत्थी को सुलझाने में सहायक बने। हत्या के वक्त परमेश्वर की मोबाइल की लोकेशन हरीश के घर के पास मिली थी। सीसीटीवी कैमरों में अपने चेहरों को बांधे तीन लोग भी इसी घर के आसपास नजर आये थे। पुलिस ने जब परमेश्वर को पकड़ा था तब वह नशे की हालत में मिला था।